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नेताओं और आलोचकों को अन्ना हजारे की फटकार

७ अप्रैल २०११

भ्रष्टाचार के खिलाफ दिल्ली में आमरण अनशन पर बैठे अन्ना हजारे ने नेताओं और अपने आलोचकों को आड़े हाथ लिया है. उन्होंने कहा कि अगर आप लोगों ने देश के लिए इतना कुछ किया है तो क्यों यह देश अब भी क्यों अस्त व्यस्त है.

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तस्वीर: picture alliance/dpa

गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा, ''मैं पिछले 35 साल से समाज के लिए लड़ रहा हूं. मैं घर गया. मेरे तीन भाई है और मैं उनके बच्चों के नाम तक नहीं जानता हूं. मेरे पास कोई बैंक बैलेंस नहीं है. मैं लोगों से कहता हूं कि मेरे झोले में पांच या दस रुपये डाल दो. इतना सब कुछ होने के बावजूद मैंने जनता के लिए लड़ना जारी रखा है. मुझे बीजेपी और कांग्रेस से क्या करना है. जो देश कभी सोने की चिड़िया हुआ करता था अब निराशा में डूबा हुआ है. इसके लिए देश चलाने वाले जिम्मेदार हैं.''

अन्ना के अनशन के बाद राजनीति गलियारों में एक अजीब सी हलचल मची है. विपक्षी पार्टी बीजेपी और जेडीयू अन्ना का समर्थन कर रही हैं. वहीं कांग्रेस को समझ नहीं आ रहा है कि स्थिति से कैसे निपटा जाए. इस बीच खुद को राजनीति से दूर बताने वाले कुछ लोग अन्ना की मुहिम की आलोचना कर रहे हैं. उनका कहना है कि लोकतंत्र का सम्मान होना चाहिए, उसे ब्लैकमेल नहीं किया जाना चाहिए. ऐसे लोगों को जवाब देते हुए बुजुर्ग समाजसेवी ने कहा, ''अगर नेताओं ने देश के लिए इतना कुछ किया है तो क्यों यह देश इतनी अस्त व्यस्त स्थिति में है.''

72 साल के अन्ना हजारे भारतीय समाज में काफी सम्मानित समाजसेवी हैं. उन्हें सरकारें कई पुरस्कार दे चुकी हैं. ऐसे में अन्ना हजारे के खिलाफ जबरदस्ती की कार्रवाई करने की हिम्मत किसी को नहीं हो रही है. लंबे समय बाद भारत में किसी गैर राजनीतिक व्यक्ति की मुहिम को इतना ज्यादा समर्थन मिल रहा है. आम लोगों के अलावा, लेखक, नौकरी पेशा युवा, छात्र और बॉलीवुड के लोग भी खुलकर उनके समर्थन में कूद पड़े हैं. गुरुवार के सैकड़ों स्कूली बच्चे भी अन्ना का हौसला बढ़ाने दिल्ली के जंतर मंतर पहुंचे.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: ए कुमार

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