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तालिबान की मदद करने वाले मनी चेंजरों पर प्रतिबंध

३० जून २०१२

अमेरिका ने अफगानिस्तान और पाकिस्तान के दो मनी चेंजरों पर तालिबान की मदद करने का आरोप लगाया है. दोनों कंपनियों को प्रतिबंधित सूची में डाल दिया गया है. इसके बाद दोनों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है.

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वजीरिस्तान में तालिबान की ट्रेनिंगतस्वीर: AP

मुद्रा विनिमय का कारोबार करने वाले ये दो संगठनों हाजी खैरुल्लाह हाजी सत्तार मनी एक्सचेंज (एचकेएचएस) और रोशन मनी एक्सचेंज हैं. अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने कहा है कि तालिबान ने इनके जरिए ड्रग कारोबार और आतंकवादी कार्रवाइयों के लिए पैसा का ट्रांसफर किया है. अमेरिकी ट्रेजरी के अनुसार, पिछले साल तक एचकेएचएस सेवाएं तालिबान नेतृत्व के लिए अफगानिस्तान में तालिबान कमांडरों को मनी ट्रांसफर करने के लिए पसंदीदा साधन थी.

अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार रोशन मनी एक्सचेंज का इस्तेमाल तालिबान ने खासकर हेलमंद प्रांत में पैसा ट्रांसफर करने के लिए किया. इसके अलावा पिछले साल तालिबान अधिकारियों की ओर से ड्रग खरीदने के लिए लाखों डॉलर ट्रांसफर किये गए. ट्रेजरी ने तालिबान को चंदा देने के लिए एचकेएचएस के मालिकों हाजी अब्दुल सत्तार बरकजई और हाजी खैरुल्लाह बरकजई को प्रतिबंधित लोगों की सूची में डाल दिया है.

एचकेएचएस की पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ईरान और दुबई में 16 शाखाएं हैं, जबकि रोशन मनी एक्सचेंज पाकिस्तान और अफगानिस्तान में 11 शाखाएं चलाता है.

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तस्वीर: Reuters

इस बीच अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री मैडलीन ऑलब्राइट ने कहा है कि उग्रपंथ, गरीबी और कमजोर सरकार के मिश्रण के साथ पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सिरदर्द बना हुआ है. अमेरिका इसका समाधान करने की मुश्किल स्थिति में है.

नई दिल्ली में एक भाषण में ऑलब्राइट ने कहा, "पाकिस्तान को उग्रवाद और परमाणु अप्रसार के मुद्दों से निबटना सीखना होगा. अमेरिका इसका समाधान करने की मुश्किल परिस्थिति में है. यह बहुत सारी समस्याओं की जड़ है." बिल क्लिंटन की सरकार में विदेश मंत्री रहीं ऑलब्राइट ने वॉशिंगटन और इस्लामाबाद के मुश्किल रिश्तों की चर्चा करते हुए कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद का मुकाबला करने पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए. इससे इलाके में और दुनिया में शांति आएगी.

उधर पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक ने एक ट्वीट में कहा है कि पाकिस्तान मुंबई आतंकी हमलों की जांच में भारत के साथ पूरा सहयोग करना जारी रखेगा. उन्होंने लिखा, "पाकिस्तान और भारत को अपने असली दुश्मनों का पता करने की जरूरत है." बुधवार को मलिक ने आतंकी हमलों पर ताजा जांच पर भारत की आलोचना की थी. उन्होंने भारत के गृह मंत्री पी चिदंबरम के दावे को गलत बताया था कि पाकिस्तान के सरकारी और गैर सरकारी तत्व मुंबई हमलों में शामिल थे और खुफिया एजेंसी आईएसआई को आला एजेंसी बताते हुए कहा था, "हमें हमारी आईएसआई पर नाज है जो पाकिस्तान की रक्षा कर रही है."

भारत की पुलिस इस समय सउदी अरब से प्रत्यर्पित अबु जिंदाल से पूछताछ कर रही है. पुलिस का कहना है कि उसने यह बात स्वीकार की है कि वह करांची के कंट्रोल रूम से मुंबई पर हमला करने वाले दस आतंकवादियों को नियंत्रित कर रहा था. भारतीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि पाकिस्तान को स्वीकार करना चाहिए कि वह हमलावरों को तैयार करने वाले ग्रुप का हिस्सा था. पाकिस्तान ने इस्लामाबाद पर आरोप लगाने के बदले भारत से जिंदाल के बारे में जानकारियां साझा करने की मांग की है.

एमजे/ओएसजे (एएपपी, पीटीआई)

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