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चुनाव सर्वे में लेफ्ट का बंगाल से सफाया

११ मई २०११

पश्चिम बंगाल में 34 साल से जारी वामपंथी दलों का राज कायम रहेगा या नहीं, इसका फैसला वोटिंग मशीनों में कैद हो चुका है. मंगलवार को छठे दौर की वोटिंग के साथ चार राज्यों में विधानसभा चुनाव खत्म हो गए. 13 मई को आएंगे नतीजे.

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Ministerpräsident des indischen Bundesstaates West Bengal, Buddhadeb Bhattacharjee, Foto: DW-Hindi Korrespondenten Prabhakar Mani tewari in Kolkata, eingepflegt: Januar 2011, Zulieferer: Priya Esselborn
तस्वीर: DW

विधानसभा चुनाव खत्म होते ही भारतीय मीडिया में जारी किए गए कई सर्वेक्षणों में अनुमान लगाया गया है कि तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी कांग्रेस की मदद से लाल किले को भेदने में कामयाब हो जाएंगी. बाकी राज्यों तमिलनाडु, केरल और असम में भी यूपीए को बढ़त का अनुमान जाहिर किया गया है. हालांकि तमिलनाडु के बारे में सर्वेक्षणों की राय बंटी हुई है. कुछ चैनलों ने मौजूदा मुख्यमंत्री करुणानिधि को दोबारा कुर्सी पर बिठाया है जबकि कुछ समाचार चैनल जयललिता को स्पष्ट बहुमत मिलने की बात कह रहे हैं.

Die indische Eisenbahnministerin Mamata Banerjee (Mamta) und Vorsitzende des Trinamool Congress bei einer veranstaltung in Kolkata.
तस्वीर: UNI

ममता की बड़ी जीत

भारतीय न्यूज चैनलों में आज तक, स्टार न्यूज और सीएनएन आईबीएन ने एग्जिट पोल पेश किए हैं. स्टार न्यूज का अनुमान है कि टीएमसी-कांग्रेस गठबंधन को पश्चिम बंगाल में 221 सीटें मिलेंगी जबकि वाम दलों को सिर्फ 62.

केरल के बारे में भी स्टार न्यूज ने ऐसा ही अनुमान लगाया है कि वहां की वामपंथी सरकार को हटाकर कांग्रेस सत्ता हासिल कर लेगी. केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ को 88 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है जबकि वामपंथी गठबंधन एलडीएफ को 49. इस सर्वे के मुताबिक असम में इस बार भी कांग्रेस ही सत्ता में लौटेगी.

लेफ्ट फ्रंट का सफाया?

आज तक ने भी पश्चिम बंगाल में कमोबेश ऐसी ही स्थिति जाहिर की है. उसने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाले गठबंधन को 210 से 220 सीटें मिलने की बात कही है जबकि लेफ्ट फ्रंट के खाते में 65 से 70 सीटें दिखाई गई हैं.

सीएनएन आईबीएन ने भी पश्चिम बंगाल में लेफ्ट फ्रंट का पूरी तरह सफाया होने का अनुमान लगाया है. उसके सर्वेक्षण के मुताबिक कांग्रेस और तृणमूल के गठबंधन को 222 से 234 तक सीटें मिल सकती हैं जबकि लेफ्ट फ्रंट के हाथ में महज 60 से 72 सीटें ही आएंगी.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एस गौड़

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