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ईरान को शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम का हकः भारत

२३ मार्च २०११

भारत ने कहा है कि ईरान को असैनिक परमाणु कार्यक्रम चलाने का पूरा अधिकार है लेकिन उसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह विश्वास दिलाना होगा कि उसकी परमाणु परियोजना शांतिपूर्ण लक्ष्यों के लिए है.

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तस्वीर: AP

संयुक्त राष्ट्र में ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों की चर्चा के दौरान भारत के राजदूत हरदीप पुरी ने कहा, "भारत ने ईरान के परमाणु मुद्दे पर ठोस रुख अपनाया है. ईरान को शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए परमाणु ऊर्जा इस्तेमाल करने का पूरा हक है. साथ ही उसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भरोसा दिलाना होगा कि उसकी परमाणु गतिविधियां शांतिपूर्ण मकसद के लिए ही हैं."

प्रतिबंधों का उल्लंघन

सुरक्षा परिषद में ईरान पर प्रतिबंध कमेटी के अध्यक्ष कोलंबिया के राजदूत नेस्तर ओसोरियो ने ईरान में परमाणु सामग्री के उल्लंघन से जुड़े दो मामलों के बारे में बताया जिनसे परमाणु संवर्धन और परमाणु हथियार बनाने में मदद मिलती है. उन्होंने कहा, "प्रतिबंधों के उल्लंघन की खबरें बेहद गंभीर मामला है."

Iran Energie Atomkraftwerk Inbetriebnahme Atomreaktor Buschehr
ईरान का न्यूकलियर पावर प्लांटतस्वीर: AP

इसी महीने अंतरराष्ट्रीय आण्विक ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के प्रमुख युकिया अमानो ने कहा कि ईरान अब भी यह साबित करने के लिए सहयोग नहीं कर रहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है. अमानो ने आईएईए के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स से कहा, "ईरान जरूरी सहयोग नहीं कर रहा है ताकि एजेंसी को यह पक्का भरोसा हो पाए कि उसके यहां अघोषित परमाणु सामग्री नहीं या कोई ऐसी गतिविधियां नहीं चल रही हैं."

शांतिपूर्ण तरीकों की दरकार

पिछले साल जून में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने ईरान पर चौथे दौर के प्रतिबंधों के मंजूर दी. ये प्रतिबंध बिना पारदर्शिता और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पिछले प्रस्तावों और परमाणु अप्रसार संधि का उल्लंघन करते हुए परमाणु कार्यक्रम चलाने के लिए लगाए गए. हालांकि प्रतिबंधों के प्रस्ताव को आम सहमति से पारित नहीं किया गया. इसके पक्ष में 12 वोट पड़े जबकि तुर्की और ब्राजील ने इसका विरोध किया. लेबनान तटस्थ रहा.

भारत ने कहा है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम के बारे में मौजूद भ्रांतियों को शांतिपूर्ण तरीकों और बातचीत से दूर किया जाए. हालांकि इस बारे में कई देशों ने उग्र प्रतिक्रिया दर्ज कराई. ब्रिटेन के राजदूत मार्क ल्याल ग्रांट ने कहा, "आज की रिपोर्ट में ईरान के व्यवहार को ठीक से बयान किया गया है." ब्रिटेन के मुताबिक नाटो ने इस बात की पुष्टि की है कि अफगानिस्तान के निमरुज में जो हथियार पकड़े गए, वे ईरान से आए और तालिबान को दिए जाने थे.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः वी कुमार

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