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आइसलैंडः छोटे द्वीप की बड़ी कहानियां

७ अक्टूबर २०११

1955 में हालदोर लाक्सनेस को साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिलने के बाद आइसलैंड का साहित्य दुनिया में अचानक लोकप्रिय हुआ. आज ब्योर्क और सिगुर रोस संगीत प्रेमियों की जुबान पर हैं.

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तस्वीर: AP

अपराध उपन्यासों के लेखक आर्नाल्दुर इद्रिदेसन भी विश्व इतिहास में जाना पहचाना नाम है. पॉप साहित्य लिखने वाले हाल्ग्रिमूर हेल्गासन का उपन्यास 101 रायक्यावीक मशहूर हुआ और उस पर फिल्म भी बनी.

इंडोजर्मन भाषा

इंडो जर्मन मूल की आइसलैंड की भाषा फिलहाल तीन लाख 18 हजार लोग बोलते हैं. उतने ही यहां के लोग भी हैं. एक छोटे देश का छोटा सा पुस्तक बाजार जो दुनिया के सबसे बड़े पुस्तक मेले का अतिथि देश है.

छोटा भले ही हो लेकिन यहां के लोग किताबों के दीवाने हैं और हर साल औसतन प्रति व्यक्ति कम से कम आठ किताबें खरीदी जाती हैं. इस हिसाब से साल में 25 लाख किताबें आइसलैंड के लोग खरीदते हैं. जर्मनी में आइसलैंड इस कार्यक्रम के प्रमुख थोमास ब्योम लोगों के किताब प्रेम का उदाहरण देते हैं, "जब आइसलैंड में शाम के छह बजे सारी दुकानें बंद हो जाती हैं तब भी लाइब्रेरी या तो रात के दस या बारह बजे तक खुली रहती हैं. इससे अच्छा उदाहरण क्या हो सकता है. और क्रिसमस की दुकानों में यहां किताबों की टेबल के साथ क्रिसमस गिफ्ट्स उपन्यास के आकार में रखे रहते हैं और उन पर कविताएं लिखी होती हैं. एक ऐसा देश जहां उपन्यास और कविताओं को लोग एक जैसा पसंद करते हैं."

Deutschland Island Literatur Buchillustrationen Isländer Sagas
तस्वीर: DW

साहित्य प्रेमी देश आइसलैंड.

कहा जाता है कि इसका हर दूसरा नागरिक लेखक है. यह भले ही अतिशयोक्ति हो लेकिन इसके लेखक संघ के चार सौ सदस्य हैं जो अपने आप में बहुत ब़डी संख्या है.

आइसलैंड के लोगों को कहानी सुनाना बहुत पसंद है और यह एक तथ्य है. इसलिए कहानी सुनाना वर्तमान साहित्य का सबसे अहम हिस्सा है. माग्नुसमन कहते हैं, "पहली बार में कोई नहीं सोचता कि कवि क्या संदेश देना चाहती है बल्कि यह देखा जाता है कि क्या कहानी काम कर रही है. आइसलैंड के अधिकतर लेखकों की कहानियां कसी हुई होती हैं और पाठकों को बांध कर रखती हैं."

Isländische Literatur zur Krise und EU Flash-Galerie
तस्वीर: Susanne Henn

कहानी सुनाने की कला आइसलैंड में पीढ़ी दर पीढ़ी चलती आई है और वहां की सबसे मशहूर गाथाएं हैं जो 13वीं और 14वीं सदी में लिखी गई थीं और आज भी वहां इन्हें मूल रूप में पढ़ा जाता है. आइसलैंड के राष्ट्रीय कवि हाल्दोर लाक्नेस ने एक बार कहा था कि पूरा देश साहित्य की मौखिक परंपरा पर जीवित है. गाथाओं पर शोध करने वाले लेखत ब्योर्गविन बोलेसन साफ शब्दों में कहते हैं, "जब आइसलैंड के लोग मिलते हैं और खुश होते हैं तो गाथाओं की बात चलती है. आज भी लोग गाथाओं के नायकों से खुद को पहचानते हैं. कुछ लोगों के पसंदीदा हीरो हैं क्योंकि आज 700 साल बाद भी वे हमारे बहुत नजदीक हैं."

इन गाथाओं ने दुनिया भर में अपनी छाप छोड़ी है. फिलहाल आइसलैंड की बरसों पुरानी और फिर भी ताजा गाथाएं जर्मन सहित तीन अन्य भाषाओं में अनुवाद की जा रही हैं. इसे दुनिया का सबसे बड़ा अनुवाद प्रोजेक्ट बताया जा रहा है. छोटे द्वीप की बड़ी कहानियां, यही आइसलैंड का मोटो भी है.

रिपोर्टः डॉयचे वेले/आभा एम

संपादनः वी कुमार