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कहां है मोस्ट वांटेड म्लादिच

७ नवम्बर २००९

युगोस्लाविया संबंधी अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण युद्ध अपराध के संदेह में जिन सर्ब नेताओं को कठघरे में खड़ा करना चाहता है, उन में से दो अब भी फ़रार हैं. सबसे अधिक तलाश है पूर्व सर्ब जनरल रात्को म्लादिच की.

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काराजिच के साथ म्लादिचतस्वीर: picture-alliance/dpa

सर्बिया की राजधानी बेलग्रेड का हवाई अड्डा. यात्रियों के पासपोर्ट जहां जांचे जाते हैं, उसके ठीक पीछे एक फ़ोटो लगा है. हर दिन हज़ारों लोग इस फ़ोटो को देखते हैं. दस लाख यूरो का इनाम भी है. तब भी फ़ोटो पर दिखाई पड़ रहा व्यक्ति आज तक पकड़ा नहीं जा सका है. नाम है रात्को म्लादिच. वह बोस्नियाई सर्बों की सेना का मुख्य कमांडर था. आरोप है कि उसने बोस्निया बनने के समय वहां चले युद्ध में जनसंहार किए हैं.

युद्ध अपराधियों को सज़ा दिलाने के लिए बने सर्बियाई अभियोजन कार्यालय से जुड़े ब्रूनो वेकारिच कहते हैं, "यदि हमें पता होता कि वह कहां है, तो वह क़ानूनी समय-सीमा के भीतर हेग में पहुंच गया होता... हमें विश्वास है कि हम निकट भविष्य में ही इस काम को कर लेंगे."

युद्ध अपराधों के लिए बेलग्रेड के महाभियोक्ता व्लादीमीर वुकेविच ने यह समय सीमा 2009 का अंत तय की है. उनकी कोशिश यही है कि इस बीच 67 साल के जनरल म्लादिच को तब तक हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के हवाले किया जा सके, ताकि उस पर बोस्नियाई मुसलमानों और क्रोएटों का ख़ून बहाने और उन्हें उनके घरों से विस्थापित करने करने का मुकदमा चलाया जा सके.

वुकेविच कहते हैं, "रात्को म्लादिच का पकड़ में आना बहुत कुछ भाग्य पर भी निर्भर करता है." उसे पकड़ने की सारी तैयारियां बताई भी नहीं जा सकतीं, वर्ना वह चौकन्ना हो जाएगा.

म्लादिच 1996 से लुकाछिपी कर रहा है. वीडियो और ऑडियो रेकॉर्डिंगों तथा गवाहों के कहने के अनुसार एक दशक तक उसे सैनिक सुरक्षा मिली हुई थी. पहले तो यह सुरक्षा उसे बोस्नियाई सर्बों की सेना से मिली हुई थी, बाद में सीधे सर्बिया की सेना उसे सुरक्षा प्रदान कर रही थी. सर्बिया में लोकतांत्रिक सरकार बनने तक उसे खुले आम घूमते-फिरते भी देखा गया है.

इस तरह की एक अंतिम ज्ञात फ़िल्म में म्लादिच को अपनी एक नवजात पौत्री के साथ देखा जा सकता है. 2001 की यह वीडियो फ़िल्म मिलोशेविच सरकार के पतन के कुछ ही महीने बाद की है. उसके बाद से वह नदारद है.

सर्बिया के राष्ट्रवादी म्लादिच की जयजयकार किया करते थे. 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जिंजिच की हत्या के बाद नए प्रधानमंत्री वोयीस्लाव कोस्तुनित्सा म्लादिच को हेग के हवाले करने में हीला-हवाली करते रहे. उस समय भी यही कहा जाता रहा कि उसका तो कहीं अता-पता ही नहीं है.

म्लादिच की तलाश तभी शुरू हो पाई, जब पश्चिम समर्थक बोरिस तादिच की सर्बिया में सरकार बनी. तब से उसके कम से कम दो दर्जन मददगार पकड़े जा चुके हैं. छापे पड़ते हैं और टेलीफ़ोन सुने जाते हैं. हेग स्थित न्यायधिकरण के साथ सहयोग के लिए ज़िम्मेदार मंत्री ने तो यहां तक कहा है कि म्लादिच को यदि इस साल के अंत तक पकड़ नहीं लिया गया, तो वे पद त्याग देंगे.

इस सब से तो यही आभास मिलता है कि रात्को म्लादिच की लुकाछिपी का अंत अब निकट है. अटकल यही है कि भेस बदल कर वह बेल्ग्रेड की 20 लाख की आबादी के बीच ही कहीं छिपा हुआ है. यानी, पकड़ में आने तक उसके फ़ोटो जगह-जगह लगे रहेंगे.

रिपोर्टः राम यादव

संपादनः ए कुमार