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अब सरकार पर अजीम प्रेमजी का वार

३१ अक्टूबर २०११

विप्रो के अध्यक्ष अजीम प्रेमजी ने भारत की केंद्रीय सरकार की कड़ी आलोचना की है. प्रेमजी का कहना है कि सरकार में निर्णय लेने की क्षमता का अभाव है, जिसकी कड़ी मार देश को भुगतनी पड़ सकती है.

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विप्रो अध्यक्ष अजीम प्रेमजीतस्वीर: UNI

सम्मानित आईटी उद्योगपति अजीम प्रेमजी ने खुले शब्दों में कहा, सरकार में 'निर्णय लेने की क्षमता का पूरी तरह अभाव' देश के सामने सबसे बड़ी चिंता है. 66 साल के प्रेमजी ने आगाह करते हुए कहा कि अगर यह स्थिति जारी रही तो देश का विकास बाधित होने लगेगा.

चुपचाप काम करने वाले और सादे ढंग से रहने वाले प्रेमजी के मुताबिक सरकार को इस समस्या का गंभीरता का एहसास होना चाहिए. उन्होंने घोटालों का जिक्र किया और शासन की व्यवस्था की तरफ ध्यान दिलाया.

प्रधानमंत्री को खुला खत

इस संबंध में प्रेमजी समेत कई बड़े उद्योगपतियों ने सरकार को एक खत भी लिखा है. चिट्ठी में केशुब महिंद्रा, एचडीएफसी के दीपक पारेख और प्रेमजी ने कहा है कि एक के बाद एक घोटाले बता रहे हैं कि शासन में कमी है. उद्योगपतियों का यह भी कहना है कि देश के सामने चुनौती की तरह खड़े भ्रष्टाचार से शहरों में प्रदर्शन करके नहीं निपटा जा सकता है.

Manmohan Singh Premierminister
तस्वीर: UNI

यह दूसरा मौका है जब इन उद्योगपतियों ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को खुला खत लिखा है. प्रधानमंत्री की छवि की तारीफ की गई है और कहा गया है कि आर्थिक विकास का रास्ता अंदरूनी झगड़े की भेंट नहीं चढ़ना चाहिए. प्रेमजी के मुताबिक सरकार ने खत का सकारात्मक ढंग से जवाब दिया है और उनकी बातों को संज्ञान में लिया है.

भ्रष्टाचार का भारत

भारत में कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार इस वक्त घोटालों की बाढ़ में घिरी हुई है. कॉमनवेल्थ घोटाला, 2जी घोटाला और आदर्श सोसाइटी घोटाले में कांग्रेस और सरकार में उसकी सहयोगी पार्टियों के कुछ नेता फंस चुके हैं. अन्ना हजारे के आंदोलन से साफ हो गया है कि लोग भ्रष्टाचार से तंग आ चुके हैं. लेकिन भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार वादे ही कर रही है. उसकी कथनी और करनी में फर्क दिखाई पड़ रहा है. उसके नेता भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों पर ऊल जलूल आरोप लगा रहे हैं, इससे लोगों में सरकार के प्रति अविश्वास बढ़ता जा रहा है.

विपक्षी पार्टी बीजेपी भी घोटालों से दागदार हो रही है. एक तरफ बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी रथ यात्रा कर रहे हैं तो दूसरी तरफ बीजेपी के कई नेता भ्रष्टाचार के मामलों में फंस रहे हैं.

घोटालों के आरोप में बीजेपी को कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से बीएस येदियुरप्पा की छुट्टी करनी पड़ी. उत्तराखंड में निशंक को गद्दी से उतारना पड़ा. निशंक पर कुंभ घोटाले के संबंध में मुकदमा चल रहा है.

भ्रष्टाचार के नए नए मामलों की वजह से अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी भारत की छवि खराब हुई है. सवाल उठाए जाने लगे हैं कि क्या भ्रष्टाचार के दलदल में फंसा भारत उम्मीदों पर खरा उतर पाएगा.

रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह

संपादन: महेश झा

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