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प्रतिरोध क्षमता पर रिसर्च के लिए नोबेल

३ अक्टूबर २०११

ब्रूस ब्यूटलर, यूल्स होफमान और राल्फ स्टाइनमन को इस साल मेडिकल का नोबेल पुरस्कार दिया जाएगा. उन्होंने शरीर की प्रतिरोधी प्रणाली पर शोध किया है. उनकी कामयाबी के बाद कैंसर के टीके का रास्ता खुल सकता है.

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ब्रूस ब्यूटलर और यूल्स होफमानतस्वीर: AP

स्वीडन की नोबेल कमेटी ने अपने बयान में कहा, "इस साल चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार शरीर की प्रतिरोधी प्रणाली को समझने, प्रमुख सिद्धांतों की अवधारणा और इनके सरलीकरण के लिए दिया जा रहा है." अमेरिका के ब्रूस ब्यूटलर और लक्जमबर्ग के यूल्स होफमान और कनाडा के राल्फ स्टाइमन ने यह पुरस्कार साझा किया है.

ब्यूटलर और होफमान को प्रतिरोधी प्रणाली के बारे में खोज और प्रतिरोधी क्षमता को स्वाभाविक या सहज रूप से सक्रिय करने के बारे में शोध के लिए जबकि राल्फ श्टाइनमान को डेन्ड्रेटिक सेल की एडाप्टिव इम्यूनिटी में भूमिका पर खोज के लिए साझा तौर पर यह पुरस्कार दिया जाएगा.

नोबेल कमेटी ने कहा, "उनके शोध के कारण संक्रमण, कैंसर और इन्फ्लेमेटरी बीमारियों की रोकथाम और इलाज में मदद मिली है." इन तीनों के शोध के कारण प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाली और ट्यूमर को खत्म करने वाली वैक्सीन का निर्माण करने में भी मदद मिली है.

Dr. Ralph Steinman of Rockefeller University speaks during a news conference in Albany, N.Y., Friday, April 24, 2009. He was a co-recipient of the Albany Medical Center Prize, the largest medicine or science award in the United States. (AP Photo/Mike Groll)
डॉ. राल्फ स्टाइमनतस्वीर: AP

ब्रूस ए ब्यूटलर

29 दिसंबर 1957 को शिकागो में पैदा हुए ब्यूटलर इम्यूनोलॉजिस्ट और जेनेटिस्ट हैं. उन्हें स्वाभाविक प्रतिरोधी क्षमता के बारे में शोध के लिए नोबेल पुरस्कार दिया जाएगा. ब्यूटलर के मुख्य कामों में सूजन (इन्फ्लेमेशन) पर जेनेटिक और मॉलिक्यूलर शोध के अलावा सहज प्रतिरोधी प्रणाली पर रिसर्च शामिल है. उन्होंने पहली बार नेक्रोसिस फैक्टर अल्फा को अलग करने में सफलता पाई थी. साथ ही जलन और सूजन में साइकोटिन की भूमिका के बारे में शोध किया. उनके इस शोध के कारण ही बाद में रुमेटॉइड आर्थराइटिस और क्रोह्न डिसीज और सोरेसिस सहित अन्य बीमारियों के लिए दवाइएं बनाई जा सकीं.    

यूल्स ए होफमान

2 अगस्त 1941 में लक्जमबर्ग में पैदा हुए यूल्स होफमान 2007 में ब्यूटलर के साथ फ्रांस की विज्ञान अकादमी के अध्यक्ष बने. उन्हें सहज प्रतिरोधक क्षमता को सक्रिय करने के बारे में अपने शोध के लिए नोबेल दिया जाएगा. जीव विज्ञान और रसायन में ग्रैजुएशन के बाद उन्होंने जीव विज्ञान में पीएचडी की. 1964 से 1968 में सर्न में रिसर्च असिस्टेंट के तौर पर उन्होंने काम शुरू किया और 1969 में रिसर्च असोसिएट बने. 

राल्फ मेर्विन स्टाइमन

कोषिका विज्ञानी स्टाइनमन ने त्वचा में पाए जाने वाले डेन्ड्रिटिक सेल की खोज की थी और एडाप्टिव इम्यूनिटी में इसकी भूमिका के बारे में शोध किया. 14 जनवरी 1943 में पैदा हुए स्टाइनमन को डेन्ड्रेटिक सेल के शोध के लिए उन्हें कई अन्य पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जाएगा.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा मोंढे

संपादनः ए कुमार

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