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चीन ने अमेरिका को दी सीधी चेतावनी, संभले नहीं तो टकराव होगा

८ मार्च २०२३

बीजिंग में जारी सालाना नेशनल पीपल्स कांग्रेस के दौरान चीन से युद्ध और टकराव की चेतावनियां आ रही हैं. चीनी विदेश मंत्री ने अमेरिका को सीधे शब्दों में चेतावनी दी है.

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तस्वीर: imago images/Xinhua

चीन ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा है कि या तो अपना रवैया बदले नहीं तो टकराव हो सकता है. मंगलवार को चीनी नेताओं ने अमेरिका पर तनाव बढ़ाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह तनाव बढ़कर आमने-सामने के टकराव में भी बदल सकता है.

चीन के नए विदेश मंत्री किन गांग ने बीजिंग में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अगर अमेरिका इसी दिशा में आगे बढ़ता रहा तो नतीजे विनाशक हो सकते हैं. उन्होंने कहा, "अगर अमेरिका रुकता नहीं है और गलत दिशा में आगे बढ़ता रहता है तो सुरक्षा के तमाम उपाय भी पटरी से उतरने से नहीं रोक पाएंगे और निश्चत तौर पर आमने सामने का टकराव हो सकता है.”

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बीजिंग में चीन की सालाना पीपल्स नेशनल कांग्रेस चल रही है जिसमें चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी के करीब तीन हजार प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं. इस सम्मेलन से इतर मीडिया से बातचीत में किन ने कहा कि अमेरिका चीन के साथ प्रतिद्वन्द्विता को लेकर एक लापरवाह जुआ खेल रहा है जिसमें दोनों देशों के लोगों का ही नहीं बल्कि पूरी मानवता भविष्य दांव पर लगा है. उन्होंने कहा, "यह जिंदगी और मौत का खेल है जिसमें किसी की जीत नहीं होगी.”

लगातार बढ़ता तनाव

इस तीखी चेतावनी के जवाब में अमेरिका ने कहा है कि वह चीन के साथ किसी तरह का विवाद नहीं चाहता और उसके रिश्ते रणनीतिक प्रतिद्वन्द्विता पर आधारित हैं. व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन कर्बी ने कहा, "चीनी विदेश मंत्री का पूरा सम्मान है लेकिन जहां तक द्विपक्षीय संबंधों का सवाल है तो अमेरिका के रवैये में कोई बदलाव नहीं हुआ है.”

बीजिंग में जारी पीपल्स नेशनल कांग्रेस
बीजिंग में जारी पीपल्स नेशनल कांग्रेसतस्वीर: Thomas Peter/REUTERS

कर्बी ने कहा, "इस बेहद महत्वपूर्ण रिश्ते को लेकर हमारे रुख में ऐसा कुछ नहीं है जिससे किसी को लगे कि हम टकराव चाहते हैं. हमारा मकसद मुकाबला करना है और हम चीन से वह मुकाबला जीतना चाहते हैं लेकिन हम इसे बस इसी स्तर पर रखना चाहते हैं.”

दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के रिश्ते हाल के सालों में लगातार तनावग्रस्त रहे हैं. व्यापार, मानवाधिकार और अन्य कई मसलों को लेकर दोनों पक्ष एक दूसरे के आमने-सामने रहे हैं. पिछले महीने यह तनाव और बढ़ गया जब अमेरिका ने यह कहते हुए चीन के एक गुब्बारे को ध्वस्त कर दिया कि चीन उसकी जासूसी कर रहा था. चीन इस आरोप को बेबुनियाद बताता है.

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किन की इस टिप्पणी से पहले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी अमेरिका को खरी-खोटी सुनाई थी. अपने भाषण में उन्होंने कहा था कि अमेरिका "चीन को रोकने, घेरने और दबाने” की कोशिशें कर रहा है. उन्होंने अपने देश के निजी क्षेत्र से कहा कि नई खोजें करें और देश को आत्मनिर्भर बनाएं.

हाल के महीनों में अमेरिका और उसके सहयोगी पश्चिमी देशों ने चीन पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं जिसका असर देश की तकनीकी महत्वाकांक्षाओं पर पड़ा है. मसलन, अमेरिका ने चीनी चिप निर्माता कंपनियों को प्रतिबंधित कर दिया है. उसका कहना है कि चीनी सेना इस तकनीक का इस्तेमाल कर सकती है, जो अमेरिकी सुरक्षा के लिए खतरा है.

और मजबूत बनने की ओर चीन

इन प्रतिबंधों के चलते कारण चीन ने खासकर उन क्षेत्रों में निर्यात को कम करने की कोशिशें दोगुनी कर दी हैं जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अहम हैं. इनमें सेमीकंडक्टर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्र शामिल हैं.

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बतौर राष्ट्रपति ऐतिहासिक तीसरे कार्यकाल की तैयारी कर रहे शी जिनपिंग ने नेशनल कांग्रेस में कहा कि बीते पांच सालों में चीन की आर्थिक उन्नति के सामने नए खतरे और बाधाएं पैदा हुई हैं. सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों मोर्चों पर और देश को विशाल और जटिल बदलावों से लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए.

69 वर्षीय शी ने कहा कि निजी क्षेत्र को उच्च गुणवत्ता वाले विकास के लिए नई पहलें करनी चाहिए. उन्होंने देश की निर्माण क्षमता में वृद्धि का आहवान करते हुए कहा कि चीन को अपनी रक्षा-सुरक्षा में सक्षम होना चाहिए. उन्होंने कहा, "मैंने हमेशा कहा है कि चीन के दो अहम क्षेत्र हैं, एक धान के कटोरे की सुरक्षा और दूसरा मजबूत निर्माण क्षेत्र का विकास. 1.4 अरब लोगों के एक महान देश के तौर पर हमें खुद पर निर्भर होना चाहिए. हम अपनी सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजारों पर निर्भर नहीं रह सकते.”

वीके/एए (रॉयटर्स, एएफपी)

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