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कुंदुस पर जर्मन संसद में घमासान

१८ मार्च २०१०

जर्मनी की संसदीय जांच समिति में अफ़ग़ानिस्तान के कुंदुस में हमले की पृष्ठभूमि के सिलसिले में आज बर्खास्त सेना प्रमुख श्नाइडरहान और राज्य सचिव विषर्ट की पेशी हो रही है.

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तस्वीर: picture-alliance/ dpa

जर्मनी की संसदीय जांच समिति में अफ़ग़ानिस्तान के कुंदुस में हमले की पृष्ठभूमि के सिलसिले में आज बर्खास्त सेना प्रमुख श्नाइडरहान और राज्य सचिव विषर्ट की पेशी हो रही है. इस बीच ख़बर आई है कि कुंदुस में नाटो का एक अभियान शुरू होने वाला है.

संसदीय जांच समिति में पेशी तो सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर जनरल कार्ल श्नाइडरहान और रक्षा मंत्रालय के पूर्व राज्य सचिव पेटर विषर्ट की हो रही है, लेकिन दबाव में हैं रक्षा मंत्री कार्ल थेओडोर त्सू गुटेनबर्ग. जर्मन कर्नल के आदेश पर असैनिक नागरिकों पर बमबारी के मामले में संसद को गुमराह करने के आरोप में उनके पूर्ववर्ती फ़्रांत्ज़ योज़ेफ़ युंग को इस्तीफ़ा देना पड़ा था. मंत्री बनने के बाद गुटेनबर्ग ने भी हमले का बचाव किया था, बाद में रुख बदलते हुए उन्होंने कहा था कि श्नाइडरहान और विषर्ट ने उन्हें सही सूचनाएं नहीं दी थी.

गुरुवार की पेशी से पहले-पहले एसपीडी के रक्षा विशेषज्ञ हांस पेटर बार्टेल ने कहा है कि सवाल यहां रक्षा मंत्री की विश्वसनीयता का है. अगर पता चलता है कि दोनों की बर्खास्तगी के सिलसिले में मंत्री ने सच नहीं कहा है, फिर उनकी हालत ख़राब हो सकती है.

गुटेनबर्ग ने जनरल श्नाइडरहान और राज्य सचिव विषर्ट की बर्खास्तगी से पहले उन पर आरोप लगाया था, कि उन्होंने हमले के संदर्भ में महत्वपूर्ण दस्तावेज़ नहीं दिए थे. लेकिन पिछले हफ़्ते उन्होंने कहा है कि उन्होंने कभी ऐसा दावा नहीं किया था, कि जान-बूझकर महत्वपूर्ण दस्तावेज़ रोक रखे गए थे. इसके बाद विपक्ष की ओर से आरोप लगाया जा रहा है कि रक्षा मंत्री इस प्रकरण से कन्नी काटने की कोशिश कर रहे हैं.

एसपीडी के नेता राइनर आर्नोल्ड ने इस सिलसिले में इस तथ्य की ओर भी ध्यान आकर्षित किया है कि कम से कम नैटो की आइसैफ़ टुकड़ी की ओर से भेजी गई रिपोर्ट के ज़रिये रक्षा मंत्री को पूरी जानकारी मिल चुकी थी. ऐसी स्थिति में दस्तावेज़ रोक रखने का आरोप काफ़ी गंभीर हो जाता है, बर्खास्त जनरल श्नाइडरहान व राज्य सचिव विशर्ट जिनके खंडन की कोशिश करेंगे.

इस बीच आइसैफ़ टुकड़ी के जर्मन प्रतिनिधि ब्रुनो कासडोर्फ़ ने कहा है कि कुंदुस में नाटो का एक अभियान शुरू होने वाला है.कुंदुस में अवश्य ही एक अभियान छेड़ा जाएगा. मैं यह नहीं कहता कि यह हेलमंद अभियान के बराबर होगा, लेकिन यह कुछ इसी तरह का होगा. अफ़ग़ानिस्तान और कुंदुस अभी जर्मन ख़बरों की सुर्खियों में बने रहेंगे.

रिपोर्टः एजेंसियां/ उ. भ.

संपादनः राम यादव