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बुरकीना फासो की सेना में बगावत

१५ अप्रैल २०११

बुरकीना फासो के राष्ट्रपति ब्लेज कंपाउरे एकाएक राजधानी छोड़कर चले गए और फिर लौट आए. उनके निजी सुरक्षा गार्डों ने बगावत कर दी. सूत्रों के मुताबिक वह आइवरी कोस्ट के यूएन शांति मिशन के प्रमुख चोई यंग जिन से मिलने वाले हैं.

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बुरकीना फासोतस्वीर: AP

बुरकीना फासो के राष्ट्रपति ब्लाएज कंपाउरे ने शुक्रवार रात को राजधानी छोड़ दी. उनके गार्ड्स ने बगावत कर दी. जल्दी ही बगावत सेना के दूसरे हिस्सों में भी फैल गई. कंपाउरे पिछले 24 साल से सत्ता पर काबिज हैं.

रातोंरात गायब

सैन्य सूत्रों ने बताया कि कंपाउरे राजधानी उऐगैदूगू छोड़कर 30 किलोमीटर दूर अपने गृह नगर जिनिआरे चले गए हैं. सूत्र के मुताबिक विद्रोहियों के साथ बातचीत की जा रही है और वे लोग हथियार डाल रहे हैं. हालांकि कुछ बैरकों से गोली चलने की आवाजें सुनाई दे रही हैं.

पश्चिमी अफ्रीका के इस देश में कुछ समय से कंपाउरे की सत्ता के विरोध में प्रदर्शन हो रहे थे. गुरुवार को ऐसे ही एक प्रदर्शन के बाद शाम को राष्ट्रपति के गार्डों ने विद्रोह कर दिया. सबसे पहले गोलियों की आवाज इलीट गार्डों के बैरक से आई. इन गार्ड्स को सबसे अच्छी तन्ख्वाह मिलती है. उसके बाद बगावत दूसरे बैरकों में भी फैल गई.

Blaise Compaore in Guinea
गिनी में ब्लेज कंपाउरेतस्वीर: AP

दंगे और लूटपाट

गार्ड्स ने कंपाउरे के निजी स्टाफ के प्रमुख जनरल गिलबर्ट डिनडिएरे के घर को आग लगा दी. सैनिकों ने शहर भर में उधम मचाया. मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि उन्होंने कई दुकानों में लूटपाट भी की.

मार्च में नाराज सैनिकों ने राजधानी समेत कई शहरों में सैन्य उपकरणों पर कब्जा कर लिया था. तब भी इस तरह के दंगों की खबरें आई थीं. बाद में कंपाउरे ने उन सैनिकों से मुलाकात की और कहा कि मामला सुलझा लिया गया है.

सेना के पूर्व कैप्टन कंपाउरे ने 1987 में तख्ता पलट के जरिए सत्ता हासिल की थी. पिछले साल नवंबर में हुए चुनावों में उन्होंने 80 फीसदी मतों के साथ जीत हासिल की थी. लेकिन फरवरी से उनकी सत्ता के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. इन प्रदर्शनों की शुरुआत छात्रों ने की थी और बाद में सैनिक उनके साथ मिल गए.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः आभा एम