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इतिहास बनाने की दौड़ में हांफता स्पेन

८ जून २०१२

यूरोपीय फुटबॉल के सबसे बड़े मुकाबले यूएफा यूरो 2012 में मौजूदा चैंपियन स्पेन का दावा सबसे मजबूत है. टीम के पास दुनिया का सर्वश्रेष्ठ मिडफील्ड है. डर बस इस बात का है कि आगे और पीछे बची हल्की कमी को कोई भेद न दे.

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तस्वीर: dapd

'ला फूरिया रोखा' स्पेनिश भाषा में स्पेन की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम का निकनेम है. इसका मतलब है 'लाल अंगारा.' स्पेन के लोग अपनी टीम को प्यार से लाल अंगारा कहते हैं. उसे यूरोपीय चैंपियनशिप की सबसे फेवरिट टीम कहा जा रहा है. 2008 में यूरोपीय चैंपियन बनने के बाद स्पेन ने 2010 का वर्ल्ड कप भी जीता. अब यूक्रेन और पोलैंड में अगर टीम जीती तो बड़े खिताबों की हैट्रिक हो जाएगी. स्पेन यह करने में सफल रहा तो वह फुटबॉल इतिहास की सबसे सफल टीमों में शुमार हो जाएगा.

लेकिन क्या टीम इस मानसिक दबाव से बाहर निकलकर बेहतर प्रदर्शन कर सकेगी. अधिकांश फुटबॉल पंडित दावा कर रहे है कि एक जुलाई होने वाले फाइनल में जर्मनी या नीदरलैंड्स टूर्नामेंट का विजेता बनेगा. खुद स्पेन के कोच विसेंटे डेल बोस्के मान रहे हैं कि उत्तरी यूरोप की टीमों से उन्हें कड़ी टक्कर मिलेगी. उनका इशारा जर्मनी और नीदरलैंड्स की तरफ ही है.

Fußball Europameisterschaft 1964 Spanien gewinnt Titel
स्पेन ने 1964 में यूरो चैंपियनशिप जीतीतस्वीर: picture-alliance/dpa

जबरदस्त मिडफील्ड

स्पेन की टीम विरोधाभास का एक सटीक उदाहरण दिखाई पड़ रही है. टीम मजबूत भी है और कमजोर भी. मजबूती उसका मिडफील्ड है, जो इस वक्त दुनिया में सबसे अच्छा है. फुटबॉल के दो सबसे बड़े क्लबों रियाल मैड्रिड और बार्सिलोना के खिलाड़ी स्पेन की टीम में हैं. खावी हेर्नांडेज, आंद्रेस इनिएस्ता, सेस्क फाबरेगास, खाबी अलोंजो, सेर्गिओ बुसरक्वेट्स और गोलकीपर इकर कासियास टीम के असल लाल अंगारे हैं. इनमें से अलोंजो और कासियास रियाल मैड्रिड के लिए खेलते हैं जबकि अन्य चार बार्सिलोना के खिलाड़ी हैं.

बिना मेसी की बार्सिलोना प्लस बिना रोनाल्डो वाला रियाल मैड्रिड, मजाक में कहा जाता है कि स्पेन की राष्ट्रीय टीम यही है. स्पेन की रणनीति छोटे छोटे पास देकर गेंद अपने पास रखने की होती है. वर्ल्ड कप में भी स्पेन ने ऐसा ही खेल दिखाया. स्पेनिश खिलाड़ियों ने विपक्षी टीम को गेंद ही नहीं लेने दी. इससे सामने वाली टीमें झल्ला सी गई. उसकी झल्लाहट का फायदा स्पेन ने हमेशा एक या दो गोल कर उठाया. पूरे वर्ल्ड कप में भी उसने सिर्फ 11 गोल किए.

खावी को टीम का सबसे तेज चतुर खिलाड़ी माना जाता है. कहा जाता है कि 32 साल के खावी ने आज तक सिर्फ एक ही बार गलत पास दिया है, वह भी 1990 के दशक में. खावी के अलावा अन्य मिडफील्डर भी गेंद को अपने पास बनाए रखने में माहिर हैं.

Europameisterschaft 2008 Niederlage Finale vs Spanien Schweinsteiger
स्पेन ने 2008 फाइनल में जर्मनी को हरायातस्वीर: AP

चोट से घायल स्पेन

अब पंडित इस रणनीति पर सवाल उठा रहे हैं. उनका कहना है कि स्पेन की यह योजना अब पिट चुकी है. कहा जा रहा है कि बार्सिलोना और रियाल मैड्रिड इसी पिटी रणनीति के चलते इस साल चैंपियंस लीग के फाइनल तक नहीं पहुंच सके. स्पेन को स्ट्राइकरों की कमी खल रही है. 30 साल के डेविड विया घायल हैं. फर्नांडो टोरेस भी चोटिल हैं. वर्ल्ड कप से अब तक काफी कुछ बदल चुका है.

2008 के फाइनल में भी स्पेन के जर्मनी को एक्स्ट्रा टाइम में 1-0 से हराया. ऐसे में विपक्षी टीमों की कोशिश रहेगी कि स्पेन के खिलाफ शुरू में ही गोल दाग दो. अगर गोल हुआ तो स्पेन मुश्किल में फंस जाएगा.

स्पेन को मजबूत रक्षा पंक्ति के लिए भी जाना जाता रहा. इसकी वजह दुनिया के बेहतरीन गोलकीपरों में शुमार इकर कासियास और 'द वॉल' यानी दीवार के नाम से मशहूर कारलोस पुयोल रहे. गजब का डिफेंस करने वाले पुयोल ऐन मौकों पर कॉर्नर से टीम के लिए गोल स्कोर करने के लिए भी मशहूर हैं. लेकिन वह भी चोट के कारण इस बार के टूर्नामेंट से बाहर है. स्पेन की दीवार में यह एक बड़ा छेद है.

टूर्नामेंट में स्पेन ग्रुप सी में है, जहां उसे आयरलैंड, क्रोएशिया और इटली से भिड़ना है. टीम का पहला मैच ही पड़ोसी देश इटली से है. जाहिर है 10 जून को चीटियों की झुंड की तरह हमला करने वाले इटैलियन खिलाड़ी यह बता देंगे कि स्पेन चैंपियन बनने लायक है या नहीं.

रिपोर्ट: जेफर्सन चेज/ओएसजे

संपादन: महेश झा

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