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टैटू की छाप में छिपी है कला और संदेश कई

१७ जुलाई २००९

टैटू कलाकारों की प्रतिभा का सबसे निराशाजनक पहलू ये है कि आने वाली पीढ़ियों के लिए उसका कोई मौलिक संरक्षण नहीं हो सकता. जीवित शरीर ही उनके कैनवस हैं और वे एक समय बाद दुनिया से फ़नां हो जाते हैं.

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माइकल जैक्सन की याद में एक लड़की ने गुदवा दी उनकी आंखों की छापतस्वीर: dap

मशहूर टैटू आर्टिस्ट और इस पर एक किताब लिखने वाले 39 साल के जेफ़ जॉनसन का कहना है कि टैटू की कला दिखती रहे या नहीं इससे फ़र्क नहीं पड़ता, मूल बात ये है कि इसमें काम करते हुए अपार आनंद मिलता है. टैटू मशीन : टॉल टेल्स, ट्रू स्टोरीज़, एंड माइ लाइफ़ इन इंक नाम की किताब के लेखक जॉनसन ओरेगोन में द सी ट्रैंप टैटू कंपनी के सह मालिक भी हैं.

Themenbild Tattoo Rücken
टैटू को समर्पित देहतस्वीर: picture-alliance / dpa

18 साल से टैटू उकेरने का काम कर रहे जॉनसन का कहना है कि ये लोगों के सबसे निकटस्थ कला है. आप अजनबियों के साथ बैठते हैं, और उनकी राम कहानी सुनते हैं. कहां से आए. क्या करते हैं आदि आदि. और अपने शरीरों में टैटू गुदवाने वालों की संख्या में भी इज़ाफ़ा हो रहा है. और हर तबके, हर उम्र, हर समाज के लोग इसके शौकीन बने हैं.

एक आंकड़ें के मुताबिक अकेले अमेरिका में ही 18 से 25 साल की उम्र वाले युवाओं में क़रीब 36 फ़ीसदी लोगों ने टैटू गुदवाए हैं. टैटू का शौक इतना सघन है कि जॉनसन बताते हैं कि छात्रों से लेकर डॉक्टर तक, मोटरसाइकिल जाबांज़ों से लेकर कार मैकेनिक तक, सब इसके दीवाने हैं. और तो और खेल, ग्लैमर और कला की दुनिया के सितारे टैटू के ख़ासे शौकीन रहे हैं.

Tatowierung Isobel Varley
सबसे ज़्यादा टैटू आच्छादित देह के लिए गिनीज़ बुक में 2001 में नाम दर्ज़ था ब्रिटेन की इज़ाबेल वार्ले का.तस्वीर: AP

टैटू आर्टिस्ट जॉनसन की सबसे दिलचस्प याद एक 88 साल की महिला को टैटू गोदने से जुड़ी है. वो बताते हैं कि उसे हड्डियों की बीमारी यानी ऑर्थराइटिस था. वो जेवरात पहनने में असमर्थ थी. लेकिन जॉनसन ने अपनी कलाकारी से उसकी कलाई में उसके एक कंगन की छवि उकेर दी. बूढ़ी महिला के लिए ये एक निजी सुख का मौका था.

जानकारों के मुताबिक वैयक्तिक और होमोजीनस होते पश्चिमी समाज में टैटू निजता और स्वच्छंदता का एक बड़ा प्रतीक माना जाने लगा है. और दूसरी बात ये है कि वो वैकल्पिक सामाजिक ढांचे का आधार बिंदु भी है. उसे गुदवाकर अपनी आज़ादी, अपने विकल्प, विरोध और अपने निजी रोमान का एक प्रतीकात्मक संदेश लोग देना चाहते हैं.

Tattoo von Penelope Cruz
स्पानी अभिनेत्री पेनेलोप क्रूज़ ने टांग में गुदवाया टैटूतस्वीर: picture-alliance / dpa

कई किस्मों के सामाजिक दबावों से निकलने और उनसे अलग दिखने की भी ये एक कोशिश समझी जाती है. यूं भारत के कई गांव देहातों में हाथ या आकृति या नाम गुदवाने की एक लोक परंपरा भी चली आ रही है. हालांकि इस लोक कला अभिव्यक्ति के इतर अतिरेकी दिखावट वाले टैटू को लेकर कोई बहुत खुली मान्यता ज़्यादातर समाजों में नहीं है. कई लोग अब भी इन चीज़ों पर नाक भौं सिकोड़ते हैं.

लेकिन जानकारों के मुताबिक लोग कुछ भी समझें, यही तो पॉप्यूलर कल्चर है कि यहां किसी एक आवाज़, किसी एक समाज या किसी एक नैतिकता का दबदबा नहीं रह सकता.

रिपोर्ट- एजेंसियां/शिवप्रसाद जोशी

संपादन- एस गौड़