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बलात्कारी को रिकॉर्ड हर्जाना

५ फ़रवरी २०१३

जर्मन शहर जोलिंगेन में 16 साल की एक लड़की को बंधक बनाया गया, कई दिनों तक एक घर में कैद रखा गया और बलात्कार किया गया. अब 20 साल की हो गई लड़की ने बलात्कारी को रिकॉर्ड हर्जाना देने पर मजबूर कर दिया है.

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तस्वीर: Fotolia/detailblick

वुपरथाल की अदालत ने बलात्कार की शिकार हुई लड़की को 1 लाख यूरो का रिकॉर्ड हर्जाना देने का आदेश दिया है. यह हर्जाना लड़की द्वारा मांगी गई रकम से ज्यादा था. अदालत सूत्रों के अनुसार यह जर्मनी में बलात्कार के किसी शिकार को दिया गया सबसे ज्यादा हर्जाना है. फैसला सुनाने वाले जज ने कहा, "हम से समान मामलों की तरह फैसला सुनाने की अपेक्षा होती है, लेकिन अब तक दिया जाने वाला हर्जाना हमें बेहद कम लगता है." बलात्कारी के वकील ने फैसले के खिलाफ अपील करने की घोषणा की है.

अदालत ने अपने फैसले के लिए अपराध की गंभीरता की ओर ध्यान दिलाया है और कहा है कि बलात्कार का शिकार होने वाली महिला स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त रहेगी. अदालत को इसका ख्याल रखना होगा. महिला के वकील ने 80,000 यूरो की मांग की थी. उसे कई दिनों तक बंधक बना कर रखा गया था और बार बार बलात्कार किया गया. घटना के समय वह चार महीने की गर्भवती थी. बलात्कारी के कब्जे से भागने के बाद लड़की को सदमे के कारण लंबे समय तक मनोवैज्ञानिक इलाज कराना पड़ा.

Symbolbild Vergewaltigung
तस्वीर: picture-alliance/dpa

अभियुक्त को 2009 में अपहरण और बलात्कार के लिए साढ़े 12 साल कैद की सजा दी गई. विशेषज्ञों ने उसे खास तौर पर खतरनाक ठहराया, लेकिन उसने पहली बार सेक्स अपराध किया था, इसलिए अदालत उसे अनिश्चितकालीन सुरक्षा हिरासत की सजा नहीं दे सकती थी. वह समृद्ध परिवार का है.

लड़की का तब अपहरण कर लिया गया था जब वह स्कूल जा रही थी. उसे उस समय 29 साल के अभियुक्त ने चार दिनों तक अपने घर में बंधक रखा. उसके बाद वह भाग पाने में सफल रही. वुपरथाल की अदालत ने इस मामले में शुरू से ही काफी सख्ती दिखाई थी और सरकारी वकील द्वारा मांगी गई सजा से ज्यादा सजा दी थी. अदालत ने अपराध को समझ से बाहर लगने वाली घटना बताया था. हालांकि लड़की ने बलात्कारी से कहा था कि वे चार महीने की गर्भवती है, फिर भी अभियुक्त ने कम से कम चार बार उसका घंटों तक बलात्कार किया.

अभियुक्त ने लड़की से कहा कि वह उसे कभी जाने नहीं देगा. अजन्मे बच्चे के बारे में भी उसकी योजना थी. "यदि वह लड़का हुआ तो उसे मार दूंगा, यदि लड़की हुई तो उसके साथ भी दुराचार करूंगा." अदालत की सुनवाई के दौरान अभियुक्त ने कहा था कि लड़का होने पर वह बच्चे को मारना नहीं चाहता था बल्कि उसे बालगृह में दे देना चाहता था. मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञ ने अभियुक्त की मनोदशा के बारे में चेतावनी देते हुए कहा था कि उसने अपराध का आनंद लिया और मनोचिकित्सक से कहा कि यदि उसे पता होता कि यह कितना अच्छा है तो वह पहले ही ऐसा करता. उसने कोई पश्चाताप नहीं दिखाया.

घटना अभियुक्त के माता-पिता के घर में हुई. उसके माता-पिता एक मंजिल नीचे रहते थे, लेकिन उन्हें घटना के बारे में कुछ पता नहीं चला. अपनी खिड़की से बलात्कारी पुलिस को लड़की की खोज करता देखता. लड़की का घर उसके घर से सिर्फ 300 मीटर की दूरी पर था. जब वह पारिवारिक जलसे के लिए बाहर निकला तो लड़की भाग पाई. उसे उस जलसे के दौरान ही गिरफ्तार कर लिया गया था.

एमजे/एजेए (डीपीए)

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