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बेटी के लिए लड़ने वाली मां को कैद

१० अगस्त २०१२

न मानवाधिकारों की परवाह है और न ही सजा का हिसाब किताब. अपराधी और पीड़ित में भी भेद नहीं. बेटी के शोषण के खिलाफ आवाज उठाने वाली एक मां को ही चीनी पुलिस ने लेबर कैंप भेज दिया.

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तस्वीर: AP

किस्सा है चीन का, जहां एक मां को उसकी बेटी के शोषण के खिलाफ आवाज उठाने का दंड भुगतना पड़ा. चीन की सरकारी मीडिया ने बताया है कि तांग हुई नाम की इस महिला को 18 महीने तक लेबर कैंप की सजा सुनाई गई थी. उसे कैंप में श्रम के जरिए फिर से शिक्षित करने के लिए भेजा गया. हालांकि अब उसे छोड़ दिया गया है. इस महिला को सजा इसलिए सुनाई गई क्योंकि उसने कई सरकारी इमारतों के सामने प्रदर्शन किया था. प्रदर्शन उन अपराधियों के खिलाफ था, जिन्हें उनकी बेटी के साथ बलात्कार का दोषी पाया गया था.

पुलिस का दोष

मां का कहना था कि बलात्कारियों को पर्याप्त सजा नहीं मिली. मां हुई का कहना है कि योंगशाऊ (हुनान प्रांत) की पुलिस ने गलत तरीकों का इस्तेमाल करके उन सात अपराधियों के खिलाफ सबूतों को कमजोर कर दिया, जिन्होंने उसकी 11 साल की बच्ची के साथ बलात्कार किया और उसे देह व्यापार के लिए मजबूर कर दिया. चीन की समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक मां को पिछले शुक्रवार को ही छोड़ दिया गया और राज्य के अधिकारी सबूत नष्ट करने संबंधी उसके आरोप की जांच के लिए भी तैयार हो गए. हुनान प्रांत की सरकार ने इस मसले पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

China US Gespräche
तस्वीर: picture-alliance/dpa

सोशल मीडिया में मुहिम

इस घटना को सोशल मीडिया में खूब उछाला गया. चीन के नाराज लोगों ने मांग की कि श्रम के जरिए शिक्षित करने वाले कानून को खत्म किया जाना चाहिए. लोगों का मानना है कि सरकार इसका इस्तेमाल विरोधियों की आवाज कुचलने के लिए कर रही थी. सिन वाइबो नाम के माइक्रोब्लॉग में लिखा गया, "कृपया इस गैर संवैधानिक कानून को खत्म किया जाए. ये राजनीतिक सुधार की दिशा में पहला कदम होगा. इस मामले में जो संशोधन किए गए हैं, वे गलत हैं. नागरिकों की रक्षा सरकार को करनी चाहिए."

समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बताया है कि तांग की बेटी का 2006 में अपहरण किया गया और उसे 100 दिन तक देह व्यापार करने पर मजबूर किया गया. जिन लोगों को इस मामले में दोषी पाया गया, उनमें से दो को मृत्यु की सजा सुनाई गई जबकि चार को आजीवन कारावास और एक को 15 साल जेल की सजा हुई. मां के जेल से छूटने के पहले लड़की के पिता ने समाचार एजेंसी को बताया था कि उनकी बेटी पर अभी भी हादसे का असर है. मां के बिना उसे उस स्थिति से बाहर आने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा था.

वीडी/एजेए (एएफपी)