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बॉब्स में ईरान का ब्लॉग सर्वश्रेष्ठ

७ मई २०१२

ईरानी ब्लॉगर ऑराश सिगारची के ब्लॉग 'आक्रोश का झरोखा' को डॉयचे वेले ने सर्वश्रेष्ठ ब्लॉग के तौर पर चुना है. पत्रकार ऑराश ईरान की राजनीति पर लिखते हैं और ऐसा वह देश में रहते हुए तो कतई नहीं कर सकते.

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तस्वीर: DW/Tobias Kleinod

अपने ब्लॉग में ऑराश लिखते हैं, "यह ईरानी गणतंत्र के लिए स्कैंडल है, दुहरे शर्म की बात है." इस गुस्से का कारण है एक ईरानी राजनयिक पर ब्राजील की नाबालिग लड़की के साथ यौन दुर्व्यवहार का आरोप. पश्चिमी अखबारों में यह खबर बिना लाग लपेट के देखी जा सकती है. लेकिन ईरानी दूतावास इसे सांस्कृतिक गलतफहमी बताता है. सिगारची आगे लिखते हैं, "सरकार कहती है कि वह धर्म के नियमों को मानती है और शादी के बाहर संबंध वैसे भी पाप और गुनाह में गिने जाते हैं और वह भी एक कम उम्र लड़की के साथ."

Arash Sigarchi nominiert bei den BOBs 2012 in der Kategorie Best Blog
ऑराश सिगारचीतस्वीर: privat

जिस तरह की खबरें ईरानी मीडिया में या तो आती नहीं या फिर दूसरी तरह से पेश की जाती हैं, उन्हें इस ब्लॉग में जगह दी जाती है. 2008 से ऑराश सिगारची इसे अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी से चला रहे हैं. चार साल पहले उन्हें सरकार की आलोचना करने के कारण 14 साल कैद की सजा दी गई थी.

नोबेल शांति पुरस्कार विजेता वकील शिरीन एबादी की मदद से उनकी सजा घटा कर तीन साल कर दी गई. लेकिन उनका जीवन आसान नहीं हुआ. उनके भाई अशकान कार एक्सीडेंट में मारे गए. जेल में सिगारची को पता चला कि उन्हें कैंसर है. लेकिन सिगारची ने हौसला नहीं छोड़ा. बॉब की ज्यूरी में शामिल ऑराश अबादपोर कहते हैं, "कई मुश्किलों से गुजरने के बावजूद सिगारची पत्रकार के तौर पर भावुक नहीं हुए. कई बार दूसरे विरोधियों ने उन पर आरोप भी लगाया कि वह सरकार की आलोचना में नर्म हैं. लेकिन वह तथ्यों पर बने रहे."

सिगारची अपने ब्लॉग 'विंडो ऑफ एंग्विश' में लिखते हैं, "भले ही मैं अपने निजी अनुभव और विचार लिखूं, जो भी मैं यहां पोस्ट करता हूं मैं निष्पक्ष, संतुलित और सच्चा रहने की कोशिश करता हूं. मैं पत्रकार हूं और जो भी मैं पोस्ट करता हूं वह पत्रकार की खबर के तौर पर लिया जाता है."

Die 11 besten Blogs bei den BOBs 2012
विंडो ऑफ एंग्विशतस्वीर: sigarchi.net/blog

वह लिखना चाहते हैं, ये ऑराश सिगारची पहले से जानते थे. 15 साल में ही उन्होंने अपनी पहली खबर लिखी. उत्तरी ईरान के गिलान प्रांत में उनका जन्म हुआ. यहीं के एक अखबार से उन्होंने काम शुरू किया और फिर इसके संपादक हुए. तब ही से मानवाधिकारों के उल्लंघन की खबरें ईरान में आती रहीं. यहीं से शुरू हुआ ब्लॉग. सिगारची कहते हैं कि हर रोज विंडो खोलते ही खराब खबरों का सिलसिला शुरू होता था इसलिए उन्होंने ब्लॉग का नाम विंडो ऑफ एंग्विश रखा.

अब ऑराश वॉयस ऑफ अमेरिका के लिए काम करते हैं लेकिन अपना ब्लॉग उन्होंने जारी रखा है. वह कहते हैं कि इसका महत्व और बढ़ गया है. "रेडियो में काम करने के कारण ईरान को मैं हर रोज देखता हूं. जो भी ब्राउजर मैं इस्तेमाल करता हूं, मुझे बुरी ही खबरें मिलती हैं जैसे मृत्युदंड या गिरफ्तारी." अंतरराष्ट्रीय स्तर के 12 लोगों की ज्यूरी ने उनके ब्लॉग को सर्वश्रेष्ठ चुना, यह उनके लिए आश्चर्य था. मैंने हमेशा बॉब्स को फॉलो किया, जेल में रहते हुए भी.

ब्राजील के मामले में ईरानी राजनयिक के व्यवहार की उन्होंने अपने ब्लॉग में आलोचना तो की ही है, लेकिन साथ ही कहा, "ईरानी होने के नाते मैं माफी मांगता हूं. और इस भयानक गलती को ईरान का व्यवहार मत मानिए."

रिपोर्टः आया बाख/एएम

संपादनः महेश झा

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