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ब्रिटेन: दिशाहीन युवा और विकल्पहीन राजनीति

१२ अगस्त २०११

सड़कों पर बिखरे कांच, जले हुए घर और दुकानें, ब्रिटेन का एक ऐसा चेहरा जिसने ब्रिटेन की संसद, पुलिस और समाज को हिला कर रख दिया है. पुलिस को अधिक ताकत से लैस करने पर बात की जा रही है लेकिन मुश्किल तो कहीं और है.

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Disturbances across UK. A rioter walks through a burning barricade on Smithdown Road in Liverpool, as around 200 missile-throwing youths gathered in the Toxteth area of Liverpool causing disorder and damage. Picture date: Wednesday August 10, 2011. See PA story POLICE Shooting. Photo credit should read: Peter Byrne/PA Wire URN:11368229
तस्वीर: picture alliance/empics

ब्रिटेन के कई शहरों में हुई हिंसा को ब्रिटेन के नेता साफ साफ अपराध करार दे रहे हैं. जिस आकार, तेजी और आयाम में ब्रिटेन में ये दंगे फैले इन्होंने नेताओं और नागरिकों दोनों की ही हतप्रभ कर दिया है. लेकिन यह प्रक्रिया नई नहीं है. पहले भी ब्रिटेन के युवाओं ने असामाजिक और आपराधिक व्यवहार किया है. 2010 में 19 युवक गैंग वॉर से जुड़ी हिंसा में मारे गए थे. लेकिन हाल के दंगे साफ तौर पर मौके का फायदा उठाने वाले जैसे थे.

लंदन में यूथ चैरिटी एक्सएलपी के लिए 15 साल से काम करने वाले पैट्रिक रेगन मानते हैं कि स्थिति बहुत जटिल है. उन्होंने ब्रिटेन की गैंग संस्कृति पर एक किताब लिखी है. वह बताते हैं, "मुझे नहीं लगता कि यहां की स्थिति लॉस एजेंल्स जैसी है. किताब लिखने के दौरान मैंने एलए के पुलिस विभाग का इंटरव्यू लिया. ... उन्होंने कहा कि लंदन एलए जैसा नहीं है. यहां हर हफ्ते किसी न किसी की हत्या होती है कभी कभी हर दिन भी. लेकिन उन्होंने कहा कि अगर आप उन कारणों को नहीं रोक पाते जो बच्चों को इसमें शामिल होने पर मजबूर कर देते हैं तो लंदन भी इसी रास्ते पर जा सकता है."

epa02861837 British Prime Minister David Cameron delivers a statement to the press following a Cobra meeting in London, Britain, 10 August 2011. Four nights of violent rioting across the United Kingdon have occured since the police shooting of a man in Tottenham. More than 200 people have been arrested and 35 police officers injured. Violence erupted in reaction to a fatal shooting incident in Tottenham, in which a policeman was injured on 04 August and a local 29-year-old man named as Mark Duggan killed by armed officers. EPA/ANDY RAIN +++(c) dpa - Bildfunk+++
ज्यादा पुलिस का वादातस्वीर: picture alliance / dpa

इन्हीं कारणों की तलाश ब्रिटेन भी कर रहा है. जहां एक जैसे दिखने वाले घरों में रहने वाले लोग बहुत अलग अलग हैं. एक के पास इतना है कि वह जाया कर रहा है और दूसरे के पास असुरक्षा, डर और विकल्पहीनता के सिवा कुछ नहीं.

कारण क्या हैं

इस असुरक्षा, अस्थिरता और बेकारी के बारे में रेगन कहते हैं, "कई चीजें हैं जो एक साथ काम करती हैं. कई बार बच्चों को स्कूल से निकाल दिया जाता है, फिर वे प्युपिल रेफरल यूनिट नाम की जगह पर जाते हैं जो उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए काम करती है लेकिन ऐसा होता नहीं. फिर वो इधर उधर घूमते रहते हैं." दक्षिण पश्चिम लंदन में काम करने वाले पैट्रिक रेगन ने डॉयचे वेले से बात करते हुए बताया कि ये युवा अक्सर बहुत ही गरीब इलाकों में रहते हैं. "मां कई काम करती है और पिता के नाम पर कुछ नहीं. फिर अचानक एक आदमी आता है जो उसे कहता है ये सौ पाउंड लो और ऐवज में ये लिफाफा वहां दे आओ."

