1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

जर्मनी पाक करेंगे सामरिक सहयोग

५ सितम्बर २०१२

जर्मनी और पाकिस्तान ने आपसी सहयोग बढ़ाने का फैसला लिया है. जर्मन विदेश मंत्री गीडो वेस्टरवेले और पाकिस्तानी विदेश मंत्री हिना रब्बानी खर ने सहयोग संधि पर दस्तखत किए हैं जिसका फायदा अफगानिस्तान को भी मिलेगा.

https://p.dw.com/p/163mK
तस्वीर: dapd

दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने बर्लिन में सामरिक संवाद शुरू करने के रोडमैप संधि पर दस्तखत किए हैं. रक्षा और सुरक्षा नीति के क्षेत्र दोनों देशों ने नियमित रूप से बातचीत करना तय किया है. इसके अलावा अफगानिस्तान को स्थिर बनाने और आतंकवाद विरोधी संघर्ष में वे आपसी सहयोग बढ़ाएंगे.

2009 में जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने दोनों देशों के बीच सामरिक संवाद शुरू करने का फैसला किया था. दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के नेतृत्व में संबंधित मंत्रालयों के अधिकारियों की भागीदारी के साथ यह सामरिक संवाद तय किए गए इलाकों में गहन सहयोग का ढांचा देगा. जर्मन विदेश मंत्रालय के राज्य सचिव और पाकिस्तान के विदेश सचिव हर साल मिलेंगे. बैठक इस्लामाबाद और बर्लिन में बदल बदल कर होगी. इसके अलावा दोनों देशों के विदेश मंत्री समय समय पर मिलेंगे.

सामरिक सहयोग की शुरुआत करते हुए वेस्टरवेले ने कहा कि जर्मन नजरिए से अफगानिस्तान और पूरे इलाके में स्थिरता के लिए पाकिस्तान की अहम भूमिका है. उन्होंने कहा, "पाकिस्तान के बिना अफगानिस्तान में कोई हल संभव नहीं है. लेकिन स्थिर अफगानिस्तान के बिना पाकिस्तान में भी शांति संभव नहीं है." वेस्टरवेले ने भरोसा दिलाया कि 2014 में अंतरराष्ट्रीय टुकड़ियों की वापसी के बाद भी जर्मनी अफगानिस्तान को भूलेगा नहीं.

Außenminister Westerwelle und pakistanische Aussenministerin Khar
तस्वीर: DW

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के सीमाई इलाके को इस्लामी आतंकवादियों के छुपने की जगह माना जाता है. कट्टरपंथी पाकिस्तान को भी नियमित रूप से हमलों का निशाना बनाते रहते हैं. 17 करोड़ की आबादी वाले पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार भी हैं और पश्चिमी देशों को डर लगा रहता है कि हथियार इस्लामी आतंकवादियों के कब्जे में आ सकते हैं.

पाकिस्तानी विदेश मंत्री खर ने कहा कि शांतिपूर्ण और स्थिर अफगानिस्तान उनके देश के राष्ट्रीय हित में है. उन्होंने जोर देकर कहा कि अफगानिस्तान को लेकर उनके देश की कोई खुफिया राजनीतिक योजना नहीं है. अमेरिका लंबे समय से पाकिस्तान की सेना और खुफिया एजेंसी पर काबुल सरकार के खिलाफ विद्रोहियों की गुपचुप मदद करने का आरोप लगा रहा है.

हिना रब्बानी खर ने यह भी कहा कि उनका देश जर्मनी के साथ आर्थिक रिश्तों को बढ़ाना चाहता है. जर्मनी यूरोप में पाकिस्तान का सबसे महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार है. दोनों देशों ने कारोबारी मौकों के बारे में सूचना देने और कारोबारियों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने का फैसला लिया है. इसके अलावा उच्च शिक्षा और विज्ञान के क्षेत्र में सहयोग भी तेज किया जाएगा.

एमजे/एएम (एएफपी, डीपीए)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें