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नासा ने खोजा अनोखा सौरमंडल

३ फ़रवरी २०११

अंतरिक्ष के रहस्यों की कुछ परतों को खोलते हुए एक अनोखे सौरमंडल का पता लगा है, जिसके ग्रह एक दूसरे से सटे हुए हैं. नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि इन ग्रहों की धुरी बेहद पास है और वे इस रहस्य को हल करने में लग गए हैं.

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तस्वीर: picture-alliance/ dpa

अमेरिकी अंतरिक्ष संस्था नासा का कहना है कि उनके वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि हमारे सौरमंडल के बाहर करीब 1200 ग्रह और हैं. नेचर पत्रिका में छपी रिपोर्ट के अनुसार एक पूरा नया सौरमंडल मिलने के बाद वैज्ञानिक इस बात से चकित हैं कि हमारे ब्रह्मांड में अभी भी कितने राज छिपे हैं. नासा की टीम ने इस सौरमंडल का नाम केपलर-11 रखा है क्योंकि इसे केपलर की दूरबीन से खोजा गया है.

रिपोर्ट में कहा गया है, "केपलर-11 की एक खास बात यह है कि इसके ग्रहों की धुरियां एक दूसरे के कितने पास हैं. यह बेहद हैरान करने वाली बात है."

इसका सूर्य भी हमारे सौरमंडल के सूरज की तरह ही है. लेकिन इसके चारों ओर घूम रहे पांच ग्रह एक दूसरे के इतने पास हैं, जितने कि हमारे सौरमंडल में बुध (मरक्यूरी) और शुक्र (वीनस). वैज्ञानिकों का कहना है कि ये हमारे सौरमंडल के ग्रहों बुध, शुक्र, पृथ्वी और मंगल से कहीं बड़े हैं.

कैलीफोर्निया यूनिवर्सिटी के जोनाथन फोर्टने का कहना है, "यह बात साफ है कि वे हमारी पृथ्वी से नहीं मिलते हैं. केपलर-11 के छोटे ग्रह हमारे ग्रह के राहु (नेप्च्यून) ग्रह की तरह हैं, हमारी पृथ्वी की तरह नहीं." हमारे सौरमंडल में राहु, वृहस्पति (जूपिटर), शनि (सैटर्न) और वरुण (यूरेनस) गैस से भरे ग्रह हैं, जबकि पृथ्वी जैसे ग्रह जो सूर्य के पास हैं, वे ज्यादा ठोस हैं.

पृथ्वी जैसा ग्रह

करीब दो साल पहले केपलर को छोड़ा गया था, जो ब्रह्मांड में पृथ्वी जैसे ग्रह को तलाशने का काम कर रहा है. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि एक दिन पृथ्वी जैसा ग्रह मिल सकता है, जहां इसी ग्रह की तरह जीवन की संभावना हो.

इस बीच एक अलग प्रेस कांफ्रेंस में आमेस रिसर्च सेंटर के विलियम बोरुकी ने कहा, "हमने 1200 ग्रह खोज लिए हैं. इतने ग्रह आज तक किसी और ने नहीं खोजे हैं. अभी इन्हें सिर्फ संभावित ग्रह बताया जा रहा है लेकिन हमें यकीन है कि इनमें से ज्यादातर को कुछ महीने बाद ग्रह मान लिया जाएगा."

समझा जाता है कि वैज्ञानिक अभी तक ऐसा टेलिस्कोप नहीं बना पाए हैं, जो हमारे सौरमंडल के बाहर किसी दूसरे सूर्य की परिक्रमा करने वाले ग्रह का पता लगा पाएं और इसके लिए वे दूसरे उपकरणों का इस्तेमाल कर रहे हैं.

केपलर किसी सूर्यों से निकलने वाली रोशनी की गणना करता है. जब कोई ग्रह अपने सौरमंडल के सूर्य के सामने से परिक्रमा करता हुआ गुजरता है, तो उस सूर्य की रोशनी मद्धिम पड़ जाती है. इसके बाद वैज्ञानिक ग्रह के परिक्रमा की गति निकालते हैं और यह भी जानने की कोशिश करते हैं कि इस ग्रह का द्रव्य क्या है.

ताजा रिसर्च से पता लगा है कि एक ऐसा सौरमंडल है, जिसमें कम से कम छह ग्रह हैं और वे अपने सूर्य के चारों तरफ घूम रहे हैं. इनमें से पांच एक दूसरे के बेहद करीब है, जबकि छठा थोड़ी दूर पर है. लेकिन यह सारे ग्रह ज्यादातर गैस के बने हैं.

रिपोर्टः रॉयटर्स/ए जमाल

संपादनः ईशा भाटिया

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