कश्मीर के लिए नहीं लड़ेगा पाकिस्तानः गिलानी
६ फ़रवरी २०१२गिलानी ने कहा कि कश्मीर के लिए चार बार लड़ाइयां हो चुकी हैं लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया है. अब 21वीं सदी में हम लड़ाई की बात नहीं कर सकते हैं. गिलानी का कहना है कि कश्मीर के मसले पर बातचीत से ही समाधान निकल सकता है.
बातचीत ही हल
रविवार को कश्मीर एकता दिवस के मौके पर इस्लामाबाद में गिलानी ने कहा, "हम समस्याओं का समाधान बातचीत, कूटनीति, अच्छी नीति और जनमत से करना चाहते हैं." हालांकि उन्होंने यह भी साफ किया कि उनके देश की विदेश नीति में कश्मीर अभी भी अहम मुद्दा है. उन्होंने कहा, "हम कश्मीरियों को नैतिक, राजनैतिक और कूटनीतिक समर्थन देते रहेंगे. सभी राजनीतिक पार्टियों सहित पूरा देश कश्मीर के मुद्दे पर एक साथ खड़ा है."
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का कहना है कि उनका देश जिम्मेदार देश और जिम्मेदार परमाणु शक्ति है, इसलिए वह जिम्मेदार नीतियां बनाता है. गिलानी का कहना है कि उनकी पार्टी के संस्थापक जुल्फिकार अली भुट्टो का भी कश्मीर को लेकर ऐसा ही विचार था.
पाकिस्तान में कश्मीर एकता दिवस के मौके पर छुट्टी रहती है और इस दौरान देश के अलग अलग हिस्सों में रैलियां निकलती हैं. कश्मीर के लोगों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए 1990 से यह दिवस मनाया जा रहा है.
क्या है कश्मीर विवाद
भारत और पाकिस्तान के अलग होने के वक्त कश्मीर के मुद्दे पर दोनों पक्ष एकराय नहीं बना सके. पाकिस्तान हमेशा से इसे अपना हिस्सा बताता रहा, जबकि भारत इसके ज्यादातर हिस्सों पर हक जताता है. 1947 में हिन्दुस्तान के बंटवारे के साथ ही कश्मीर समस्या भी खड़ी हो गई. जम्मू और कश्मीर के कुछ हिस्सों पर भारत का नियंत्रण है, जिसे भारतीय हिस्से वाला कश्मीर कहते हैं. लेकिन इलाके का एक बड़ा हिस्सा इससे बाहर है, जो मूल रूप से पाकिस्तान की देखरेख में है लेकिन जिसे आजाद कश्मीर के नाम से जाना जाता है.
भारत और पाकिस्तान के बीच 1947, 1965 और 1999 में तीन बार कश्मीर के मुद्दे पर जंग हो चुकी है. हजारों लोगों की जान गई है लेकिन हालात नहीं बदले हैं. दोनों पक्षों के बीच सबसे ताजा झड़प 1999 में हुई, जब पाकिस्तानी सेना ने भारतीय कश्मीर के करगिल वाले इलाके में घुसपैठ कर दी. इससे निपटने के लिए बलप्रयोग किया गया.
भारत पाक में फर्क
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री गिलानी ने देश के बंटवारे और लोकतांत्रिक स्थिति पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि भारत एक परिपक्व लोकतंत्र के रूप में आगे बढ़ चुका है, जबकि पाकिस्तान में चुनी हुई सरकारें अपना कार्यकाल भी पूरा नहीं कर पातीं. गिलानी ने कहा कि उनकी सरकार अपना वक्त पूरा करती दिख रही है लेकिन उसके खिलाफ भी साजिश रची जा रही है.
पाकिस्तान में सैनिक शासन का लंबा इतिहास रहा है और प्रधानमंत्री गिलानी से पहले भी वहां सैनिक शासक परवेज मुशर्रफ कुर्सी पर थे. गिलानी को सुप्रीम कोर्ट अदालत की अवमानना का दोषी करार दे चुका है और उन पर जल्द ही कानूनी कार्रवाई शुरू होने वाली है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः ओ सिंह