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अफ्रीका के अकाल से निपटने जुटी दुनिया

२५ अगस्त २०११

अफ्रीकी देशों के नेताओं की भेंट में सोमालिया के अकाल और हॉर्न ऑफ अफ्रीका में भारी सूखे से निबटने के लिए सहायता राशि तय की जाएगी. इलाके के लाखों लोग भूखमरी के संकट का सामना कर रहे हैं.

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तस्वीर: dapd
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इथियोपिया की राजधानी अदीस अबाबा में हो रहे सम्मेलन से पहले अफ्रीकी संघ के आयोग प्रमुख ज्यां पिंग अफ्रीकी नेताओं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सवा करोड़ सूखा पीड़ित लोगों की सहायता की अपील की है. "मैं सभी अफ्रीकियों से अपील करता हूं कि हॉर्न ऑफ अफ्रीका के हमारे भाई और बहनों के लिए धन और माल की फौरी  जीवन रक्षक मदद देकर भूखमरी के खिलाफ कार्रवाई करें."

हॉर्न ऑफ अफ्रीका और इथियोपिया, जिबूती, केन्या और यूगांडा के कुछ इलाके भारी सूखे का शिकार हैं. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार वहां सवा करोड़ लोग प्रभावित हैं और उन्हें मानवीय सहायता की जरूरत है. मदद के लिए 2.4 अरब डॉलर की जरूरत है लेकिन उसमें 1.1 अरब डॉलर की कमी है.

सबसे बुरी हालत सोमालिया की है. दक्षिण के व्यापक हिस्से में भयानक अकाल फैला हुआ है जहां संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता समन्वय कार्यालय के अनुसार 4 लाख बच्चों के कुपोषण से मरने की आशंका है. संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि 1991 से गृहयुद्ध में फंसा सोमालिया दुनिया की सबसे भयानक मानवीय त्रासदी का सामना कर रहा है.

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तस्वीर: AP

अफ्रीकी नेताओं के सम्मेलन में सोमालिया में अफ्रीकी संघ के प्रतिनिधि और घाना के पूर्व राष्ट्रपति जेरी रोलिंग तथा संयुक्त राष्ट्र उप महासचिव आशा रोज मिगिरो भी भाग लेंगे. इनके अलावा अफ्रीकी आर्थिक ब्लॉक के देशों के नेता और पूर्वी अफ्रीकी इंटरगवर्नमेंटल ऑथोरिटी के राज्य प्रमुख भी हिस्सा लेंगे. इसमें यूगांडा, केन्या, जिबूती, सूडान, इथियोपिया और सोमालिया शामिल हैं.अफ्रीकी संघ ने एक बयान में कहा है, "अफ्रीकी देशों को प्रभावित इलाकों में सूखे का मुकाबला करने के लिए प्रोएक्टिव होना चाहिए."

फंड जुटाने वाले एक अफ्रीकी संगठन अफ्रीका एक्ट फॉर अफ्रीका ने अफ्रीकी सरकारों और अफ्रीकी संघ की इस बात के लिए आलोचना की है कि वह संकट पर तेजी से प्रतिक्रिया दिखाने में नाकाम रहा है. "यह रोकी जा सकनेवाली त्रासदी थी. यह हमारे टूटी खाद्य प्रणाली का गंभीर उदाहरण है. इस इलाके में सूखा अपरिहार्य हो सकता है लेकिन त्रासदियां नहीं." संगठन ने अफ्रीकी समुदाय से कम से कम 5 करोड़ डॉलर की राहत सहायता देने को कहा है. अब तक अफ्रीकी यूनियन ने सिर्फ 5 लाख डॉलर की सहायता का वचन दिया है. इस बात पर असंतोष बढ़ रहा है कि धनी देश पर्याप्त मदद नहीं दे रहे हैं. राहत संस्था ऑक्सफैम की इरुंगु हफटन कहती हैं कि नाइजीरिया, दक्षिण अफ्रीका या अल्जीरिया जैसे देश आसानी से कम से कम 60 लाख डॉलर की मदद दे सकते हैं.

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तस्वीर: dapd

यूरोपीय संघ की विदेश मामलों की प्रमुख कैथरीन ऐशटन ने विश्व सरकारों से सूखा पीड़ित अफ्रीका के लिए आपात सहायता देकर नैतिक जिम्मेदारी को पूरा करने की अपील की है. ऐशटन ने कहा है कि यूरोपीय संघ की फौरी सहायता पौने दस करोड़ यूरो बढ़ाकर पौने 16 करोड़ यूरो कर दी गई है. इसके अलावा सदस्य देशों ने 44 करोड़ यूरो का आश्वासन दिया है.

पिछले सप्ताह इस्लामी सहयोग संगठन ने सूखा पीड़ित सोमालिया के लिए 35 करोड़ डॉलर की सहायता देने की बात कही है. पिछले सप्ताह तुर्की के प्रधानमंत्री रेचेप तय्यप एरदोआन ने मोगादीशु का दौरा किया और सोमालिया की स्थिति को मानवता के लिए समस्या बताया. वे पिछले 20 साल में सोमालिया जाने वाले पहले विश्व नेता हैं.

इस बीच संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ राहत अधिकारी मार्क बोडेन ने कहा है कि सोमालिया के दो नए दक्षिणी इलाकों में सूखा फैलने की आशंका है. उन्होंने कहा कि मध्य और निचले जूबा को भी सूखा पीड़ित अन्य पांच इलाकों में शामिल कर दिए जाने की संभावना है. संयुक्त राष्ट्र की परिभाषा के अनुसार अकाल का मतलब है कि कम से कम 20 फीसदी परिवार खाद्य पदार्थों की भारी कमी का सामना कर रहे हैं, 30 फीसदी लोग भारी कुपोषण का शिकार हैं और हर दिन 10 हजार लोगों में 2 मौतें हो रही हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: ए जमाल

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