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नासा का विशाल "कैन" तोड़ने का प्रयोग

२७ मार्च २०११

डिस्कवरी की उड़ान के साथ स्पेस शटल से अंतरिक्ष उड़ान का दौर समाप्त हो चुका है. इस वक्त अमेरिका के पास कोई अंतरिक्ष यान नहीं है. अगली पीढ़ी के यानों के विकास से पहले कई महत्वपूर्ण प्रयोग किए जा रहे हैं.

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अंतरिक्ष यान डिस्कवरीतस्वीर: dapd

बुधवार को अंतरिक्ष संस्था नासा ने पदार्थों की शक्ति नापने के लिए एक विशाल डिब्बे या "कैन" को तोड़ने का प्रयोग किया. ये पदार्थ अगली पीढ़ी के अंतरिक्ष यानों के निर्माण के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं.

अलाबामा प्रेदश के हंट्सविले में नासा के मार्शल स्पेस फ्लाइट सेंटर में "कैन" तोड़ने का यह प्रयोग किया गया. इसके तहत अल्युमिनियम व लिथियम से बने 6 मीटर लंबे व 8.3 मीटर व्यास वाले एक सिलिंडर पर तब तक दबाव डाला जाता रहा, जब तक उसे कुचल न दिया जाए. नासा के एक वक्तव्य में कहा गया है कि यह सिलिंडर चार लाख 54 हजार किलोग्राम के बराबर दबाव सहने के काबिल था.

1960 के बाद

इस प्रयोग से नासा के अगले भारी अंतरिक्ष यानों के पदार्थों व उनके डिजाइनों के बारे में वैज्ञानिकों को महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी. पिछले ऐसे प्रयोग अपोलो कार्यक्रम के दौरान 1960 के दशक में किए गए थे. उस समय कंप्यूटर मॉडल सहित आधुनिक तकनीक विकसित नहीं हुई थी. इस बार के प्रयोग में उन्हें शामिल किया जा सका है. इन प्रयोगों के आधार पर अंतरिक्ष यानों को मजबूत बनाया जा सकेगा, ताकि वे अंतरिक्ष की अज्ञात कठिन परिस्थितियों से निपट सकें.

स्पेस शटल कार्यक्रम समाप्त होने के बाद अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने के लिए प्राइवेट फर्मों में आउटसोर्सिंग की जाएगी. नासा के काम इस पर केंद्रित होंगे कि कैसे मंगल ग्रह या उससे दूर तक की अंतरिक्ष यात्राओं के लिए भारी व मजबूत अंतरिक्ष यान तैयार किए जा सकें.

रिपोर्टे: एजेंसियां/उभ

संपादन: वी कुमार

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