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ग्रीन इंटेलिजेंस में चीन मुख्य साझीदार

२३ अप्रैल २०१२

दुनिया का सबसे बड़ा व्यापार मेला जर्मन शहर हनोवर में शुरू हो गया है. जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल और चीन के प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ ने रविवार शाम इसकी शुरूआत की. हर साल लगने वाले मेले का चीन इस बार आधिकारिक साझीदार है.

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तस्वीर: dapd

मेले में लगे पांच हजार स्टॉल में से 500 तो चीन के ही हैं. दोनों नेताओं का सोमवार को एक साथ मेला देखने का कार्यक्रम है. इससे पहले रविवार को दोनों ने रात का भोजन भी साथ ही किया. चांसलर मैर्केल ने इस मौके पर कहा कि चीन और जर्मनी दोनों देशों में मजबूत निर्माण उद्योग है जो आपसी सहयोग और द्विपक्षीय कारोबार से और आगे बढ़ सकता है. पिछले साल दोनों देशों के बीच 144 अरब यूरो का कारोबार हुआ. मैर्केल ने इस दौरान यह भी कहा, "धीरे धीरे हम इस बात को बेहतर तरीके से समझ रहे हैं कि दोनों देशों में काम कैसे होता है." साल भर के भीतर तीसरी बार मैर्केल से मिल से रहे चीनी प्रधानमंत्री ने उनसे सहमति जताई और कहा, "वैश्विक उद्योगों के बीच बातचीत और सहयोग बढ़ाने के लिए दोनों देश एक दूसरे के करीब आ कर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं."

Rundgang Merkel Wen Jiabao Hannover Messe
तस्वीर: dapd

हनोवर के मेले की थीम इस बार 'ग्रीन इंटेलिजेंस' रखी गई है जिसमें ध्यान ऐसी खोजों और तकनीक पर है जो पर्यावरण के अनुकूल हों. जर्मन कारोबारी संघ वीडीएमए के प्रमुख थोमास लिंडनर ने बताया, "चीन पहली बार अपने देश के बाहर इतने बड़े पैमाने पर अपनी औद्योगिक तकनीक को दुनिया के सामने रख रहा है. यह विशाल और शानदार प्रदर्शन हमें बताता है कि चीन हमारा कारोबारी साझीदार होने के साथ ही व्यापार में प्रतिद्वंद्वी भी है. जर्मन कंपनियां कई सालों से चीन के तेज औद्योगिक विकास में मदद कर रही हैं. इनमें से कई कंपनियां चीनी उद्योग की सफलता की कहानी का हिस्सा भी रही हैं."

मेलों के शहर के नाम से विख्यात हनोवर में दुनिया की 10 सबसे बड़ी प्रदर्शनियों में से पांच यहीं लगाई जाती हैं. यह मेला 1947 में शुरु हुआ था. जंग के बाद जर्मनी की अर्थव्यस्था को बेहतर बनाने के मकसद से ब्रिटिश सैन्य सरकार ने इसे शुरू किया था. पहली बार में ही यह आयोजन बेहद सफल रहा और हर साल सफलता के नए मानक गढ़ता गया. बाद में इसे पूर्वी जर्मन शहर लाइपजिग लाया गया और फिर वहां से हनोवर के फेयरग्राउंड में. 1980 में इसे विभाजित कर दो हिस्से में बांट दिया गया. एक हिस्सा सेबिट के नाम से आयोजित होता है जिसमें तकनीक की दुनिया समाई होती है. 2006 में भारत इस मेले का आधिकारिक साझीदार था और हर साल भारत से बड़ी संख्या में कारोबारी इसमें हिस्सा लेने आते हैं.

एनआर/एएम(एएफपी)

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