कुछ ख़ास है पोप का मध्य पूर्व दौरा
९ मई २००९कैथोलिक गिरजा प्रमुख पोप बेनेडिक्ट सोलहवें जॉर्डन में है. मध्यपूर्व के दौरे के तहत पोप जॉर्डन, इस्राएल और फ़िलिस्तीनी इलाक़ों का भी दौरा करेंगे. शनिवार को वह पैगंबर मूसा की पहाड़ी पर गए. कहा जाता है कि इस पहाड़ी से मूसा को मरने से पहले आदर्श भूमि के दर्शन हुए थे और यहीं से उन्होंने कहा था कि धर्म ही मनुष्य को सत्य की ओर ले जा सकता है.
82 साल के पोप ने पहाड़ी से जॉर्डन की नदी सहित जेरिको शहर को देखा. जेरिको दुनिया के सबसे पुराने शहरों में से है. मूसा के गिरजाघर में पोप ने कहा, 'मूसा की तरह ही ईश्वर हमें पाप और ग़ुलामी से दूर ज़िंदगी की और बुला रहे हैं. और मूसा की मिसाल से हमें समझना चाहिए कि हम भी ईश्वर की इस ऐतिहासिक यात्रा का एक हिस्सा है.'
पोप बेनेडिक्ट मध्यपूर्व में वैटिकन, फिलिस्तीन और इस्राएल के बीच संबंधों को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं. नेबो पहाड़ी के पास मडाबा शहर में उन्होंने जॉर्डन सरकार की मदद से बनाए जा रहे नए कैथोलिक विश्वविद्यालय की नींव रखने के समारोह में भाग लिया. यह विश्वविद्यालय जॉर्डन में इस्लाम और ईसाई धर्म के बीच भाईचारा बढ़ाने के मक़सद से बनाया जा रहा है.
जॉर्डन की राजधानी अम्मान में उन्होंने अल हुसैन मस्जिद में मुस्लिम नेताओं को भी संबोधित करते हुए कहा कि धर्म नहीं, बल्कि वैचारिक लक्ष्यों से उसका दुरुपयोग समुदायों के बीच विभाजन पैदा नहीं करता है.
तीन साल पहले रेगेंसबुर्ग में इस्लाम पर दिए गए उनके भाषण के कारण इस्लामी संगठन उनके दौरे का विरोध कर रहे हैं. 2006 में जर्मन शहर रेगेन्सबुर्ग में अपने भाषण में पोप ने एक मध्ययुगीन राजा को उद्धृत करते हुए इसलाम को एक हिंसक धर्म कहा था.
इस वर्ष पोप के कुछ भाषणों पर यहूदी धर्म के प्रतिनिधियों ने भी नाराज़गी दिखाई थी. नात्ज़ी काल में यहूदियों के जनसंहार को नकारने वाले एक बिशप को संप्रदाय में वापस लेने की भी आलोचना हुई थी.
रविवार को पोप जॉर्डन नदी की पूर्वी घाटी में एक आम प्रार्थना सभा को संबोधित करेंगे. माना जाता है कि जॉर्डन नदी के पूर्वी तट पर ईसा मसीह का बप्तिस्मा किया गया था.
रिपोर्ट- एजेंसियां/म गोपालकृष्णन
संपादन- महेश झा