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खाद्य सुरक्षा के लिए सट्टेबाजी पर लगाम

२३ जून २०११

विश्व की चोटी की 20 अर्थव्यवस्थाओं के कृषि मंत्री पैरिस की अपनी पहली बैठक में खाद्य सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए खाद्य पदाथों की सट्टेबाजी पर लगाम लगाने के कदमों पर विचार कर रहे हैं.

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तस्वीर: AP

फ्रांस के राष्ट्रपति निकोला सारकोजी ने जी-20 के कृषि मंत्रियों से बाजार पूंजीवाद की सबसे बड़ी बीमारी के खात्मे के लिए साथ आने की अपील की है. बुधवार को जी-20 के कृषि मंत्रियों की पहली बैठक को संबोधित करते हुए सारकोजी ने कहा, "आज और कल की दुनिया के लिए खाद्य सुरक्षा के लिए कृषि बाजारों के उतार चढ़ाव पर ध्यान देकर हम पूंजीवाद के संरचना का पनर्संतुलन करेंगे."

Rote Chili-Schoten
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सट्टेबाजीः मुद्दा मरा नहीं

20 बड़ी आर्थिक सत्ताओं ने 2007-2008 में खाद्य पदार्थों की कीमतों में भारी वृद्धि के बाद कृषि बाजारों में उतार चढ़ाव को काबू में रखने का फैसला किया. कीमतों में वृद्धि के लिए तब सट्टेबाजी को जिम्मेदार ठहराया गया था और कई देशों में दंगे भी हुए थे. इस साल के आरंभ में हुई कीमतों की वृद्धि ने, जिसे अरब देशों में सरकार विरोधी प्रदर्शनों कारण माना जाता है, मामले को जिंदा रखा है.

गुरुवार को सट्टेबाजी को रोकने और बाजार में पारदर्शिता लाने के लिए कार्य योजना पर होने वाली बातचीत में कृषि मंत्री आपसी मतभेदों को दूर करने की कोशिश करेंगे. सारकोजी ने उनसे कहा, "इस योजना को स्वीकार कर आप न सिर्फ अरबों किसानों की जिंदगी बदलेंगे बल्कि पूंजीवाद का रास्ता भी, ताकि पूंजीवाद फिर से विकास और लोगों की भलाई में योगदान दे सके."

फ्रांस ब्राजील अटल

पिछले सप्ताह फ्रांसीसी अधिकारियों ने कहा था कि कई प्रमुख मुद्दों पर अभी भी मतभेद हैं, लेकिन ब्राजील के कृषि मंत्री वाग्नर रोस्सी ने बुधवार को कहा कि समझौता करीब है, "मैं समझता हूं कि हम सहमति के काफी करीब हैं."

Nerica New Rice For Africa
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फ्रांस ने कृषि बाजार में सट्टेबाजी पर रोक लगाने और बाजार पर नियंत्रण को अपनी अध्यक्षता का केंद्रीय मुद्दा बना रखा है. उसका कहना है कि वह मुख्य मुद्दों पर टालमटोल नहीं स्वीकार करेगा.

फ्रांस अनाजों के बाजार में पूरी तरह से वित्तीय कारोबारियों का दखल रोकना चाहता है. अमेरिका और ब्रिटेन जैसे विकसित देशों के अलावा ब्राजील जैसे विकासशील देशों की चिंता है कि इस तरह के प्रतिबंधों से भावी बाजारों पर असर पड़ेगा जो किसानों और अनाज की प्रोसेसिंग करने वाले उद्यमियों के लिए भी महत्वपूर्ण बनते जा रहे हैं. रोस्सी ने कहा है, "ब्राजील किसी भी ऐसे कदम का विरोध करेगा जो बाजार को नुकसान पहुंचाते हों. मसलन ऐसा कुछ भी जिसका मतलब मूल्य नियंत्रण होगा."

Nerica New Rice For Africa
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मतभेद खाद्य पदार्थों से संबंधित सूचनाओं को लेकर भी हैं जबकि फ्रांस को उम्मीद है कि जी-20 के देश नवगठित ग्लोबल डाटा बैंक के लिए अनाजों के उत्पादन और भंडार से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराएंगे. उत्पादन और भंडार पर जानकारी के अभाव को सट्टेबाजी का कारण माना जाता है लेकिन भारत और चीन जैसे देश इसके बारे में जानकारी देने में संकोच कर रहे हैं जिसे वे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं.

बायो ईंधन का क्या होगा

विवाद का एक और मुद्दा बायो ईंधन है. राहत संगठनों की इस पर नाराजगी है कि जी-20 के मसौदे में ईंधन बनाने के लिए अनाज के उपयोग को खाद्य पदार्थों की कीमत बढ़ने और गरीबी का कारण नहीं माना गया है. आने वाले दशक में अनाज की कीमत में 20 फीसदी और मांस की कीमत में 30 फीसदी तक की वृद्धि का अनुमान है जबकि बढ़ती आबादी की मांगों को पूरा करने और भुखमरी रोकने के लिए कृषि उत्पादन में 70 फीसदी की वृद्धि आवश्यक होगी.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: वी कुमार

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