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जर्मन धुर दक्षिणपंथी पार्टी के दफ्तरों पर क्यों पड़े छापे

२९ सितम्बर २०२२

जर्मनी की धुर दक्षिणपंथी पार्टी एएफडी के मुख्यालय और कई ठिकानों पर बुधवार को छापे पड़े. पार्टी को मिले दान के बारे में गलत जानकारी देने के आरोपों की जांच हो रही है.खुफिया एजेंसियां पहले से ही पार्टी निगरानी कर रही हैं.

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जर्मनी की धुर दक्षिण पंथी पार्टी के दफ्तरों पर छापे
बर्लिन समेत एएफडी के कम से कम सात ठिकानों पर छापे मारे गये हैंतस्वीर: Paul Zinken/picture alliance/dpa

अल्टरनेटिव फॉर डॉयचलैंड यानी एएफडी पार्टी ने खाते को जो ब्यौरा जर्मन संसद के अध्यक्ष को सौंपा है उसमें कुछ गड़बड़ियों की आशंका जतायी गयी है. ये खाते 2016, 2017 और 2018 में पार्टी को मिले दान से जुड़े हैं. छापा मारने वाले अभियोजकों ने बताया है कि पार्टी पर राजनीतिक दल एक्ट का उल्लंघन करने और भरोसा तोड़ने के संदेह में जांच की जा रही है.

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राजधानी बर्लिन के अलावा बाडेन वुर्टेमबर्ग, बवेरिया और नॉर्थ राइनवेस्टफेलिया राज्य में छह से ज्यादा ठिकानों पर बुधवार को छापेमारी शुरू हुई. पार्टी ने अपने खातों का जो ब्यौरा सौंपा है उसी के सिलिसले में शुरुआती जांच के तहत ये छापे मारे गये हैं. अभियोजकों ने इस मामले में पार्टी के पूर्व प्रमुख योएर्ग मॉयथेन और पूर्व कोषाध्यक्ष को जिम्मेदार माना है.

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अभियोजन कार्यालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, "अभियुक्तों पर जर्मन पॉलिटिकल पार्टीज एक्ट और भरोसा तोड़ने का संदेह है, क्योंकि जर्मन संसद के अध्यक्ष को 2016, 2017 और 2018 के लिये खातों का ब्यौरा सौंपा गया उसमें कथित रूप से पार्टी को मिले दान के बारे में गलत जानकारी है और इन ब्यौरों के लिये यही लोग जिम्मेदार हैं."

जर्मनी की धुर दक्षिणपंथी पार्टी के दफ्तरों पर छापे
एएफडी पार्टी के नेता योर्ग मॉयथेन और एलिस वाइडेलतस्वीर: Sina Schuldt/picture alliance/dpa

पार्टी के खातों में गलत जानकारी

जर्मन मीडिया में भी इस तरह की खबरें आती रही हैं कि पार्टी ने संसद को 2016 से 2018 के लिये जो अकाउंटीबिलिटी रिपोर्ट सौंपी थी उसमें कथित रूप से गलत जानकारी दी गई थी. पार्टी ने बयान जारी कर छापे मारे जाने की निंदा की है. पार्टी का कहना है, "सुबह से ही बर्लिन का अभियोजन विभाग अल्टरनेटिव फॉर डॉयचलैंड के संघीय मुख्यालयों की इमारतों की तलाशी ले रहा है, इसके पहले एएफडी को सफाई देने का कोई मौका नहीं दिया गया जिससे कि सच्चाइयों को परखा जाये."

पार्टी के सहनेताओं टिनों श्रुपल्ला और एलिस वाइडेल ने छापे की निंदा की है. वाइडेल का कहना है कि यह एक बिल्कुल, "अनोखी घटना है और एएफडी का दमन करने के लिए बेहद अनुचित कदम उठाये गये हैं." श्रुपल्ला ने कहा है, "अगर अभियोजकों ने हमसे पूछा होता तो हम इसका जवाब देते और इस बारे में दस्तावेज मुहैया कराते."

छापा मारने वाले अधिकारी दफ्तरों में मॉयथेन और पार्टी के पूर्व कोषाध्यक्ष क्लाउस गुएंथर फॉरमान के आधिकारिक ईमेल की पड़ताल कर रहे हैं. जर्मनी के सरकारी प्रसारक एआरडी के मुताबिक मॉयथेन के खिलाफ इस साल जनवरी से ही जांच चल रही है. वह यूरोपीय संसद के सदस्य हैं और उन्हें इस नाते मिले विशेषाधिकार को भी हटा लिया गया है. एएफडी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जांच अधिकारियों ने, "पूरा हार्ड डिस्क, मेलबॉक्स और फाइल फोल्डर कॉपी किया है." अभियोजन विभाग ने भी इस बात की पुष्टि की है कि उसने "दस्तावेज और डाटा कैरियर जब्त किये हैं और उनकी अब जांच की जा रही है."

धुर दक्षिणपंथी पार्टी के दफ्तरों पर छापे
जर्मनी में आप्रवासियों का विरोध करती है एएफडीतस्वीर: Martin Schutt/dpa/picture alliance

एएफडी की निगरानी

एएफडी जर्मनी में दूसरे विश्वयुद्ध के बाद पहली धुर दक्षिणपंथी पार्टी है जो संसद के अंदर पहुंचने में सफल हुई. 2014 में सीरिया से बड़ी संख्या में आप्रवासियों के जर्मनी आने के बाद एएफडी पार्टी का तेजी से उभार हुआ और 2017 के राष्ट्रीय चुनाव में पार्टी ने इतने वोट हासिल कर लिये कि वह संसद के अंदर तक पहुंच गई.

कट्टरपंथी पार्टी जर्मनी की आप्रवासी और अल्पसंख्यक नीतियों के साथ ही कई और मुद्दों पर सरकार की प्रमुख आलोचक रही है. पार्टी अयोग्य लोगों के जर्मनी आ कर बसने का विरोध करती है. कोरोना काल में जारी पाबंदियों के विरोध में भी पार्टी ने कई शहरों में प्रदर्शन किये और एक बार तो संसद में भी घुसने की कोशिश की. इसी साल एक जर्मन अदालत ने खुफिया एजेंसियों को पार्टी पर निगरानी रखने की अनुमति भी दी थी. जर्मनी में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हुए हमलों में शामिल लोगों के पार्टी से संबंध रखने के संदेह भी जताये गये हैं. 

एनआर/आरपी (एपी, डीपीए)