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घरों का संकट दूर करने के लिए जर्मनी की नई योजना

२७ सितम्बर २०२३

जर्मनी में घरों का संकट विकराल हो गया है. बढ़ी ब्याज दरों और महंगाई ने इसे मध्यमवर्गीय परिवारों की पहुंच से दूर कर दिया है. ऐसे में सरकार आम लोगों और उद्योग को राहत देने के इरादे से 14 सूत्री पैकेज ले कर आई है.

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जर्मन सरकार मकान संकट से निबटने के लिए 14 सूत्री योजना ले कर आई है
जर्मन सरकार ने हर साल 4 लाख फ्लैट बनाने का भरोसा दिया थातस्वीर: Paul Zinken/dpa/picture alliance

जर्मनी को बड़ी संख्या में सस्ते घरों की तत्काल जरूरत है. निर्माण उद्योग के साथ बर्लिन में हुई बैठक में घरों की समस्या दूर करने के लिए सरकार ने 14 सूत्री योजना पेश की है. आवास मंत्री क्लारा गेवित्स ने जोर दे कर कहा है कि यह योजना स्थितियों को बदलेगी और नई संभावनाएं बनाएगी.

घर की कीमत और किराये में किफायत

इस योजना में निर्माण की परियोजनाओं के लिए टैक्स में छूट, ऊर्जा मानकों का निलंबन और घर खरीदने या बनाने वाले परिवारों को ज्यादा सहयोग की बात की गई है. गेवित्स ने कहा, "हमारी नई फंडिंग से ज्यादा लोग घर खरीद या बना सकेंगे, चाहे पहले के बने हों या फिर नए."

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सरकार को भरोसा है कि कुछ समय के बाद ज्यादा घर उपलब्ध होंगे और किराये में भी किफायत होगी. गेवित्स ने कहा, "निर्माण क्षेत्र में जलवायु संरक्षण के बारे में ज्यादा समग्रता से सोच कर हम ज्यादा सीओ2 बचा सकेंगे और नया घर बनाना आसान होगा तो हमारे पास ज्यादा घर होंगे और किराया कम होगा."

 जर्मन सरकार ने मकान संकट से उबरने के लिए 14 सूत्री योजना बनाई है
जर्मनी को बहुत साले नए मकानों की जरूरत हैतस्वीर: imageBROKER/picture alliance

ऊर्जा मानक निलंबित

नए घरों को ऊर्जा के नए मानक के मुताबिक बनाने के लिए ईएच40 स्टैंडर्ड तैयार किया गया था लेकिन फिलहाल इसे निलंबित कर दिया गया है. अर्थव्यवस्था मामलों के मंत्री रॉबर्ट हाबेक का कहना है कि बिल्डिंग एनर्जी एक्ट के लागू होने के बाद 2024 से नई इमारतों में क्लाइमेट फ्रेंडली हीटिंग की व्यवस्था होगी. ऐसे में ईएच40 को लागू करने की कोई जल्दबाजी नहीं है.

हाबेक उस नये कानून का जिक्र कर रहे थे जिसका मकसद जीवाश्म ईंधन से चलने वाले हीटिंग सिस्टम को धीरे धीरे खत्म करना है. हालांकि इसे लेकर राजनीतिक बहस तेज है और इसे अभी संसद की मंजूरी मिलनी बाकी है.

सब्सिडी

14 सूत्री योजना में परिवारों के लिए प्रॉपर्टी सब्सिडी भी शामिल है. हाल के दिनों में इसका ज्यादा इस्तेमाल नहीं हुआ है. इसके लिए आय की सीमा आब 60,000 यूरो से बढ़ा कर 90,000 यूरो कर दी गई है. अगले दो साल में सरकार ऐसे घरों को खरीदने के लिए भी योजना शुरू करने की सोच रही है जिनकी मरम्मत करना जरूरी है. इसके साथ ही खाली पड़े दफ्तरों और दुकानों को भी फ्लैट में बदलने की योजना को सरकार का समर्थन मिलेगा. इसके लिए सरकार ने संघीय बजट से अलग क्लाइमेट एंड ट्रांसफॉर्मेशन फंड से पैसों का इंतजाम करने का फैसला किया है. 

जर्मनी में बड़ी संख्या में लोग मकान ढूंढ रहे है लेकिन उन्हें घर नहीं मिल रहे
ऊर्जा संकट और महंगाई की वजह से मकान का संकट बढ़ गया हैतस्वीर: Sebastian Gollnow/dpa/picture alliance

घरों की समस्या से निबटने का एक और उपाय सीरियल कंसट्रक्शन के रूप में निकाला है. चांसलर शॉल्त्स ने इसके बारे में सोमवार को बताया कि एक बार अगर किसी घर को मंजूरी मिल जाती है तो फिर उसे दूसरे जिले में भी बनाने के लिए ज्यादा कागजी कार्रवाई की जरूरत नहीं होगी. इससे इमारतें सस्ती और जल्दी बनाने में मदद मिलेगी.

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हर साल चाल लाख फ्लैट?

जर्मनी के सत्ताधारी गठबंधन के लिए हुए समझौते में एसपीडी, ग्रीन पार्टी और फ्री डेमोक्रैटिक पार्टी ने हर साल 400,000 नए फ्लैट बनाने की बात कही थी. हालांकि यह लक्ष्य पूरा नहीं हो सका है. 2022 में केवल 300,000 नए फ्लैट ही बन सके. इस साल निर्माण उद्योग 230,000-240,000 नए फ्लैट की उम्मीद कर रहा है जबकि अगले साल तो 200,000 से भी कम ही फ्लैट बनने के आसार हैं.

सरकार की योजना में निर्माण प रियोजनाओं के लिए टैक्स में छूट देने की भी बात है. इसके लिए खास डेप्रिसियेशन रूप बनाया गया है. इसके साथ ही पुराने हीटिंग सिस्टम को बदल कर नया क्लाइमेट फ्रेंडली सिस्टम लगाने वालों को क्लाइमेट बोनस देने का प्रावधान किया गया है.

जर्मनी में मकान का संकट बढ़ता जा रहा है
सरकार ने निर्माण से जुड़े नये मानकों को निलंबित करने का फैसला किया हैतस्वीर: Bernd Weißbrod/dpa/picture alliance

जिन शहरों और म्युनिसिपल्टियों में हाउसिंग की ज्यादा कमी है वहां सस्ते घर बनाना आसान और तेज किया जाएगा. सरकार अगले साल से हाउसिंग कम्युनिटी बेनिफिट योजना भी शुरू करने जा रही है. इसके तहत किफायती घर स्थाई तौर पर मुहैया कराने वाले मकान मालिकों को टैक्स में छूट और सब्सिडी दी जाएगी.

सरकार की 14 सूत्री योजना पर सेंट्रल एसोसिएशन ऑफ बिल्डिंग ट्रेड का कहना है कि सरकार ने संभवतः परिस्थितियों की संभावना को पहचान लिया है. रियल इस्टेट एसोसिएशन जेडआईए ने भी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है. जर्मन निर्माण उद्योग संघ ने सरकार के पैकेज को उम्मीद से बेहतर बताया है. हालांकि पर्यावरण के लिए काम करने वाले संगठनों ने इस योजना पर निराशा जताई है.

एनआर/वीके (डीपीए)