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जापान पर प्रकृति का कोप

१५ मार्च २०११

भले ही हम अंतरिक्ष में बस्तियां बसाने की बात करें या फिर चांद तारे तोड़ लाने की, सच्चाई यही है कि कुदरत के सामने हम कुछ नहीं कर सकते. जापान में आई भूकंप और सूनामी की त्रासदी पर हमारे पाठकों ने खेद जताया है.

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तस्वीर: AP

आपकी वेबसाइट पर विशेष तौर पर जापान में आई सूनामी और भूकंप के बारे में बहुत ही अच्छी और सही जानकारी मिली. आराम से, सरलता के साथ आपसे मिली पूरी जानकारी के लिए मैं और मेरे क्लब के लोग आभार प्रकट करते है. साथ ही यह दुख भी है इसमें काफी जानमाल का नुकसान हुआ. जिन लोगों को नुकसान हुआ, जिनकी जानें गईं, उन सब के लिए हम ईश्वर से दुआ करते हैं.

मोहम्मद असलम, आलमी रेडियो लिस्नर्स क्लब, आजमगढ़ (उत्तर प्रदेश)

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भूंकप के बाद अपनी धुरी से खिसकी धरती - कुदरत के सामने हम बहुत बौने हैं. तमाम वैज्ञानिक प्रगति के बावजूद जापान में आए भूकंप और सूनामी ने जो कहर बरपाया है, उससे यह बात सिद्ध हो जाती है. यह हमारे लिए चेतावनी है कि कुदरत के नियमों का पालन ना किया गया तो विनाश को कोई नहीं टाल सकेगा. इन दिनों जिस महाप्रलय का मीडिया में बराबर ज़िक्र किया जा रहा है, मुझे तो लगता है कि जापान की घटना उसका ट्रेलर मात्र है. आशा है कि हम इंसान इससे कुछ तो सबक अवश्य लेंगे.

सुरेश अग्रवाल, केसिंगा (उड़ीसा)

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आपने पुरस्कार के रूप में जो टीशर्ट भेजी थी, वह मुझे 11 मार्च को मिल गई. लेकिन मेरी खुशी सूनामी और भूंकप की त्रासदी के समाचार के बीच खो सी गई. आपको इसके लिए धन्यवाद कहना चाहूंगा. साथ ही मैं आपदा से प्रभावित लोगों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करता हूं. प्रकृति के कोप के सामने हम कितने विवश है, ये बात साबित हो गई. अब न चेते तो और भीषण परिणाम देखने होंगे.

पवन कुमार, पटना (बिहार)

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जापान में भूकंप के बाद 10,000 लोग लापता - परमाणु ऊर्जा कितनी सुरक्षित? बिजली जीवन के लिए अनिवार्य आवश्यकता बन चुकी है. सर्वोत्तम तो यह है कि बिजली का उत्पादन सौर उर्जा से, विंड पावर से या जल उर्जा से ही हो. किंतु जब ताप उर्जा की बात आती है तो कोयले की अपेक्षा परमाणु उर्जा से बनाई गई बिजली अपेक्षाकृत सस्ती और नियंत्रित प्रदूषण वाली लगती है. पर जब यह नियंत्रित विकिरण जापान जैसे कारणों से अनिंयंत्रित हो तो यह किसी परमाणु बम से कम नही है. जापान में आए भूकंप और उसके बाद सूनामी लहरों के प्रलय में एक परमाणु संयंत्र को जबरदस्त नुकसान हुआ है. इसी तरह अस्सी के दशक में सोवियत संघ के चेर्नोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र में हुई दुर्घटना का खमियाज़ा आज तक वहां के लोग भुगत रहे हैं. भारत में हम अभी नई परमाणु बिजली परियोजनाओं पर काम शुरू करने वाले हैं. इसलिए हमें इससे सीख लेने की बहुत जरूरत है.

विवेक रंजन श्रीवास्तव, जबलपुर (मध्यप्रदेश)

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Flash-Galerie Japan Erdbeben Tsunami
तस्वीर: AP


जो भी इस भयानक आपदा से प्रभावित हुए हैं, हमारी प्रार्थनाए उनके साथ हैं. यह हमारे लिए एक भयानक चेतावनी है कि प्रकृति क्या कुछ कर सकती है और हमें भी तूफानों के बारे में अपने पिछले अनुभव के आधार पर अच्छी तरह मालूम है. यह जापान के रिकॉर्ड में सबसे शक्तिशाली भूकंप माना गया है और 1900 के बाद विश्व में पांचवां सबसे बड़ा भूकंप था. जापानी अधिकारियों ने 1000 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है और यह आशंका है कि मरने वालों की संख्या और भी अधिक होगी. हम उन लोगों के लिए प्रार्थना करते हैं जिनकी इस भूकंप और सूनामी में मृत्यु हो गई है.

राम कुमार नीरज बदरपुर, नई दिल्ली

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जापान में सूनामी से सैकड़ों की मौत, कई और जगहों पर खतरा - जापान में सूनामी की खबर दुखद है. इस प्राकृतिक विभीषिका ने दिसंबर 1984 की याद दिला दी. मृतकों को श्रद्धांजलि.

विवेक रंजन श्रीवास्तव, जबलपुर (मध्य प्रदेश)

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भूकंप के बाद दुनियाभर में क्या क्या हुआ - जापान में आए सूनामी से लड़ने के लिए भारत और भारतीय भरपूर मदद करेंगे. जय हिंद.

मनीष शर्मा, ईमेल से

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जापान में सूनामी से सैंकड़ों की मौत, कई और जगहों पर खतरा - यह कैसे हो गया कुछ नेचुरल प्रॉब्लम था क्या?

सारिका, ईमेल से

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जापान भूकंपः हजार के मरने की आशंका, बचाव कार्य तेज - जापान में हुए सुनामी और भूकंप के कारण जिनका निधान हुआ उनके परिजनों को शोक प्रकट करना चाहता हूं. साथ ही डी डब्ल्यू की तारीफ करना चाहता हूं क्योंकि उन्हीं से हमें ताजा जानकारी मिलती रही.

बिधान सान्याल रेडियो मोस्को लिस्नर्स क्लब, बालुरघाट पश्चिम बंगाल

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जापान में फिर भूकंप, रिएक्टर में धमाका - आपकी कवरेज़ बहुत त्वरित और सम्पूर्ण जानकारी से परिपूर्ण रहती है. बहुत बहुत बधाई.

प्रमोद महेश्वरी, फतेहपुर-शेखावाटी, राजस्थान, ईमेल द्वारा

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बहुत ही दुखद घटना है, कितने लोग मारे गए. प्रकृति से छेड़छाड़ करने का नतीजा हम भुगत रहे है. प्रकृति का यह रूद्र रूप है. जापान में तो जल प्रलय आ ही गई है प्रार्थना करते हैं कि ईश्वर दया करे और हमें इन संकटों से बचाए.

श्री गौर, फेसबुक पर

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संकलनः विनोद चढ्डा

संपादनः एन रंजन