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अल्पसंख्यकों के बहुसंख्यक बच्चे

१७ मई २०१२

अमेरिकी इतिहास में पहली बार अल्पसंख्यक समुदायों के बच्चों की संख्या वहां के श्वेत अमेरिकी बच्चों से ज्यादा हो गई है. आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल एफ्रो अमेरिकी, लैटिन अमेरिकी और एशियाई मूल के बच्चे ज्यादा पैदा हुए.

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तस्वीर: picture-alliance/chromorange

जुलाई 2010 से जुलाई 2011 के बीच जमा किए गए आंकड़ों के अनुसार अल्पसंख्यकों के बच्चों की आबादी पहली बार 50 फीसदी से अधिक हो गई है. रिपोर्ट के अनुसार जुलाई तक देश में जन्मे बच्चों में से 50.4 फीसदी श्वेत नहीं हैं. पिछले कुछ सालों में अमेरिका में लैटिन अमेरिकियों की संख्या बढ़ी है. जनगणना रिपोर्ट के अनुसार आने वाले समय में इस संख्या में और इजाफा होगा. जन सांख्यिकी विशेषज्ञ जेफरी पासेल का कहना है कि फिलहाल अमेरिका में रहने वाले लैटिन अमेरिका के लोगों की औसत उम्र 27 साल है, यानी अमेरिकी आबादी में उनकी संख्या बढ़ने की संभावना है.

हालांकि ऐसा नहीं कहा जा सकता कि अमेरिका में श्वेत आबादी के बहुत घटने का अनुमान हो. वहां पिछले साल 49.6 प्रतिशत श्वेत बच्चे पैदा हुए, जबकि अमेरिका में श्वेतों की कुल आबादी 63.4 प्रतिशत है.

कुल मिला कर अमेरिका में अल्पसंख्यकों की संख्या बढ़ रही है. लैटिन अमेरिकी लोगों की संख्या अनुमान से ज्यादा बढ़ी है. अमेरिका की कुल आबादी का 36.6 फीसदी हिस्सा प्रवासियों का है. जानकारों का मानना है कि यदि अल्पसंख्यकों की आबादी इसी तरह बढ़ती रही तो आने वाले समय में श्वेत अमेरिकी ही अल्पसंख्यक बन जाएंगे. जनगणना रिपोर्ट के अनुसार 2040 तक ऐसा हो सकता है.

भले ही अल्पसंख्यकों का अनुपात बढ़ रहा हो, लेकिन उनकी कुल संख्या भी घट रही है. पिछले साल लैटिन अमेरिकी और एशियाई मूल के लोगों की आबादी में दो फीसदी की कमी देखी गई. लैटिन अमेरिका से हर साल भारी संख्या में लोग गैरकानूनी तरीके से अमेरिका पहुंचते हैं. मेक्सिको से अमेरिका आई मारसेलिनो फल सब्जी बेच कर अपना पेट पालती हैं. यहां आने के बाद उनके दो बच्चे हुए. वह कहती हैं कि कल को अगर उन्हें देश से निकाल भी दिया जाए तो वह उनके लिए दुखद नहीं होगा, "लेकिन क्योंकि इन बच्चों का जन्म यहीं हुआ है इसलिए यह इनका देश है और यहां इनके लिए अधिक मौके हैं." मारसेलिनो की ही तरह कई अन्य लैटिन अमेरिकी भी इसी तरह देश में अपना गुजारा चला रहे हैं. अवैध रूप से देश में आए अधिकतर लोगों को वापस भेज दिया जाता है. लेकिन जो लोग यहां अपना परिवार बसा चुके हैं, जिनके बच्चों को अमेरिकी नागरिकता मिल चुकी है, उनके साथ कैसे निपटा जाए, यह सरकार के लिए एक चुनौती बनी हुई है.

आईबी/एजेए (एएफपी, एपी)

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