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जहर से हुई अराफात की मौत!

५ जुलाई २०१२

फलीस्तीन के पूर्व राष्ट्रपति यासर अराफात की मौत कैसे हुई थी. क्या ब्रेम हेमरेज से जैसा कि बताया गया था या फिर उनकी मौत जहर पीने की वजह से हुई थी. 8 साल बाद फलीस्तीन मुक्ति संग्राम के नेता की मौत पर सवाल उठने लगे हैं.

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तस्वीर: AP

अब कहा जा रहा है कि अराफात को जहर देकर मारा गया था. ये दावा किया है अरबी चैलन अल जजीरा ने. हाल ही में चैनल पर अराफात के बारे में एक डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई. इसमें इशारा किया गया है कि अराफात की मौत पोलोनियम-210 नामक जहर की वजह से हुई थी. चैनल ने ये दावा अराफात के उन सामानों की जांच के बाद किया है जिन्हें वो अस्पताल में अपने अंतिम दिनों में इस्तेमाल करते थे. डॉक्यूमेंट्री में अराफात के पसीने से सने तौलिये, खून और बाल की जांच कराई गई. इसके बाद दावा किया गया है.

चैनल के इस खुलासे के बाद फलीस्तीन में हडकंप मच गया है. फलीस्तीन सरकार ने अराफात की मौत के बारे में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की जांच की मांग की है. सरकार के वरिष्ठ अधिकारी साएब एराकात का कहना है, "हम अराफात की मौत की जांच के बारे में एक अंतरराष्ट्रीय समिति बनाने की मांग करते हैं."

Jassir Arafat Jahrestag Gaza
तस्वीर: AP

अराफात की पत्नी सुहा अराफात ने भी कहा है कि वह जांच में सहयोग करने के लिए अराफात के ताबूत को दोबारा खुलवाने का समर्थन करती हैं. उनका कहना है, "मैं स्विट्जरलैंड की उस प्रयोगशाला को तुरंत एक पत्र लिखने वाली हूं जिसने जांच की है. ताकि उन नमूनों इकट्ठा किया जा सके और सचाई की पड़ताल की जा सके." अराफात की मौत की जांच करने वाले फलिस्तीनी दल के प्रमुख तौफीक तेरावी का कहना है कि फलीस्तीन सरकार मौत के कारणों का पता लगाने के लिए अराफात के सामन की जांच की इजाजत देगी बशर्ते अराफात के परिवार वालों को इस पर दिक्कत न हो. अराफात के शव को रामल्लाह में दफनाया गया था.

अल जजीरा को डॉक्यूमेंट्री बनाने की इजाजत अराफात की पत्नी सुहा अराफात ने दी थी. सुहा की इजाजत के बाद ही चैनल ने प्रयोगशाला से संपर्क किया और अराफात के सामन की जांच कराई.

चैनल की नौ महीने की तफ्तीश से जुड़े डॉक्टर, फ्रांक्वाइश बोशुड ने कहा, '' जांच के नतीजों से पता चला है कि इन समानों में पोलोनियम था.'' फ्रोंसुआ बोशु लाउसाने विश्वविद्यालय में रेडिएशन फिजिक्स के प्रमुख हैं. हालांकि उन्होने ये भी कहा है कि इस दावे को सही साबित करने के लिए जांच करानी होगी. उन्होने कहा, '' अगर अराफात की पत्नी सुहा अपने पति की मौत की असली वजह जानना चाहती हैं तो दोबारा उनका ताबूत खोलना होगा जिसमें अराफात का शव और सामान रखा है. अगर अराफात को जहर देकर मारा गया होता तो उनके समानों में भारी मात्रा में पोलोनियम होगा.''

Beerdigung von Arafat in Ramallah
तस्वीर: AP

पोलोनियम-210 एक रेडियोऐक्टिव पदार्थ है जिसे जहर की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है. पोलोनियम-210 पहली बार 2006 में चर्चा में आया जब इसी साल ब्रिटेन में एक रूसी जासूस अलेक्जेंडर लितविनेन्को की मौत का मामला सामने आया था. जांच के बाद पता चला था कि चाय में पोलोनियम देकर लितविनेन्को की हत्या कर दी गई थी. हालांकि इस बात की भी संभावना जताई जा रही है कि अराफात के ताबूत को खुलवाने का लोग विरोध भी कर सकते हैं. इस्लामी परंपरा के मुताबिक एक बार अंतिम संस्कार के बाद ताबूत को दोबारा खुलवाया नहीं जाता. लेकिन जांच को लेकर अराफात के विरोधी गुट हमास ने भी सहमति जताई है. हमास ने इस्राएल को अराफात की मौत का जिम्मेदार ठहराया है. फलीस्तीन के पूर्व विदेश मंत्री और अराफात के भतीजे नसर अल कदवा ने भी पिछले साल नवंबर में कहा था कि अराफात की मौत के लिए इस्राएल जिम्मेदार है.

अराफात की मौत 11 नवंबर 2004 को फ्रांस की राजाधानी पैरिस के एक सैनिक अस्पताल में हुई. उस वक्त फ्रांसीसी डॉक्टरों ने कहा था कि मौत ब्रेन हेमरेज की वजह से हुई थी. 2004 में पश्चिमी तट के अपने घर में अचानक बीमार होने के बाद अराफात को पैरिस के सैनिक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. तब कहा गया था कि अराफात के अंगों ने काम करना बंद कर दिया था. उनकी आंतों में संक्रमण था और पीलिया भी बताया गया. हालांकि डॉक्टरों ने मेडिकल रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया. सितंबर 2005 में इस्राएली समाचार पत्र हारेट्ज ने दावा किया था कि अराफात की मौत एड्स की वजह से हुई थी जिसका बाद में न्यूयॉर्क टाइम्स में खंडन किया था.

वीडी/ओएसजे (एएफपी, एपी)