1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

गाथाओं के देश आइसलैंड की गाथा

१६ अक्टूबर २०११

फ्रैंकफर्ट पुस्तक मेले का अतिथि देश आइसलैंड. हॉल नंबर पांच में आइसलैंड की प्रदर्शनी लगाई गई. घुप्प अंधेरे के बीच 20 फीट की बड़ी बड़ी स्क्रीन जगमगा रही थीं. और बीचोंबीच कई सौ लोग किताबों का आनंद ले रहे थे.

https://p.dw.com/p/12stn
तस्वीर: DW/Abha Mondhe

बड़ी बड़ी स्क्रीन्स पर लेखक, लेखिकाएं, किताबों के हिस्से पढ़ रहे थे. कहीं किसी स्क्रीन पर कोई महिला बैठी किताब पढ़ रही थी, कहीं कोई बच्चा. और इन सबके साथ चल रही थी आइसलैंड की प्रकृति पर फिल्म. ज्वालामुखी, गर्म पानी के सोतों से होती हुई पत्थरों, पहाड़ों का भ्रमण करवाती.

200 अनुवाद

आइसलैंड के बड़े प्रकाशकों में से एक क्रिस्टिआन योनासन कहते हैं, "इस साल पुस्तक मेले के कारण 200 किताबें जर्मन में उपलब्ध हैं जिनमें से 92 कथाओं की किताबें हैं." योनासन कहते हैं, आइसलैंड छोटा सा देश है इसलिए यहां के लेखकों की ज्यादा दिलचस्पी दूसरी भाषाओं में अनुवादित होने में है. पिछले 20 साल में आइसलैंडिक भाषाओं से कई यूरोपीय भाषाओं में अनुवाद हुआ. नीतियां इस तरह से बनीं कि प्रकाशन में सब्सिडी मिलने लगी, यूरोप के साथ संवाद बढ़ा. हाल ही के दिनों में अमेरिका, ब्रिटेन में काफी किताबें बिकी हैं."

Frankfurter Buchmesse
तस्वीर: DW/Abha Mondhe

1955 में हाल्दोर लाक्सनेस की कविताओं के साथ प्रकाश में आया आइसलैंड का साहित्य आज अपनी कथाओं के लिए जाना जाता है. मशहूर क्राइम उपन्यासकार आर्नाल्डो इंद्रिओसन बेस्ट सेलर हैं. उनकी किताबें इंग्लिश के अलावा कई भाषाओं में अनुवादित हो चुकी हैं. नंबर पांच के हॉल में आइसलैंड के करीब 30 प्रकाशक अपनी किताबें लेकर आए. फोरलागिड और क्रिमोगी आइसलैंड के दो बड़े प्रकाशकों में से एक हैं.

कविताओं से बच्चों की किताबों तक

सिर्फ क्राइम ही नहीं कविताएं और बच्चों की कहानियां आइसलैंड के साहित्य का बड़ा हिस्सा है. योनासन का मानना है कि आइसलैंड के लेखक कहानी कहते तो हैं लेकिन वे स्मार्ट कथाकार नहीं हैं. उनकी रुचि लोगों में है और उनसे जुड़ी कहानियों में, यही वे कहते हैं. लेकिन अगर इनमें तुलना की बात आए तो कुल अनुवादित किताबों की संख्या में से 20 प्रतिशत बच्चों की किताबें हैं. और फिलहाल बच्चों की किताबें आइसलैंड से लेने वाले देशों में दक्षिण कोरिया और थाईलैंड हैं.

Frankfurter Buchmesse
तस्वीर: DW/Abha Mondhe

योनासन बताते हैं कि हर साल नई नई भाषाओं में अनुवाद हो रहा है. करीब 30 भाषाओं में अरबी, ब्राजीलियाई, पुर्तगाली भाषाएं भी हैं. हालांकि वह कहते हैं कि भारतीय भाषाओं में अभी ज्यादा अनुवाद नहीं हो पाया है. भारत में आइसलैंड का दूतावास कोशिश कर रहा है कि आइसलैंड के लेखकों को भारत में आमंत्रित किया जाए.

अभी भी आइसलैंड के लेखक अपने मुख्य बाजार यूरोप से ज्यादा दूर नहीं गए हैं. चीनी या सूदूर एशियाई भाषाओं में अभी अनुवाद नहीं हुए हैं. हालांकि आधुनिक कवियों ने हिन्दी और बांग्ला में आइसलैंडिक कविताओं के अनुवाद किए हैं और उनका संग्रह भी उपलब्ध है. उम्मीद करते हैं कि हाल्दोर लाक्सनेस से शुरू हुई यात्रा हिन्दी में कविताओं के बाद कहानियों में भी पहुंचेगी.

रिपोर्टः आभा मोंढे, फ्रैंकफर्ट

संपादनः वी कुमार

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें