1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

किम की मौतः शोक से ज्यादा सावधानी

१९ दिसम्बर २०११

उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग इल की मौत पर चीन ने आधिकारिक रूप से शोक का इजहार किया है तो अमेरिका ने कहा है वह दक्षिण कोरिया और जापान के साथ संपर्क में है. दूसरे देशों ने कोई शोक नहीं व्यक्त किया है.

https://p.dw.com/p/13VO0
तस्वीर: dapd

सोमवार को बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिऊ वाइमिन ने कहा कि सरकार ने उत्तर कोरिया को "गहरी संवेदना" जताई है. चीन को कॉमरेड किम जोंग इल की मौत पर सदमा पहुंचा है और वह उत्तर कोरिया की जनता को अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता है.

उधर दक्षिण कोरिया ने अपनी सेना को सचेत कर दिया है. दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली म्यूंग बाक ने अपने देश के लोगों से शांति बरतने और सामान्य कामकाज जारी रखने की अपील की है. किम की मौत की खबर आने के बाद ली और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने फोन पर बातचीत की. दोनों नेताओं ने निकट सहयोग करना और उत्तर कोरिया की स्थिति पर नजर बनाए रखने का फैसला किया है. व्हाइट हाउस ने वाशिंगटन में बताया कि दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति के साथ बातचीत में ओबामा ने जोर दिया कि अमेरिका भविष्य में भी कोरियाई प्रायद्वीप की स्थिरता और दक्षिण कोरिया की सुरक्षा के लिए काम करेगा.

Tod von Kim Jong Il Nordkorea Börse Wirtschaft Südkorea
शेयर बाजार पर असरतस्वीर: dapd

किम की मौत की खबर के बाद दक्षिण कोरिया की सेना को चौकस कर दिया गया है. सेना मुख्यालय के एक प्रवक्ता ने कहा है कि इसके अलावा सीमा पर हवाई निगरानी बढ़ा दी गई है. राजधानी सोल में रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा है कि उत्तर कोरिया की सेना की हर हरकत पर निगाह रखी जा रही है. प्रवक्ता ने कहा है कि फिलहाल सीमा पर कोई हलचल नहीं है.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून के प्रवक्ता मार्टिन नेसिर्की ने कहा है कि महासचिव को किम जोंग इल की मौत की खबर दे दी गई है. बान ने अब तक कोई औपचारिक बयान नहीं दिया है. पिछले दिनों में उन्होंने बार बार उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत में ठहराव पर चिंता व्यक्त की थी.

उत्तर कोरिया में राजनीतिक संकट के डर का असर वित्तीय बाजारों पर भी दिख रहा है. किम जोंग इल की मौत के बाद इलाके में राजनीतिक अस्थिरता फैलने की आशंका है. किम के छोटे बेटे किम जोंग उन के उत्तराधिकारी बनने की खबरें हैं लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि उसका उत्तर कोरिया की नीतियों पर क्या असर होगा. इन आशंकाओं के बीच सप्ताहांत के बाद बाजार खुलने पर निवेशक जर्मन शेयर बाजार में जाने से बचे. सोमवार को आरंभिक बिकवाली में सूचकांक 0.5 प्रतिशत गिरकर 5675 रह गया.

असर यूरो पर भी पड़ा है जो गिरकर 1.30 डॉलर रह गया. किम की मौत की खबर आने के बाद एशियाई बाजारों में तो यूरो एक समय गिरकर 1.2984 पर आ गया था, लेकिन बाद में थोड़ा चढ़कर 1.3008 डॉलर हो गया. अस्थिरता की चिंता के कारण एशियाई शेयर बाजारों को भी नुकसान हुआ है, लेकिन डॉलर की कीमत लगभग हर मुद्रा के मुकाबले बढ़ी है.

जोंग उन को उत्तराधिकारी घोषित किए जाने के बावजूद विश्लेषकों को उत्तर कोरिया में सत्ता शून्य आने की चिंता है. दक्षिण कोरिया का शेयर सूचकांक कोस्पी सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है और 3.4 प्रतिशत से ज्यादा गिर गया. टोक्यो के बाजार को भी नुकसान झेलना पड़ा है. निक्काई सूचकांक को 1.3 प्रतिशत का घाटा हुआ. बाजार बंद होने पर वह 225 अंक गिरकर 8296 अंकों पर था. सिंगापुर, हांगकांग, शंघाई और ताईवान के शेयर बाजार भी नुकसान के साथ बंद हुए.

रिपोर्ट: डीपीए, रॉयटर्स/महेश झा

संपादन: ए जमाल

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी