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चीन, पाकिस्तान में धार्मिक स्वतंत्रता का हो रहा हनन: अमेरिका

९ जनवरी २०२४

धार्मिक स्वतंत्रता के गंभीर उल्लंघन का आरोप लगाते हुए अमेरिका ने चीन और पाकिस्तान को "विशेष चिंता वाला देश" करार दिया है. पााकिस्तान ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है.

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पाकिस्तान
पाकिस्तानतस्वीर: Reuters/A. Soomro

अमेरिका ने चीन, उत्तर कोरिया और पाकिस्तान पर "धार्मिक स्वतंत्रता के गंभीर हनन में शामिल" होने का आरोप लगाते हुए तीनों को "विशेष चिंता वाले देश" के रूप में नामित किया है.

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा कि 1998 में अमेरिकी कांग्रेस द्वारा अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम पारित करने और उसे लागू करने के बाद से धर्म या विश्वास की स्वतंत्रता को आगे बढ़ाना अमेरिकी विदेश नीति का प्रमुख उद्देश्य रहा है.

ब्लिंकेन ने अमेरिकी विदेश नीति की इसी "स्थायी प्रतिबद्धता" के तहत कहा कि उन्होंने म्यांमार, चीन, क्यूबा, ​​उत्तर कोरिया, इरिट्रिया, ईरान, निकारागुआ, पाकिस्तान, रूस, सऊदी अरब, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान को "धार्मिक स्वतंत्रता के विशेष रूप से गंभीर हनन में शामिल होने या सहन करने के लिए विशेष चिंता वाले देश" के रूप में नामित किया.

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चिंता वाले संगठन

ब्लिंकेन ने अल्जीरिया, अजरबैजान, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, कोमोरोस और वियतनाम को धार्मिक स्वतंत्रता के गंभीर उल्लंघनों में शामिल होने या सहन करने के लिए विशेष निगरानी सूची वाले देशों के रूप में नामित किया है.

अमेरिका ने अल-शबाब, बोको हराम, हयात तहरीर अल-शाम, हूथी, आईएसआईएस-साहेल, आईएसआईएस-पश्चिम अफ्रीका, अल-कायदा से जुड़े जमात नस्र अल-इस्लाम वल-मुस्लिमिन और तालिबान जैसे संगठनों को "विशिष्ट चिंता" की सूची में डाला है.

ब्लिंकेन ने एक बयान में कहा, "सरकारों को धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों और उनके पूजा स्थलों पर हमले, सांप्रदायिक हिंसा और शांतिपूर्ण अभिव्यक्ति के लिए लंबे कारावास, दमन और धार्मिक समुदायों के खिलाफ हिंसा के आह्वान जैसे अन्य उल्लंघनों को समाप्त करना चाहिए, जो दुनिया में कई जगहों पर होते हैं."

पाकिस्तान ने आरोपों को किया खारिज

इस्लामाबाद में पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने सोमवार को "विशेष चिंता का देश" घोषित करने के अमेरिका के कदम को "पक्षपातपूर्ण आकलन" करार देते हुए खारिज कर दिया.

पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा "पाकिस्तान एक बहुलवादी देश है, जिसमें अंतर-धार्मिक सद्भाव की समृद्ध परंपरा है और इसने अपने संविधान के अनुरूप धार्मिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने और अल्पसंख्यक अधिकारों की रक्षा के लिए व्यापक उपाय किए हैं."

बयान में आगे कहा गया, "हम अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा पाकिस्तान को विशेष चिंता वाले देश के रूप में नामित किए जाने को स्पष्ट रूप से खारिज करते हैं. हम इस बात से बेहद निराश हैं कि यह दर्जा पक्षपातपूर्ण और मनमाने मूल्यांकन पर आधारित है, जो जमीनी हकीकत से अलग है."

ब्लिंकेन का कहना है कि दुनिया भर में धार्मिक स्वतंत्रता की चुनौतियां संरचनात्मक, प्रणालीगत और गहरी जड़ें जमा चुकी हैं. उन्होंने ने कहा, "लेकिन उन लोगों की विचारशील, निरंतर प्रतिबद्धता के साथ जो घृणा, असहिष्णुता और उत्पीड़न को यथास्थिति के रूप में स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं, हम एक दिन एक ऐसी दुनिया देखेंगे जहां सभी लोग सम्मान और समानता के साथ रहेंगे."

रिपोर्ट: आमिर अंसारी