रेगन कहते हैं कि बस यहीं से एक चक्कर शुरू होता है जिससे बाहर निकलने और निकालने में बहुत मेहनत लगती है. लेकिन डेविड कैमरन कटौती के मारे हैं. उनके सामने कटौती का बचाव करने के अलावा कोई विकल्प नहीं. ब्रिटेन का विपक्ष पुलिस में कटौती को रोकने की दलील दे रहा है लेकिन सामाजिक सुरक्षा से जुड़े हिस्सों में कटौती पर बात नहीं कर रहा. न तो कैमरन, न ही विपक्ष और न ही पुलिस समाज में गहरा रहे अंतर के बारे में बात कर रहे हैं. बाहर से चमचम दिखने वाले ब्रिटेन के समाज में भेदभाव के बारे में राजनीतिक हल्के में पत्ता ही नहीं हिल रहा.

epa02860823 British police officers on duty in Croydon, London, Britain, 09 August 2011. Reports state that after a third day of violence in which police have clashed with rioters in Croydon and vehicles have been set on fire in Peckham and Lewisham. This follows two nights of violence over the weekend after the police shooting of a man in Tottenham. More than 200 people have been arrested and 35 police officers injured. Violence erupted in reaction to a fatal shooting incident in Tottenham, in which a policeman was injured on 04 August and a local 29-year-old man named as Mark Duggan killed by armed officers. EPA/FACUNDO ARRIZABALAGA +++(c) dpa - Bildfunk+++
क्रॉयडन में हिंसातस्वीर: picture alliance / dpa

नकल में दंगे

दंगों की शुरुआत उत्तरी लंदन के ट्रोटनहैम में शनिवार से हुई. 29 साल के मार्क डगन को गोली मारे जाने के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुए. इस व्यक्ति को गोली मारने की जांच स्वतंत्र पुलिस शिकायत आयोग कर रहा है. बताया जा रहा है कि इन्हीं शांतिपूर्ण प्रदर्शनों ने ट्रोटनहैम में हिंसा का रूप ले लिया लेकिन इस हिंसा की नकल करते हुए दूसरे हिस्सों में भी हिंसा शुरू हो गई और फिर इंग्लैंड के कई शहर इसकी चपेट में आए.

लीड्स यूनिवर्सिटी में विरोध प्रदर्शनों, सामाजिक आंदोलन, जातीयता और नस्लवाद मामलों के जानकार प्रोफेसर पॉल बैगले ने डॉयचे वेले से बात करते हुए कहा कि सिटी सेंटर के युवाओं और अधिकारियों के बीच तनाव पिछले हफ्ते से काफी पुराना है. "अगर हम पुलिस के तरीकों में पांच साल में हुए बदलाव के बारे में सोचें तो समझ में आता है कि युवा अश्वेत लोगों को रोक कर जांच करने का सिलसिला बहुत बढ़ गया है. यह स्थिति अब उतनी नहीं चौंकाती."

बैगले स्थानीय पुलिस के बजट में 15 फीसदी कटौती और सामाजिक कार्यक्रमों में भी कटौती की ओर ध्यान दिलाते हैं. क्योंकि अधिकतर सोशल प्रोजेक्ट ब्रिटेन के युवाओं के लिए होते हैं. ये वो युवा हैं जो हाल के दिनों में ब्रिटेन की गलियों में लूटपाट कर रहे हैं. मुझे लगता है कि दूरगामी रूप से ब्रिटेन को अपनी कटौती नीति के बारे में फिर से सोचना होगा. यूथ वर्कर युवाओं और पुलिस के बीच अच्छे मध्यस्थ हो सकते हैं.

Disturbances across UK. People pose for pictures near a burning car near Moor St Station and the Selfridges building in Birmingham, as fresh disturbances saw looting and vehicles set alight Birmingham. Picture date: Tuesday August 9, 2011. West Midlands Police said the disorder was not as severe as Monday's looting in Birmingham city centre, which led to 142 arrests and saw 13 people taken to hospital. See PA story POLICE Shooting. Photo credit should read: David Jones/PA Wire URN:11367625
बर्मिंघम भी हिंसा और दंगों की चपेट मेंतस्वीर: picture alliance / empics

बदलाव संभव

2008 और 2009 की मंदी में ब्रिटेन में 16 से 24 साल के युवाओं में बेरोजगारी एकदम बढ़ गई. 1997 से बेरोजगारी की दर लगातार बढ़ रही है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के 2011 के आंकड़े दिखाते हैं कि इस उम्र के 19,7 प्रतिशत लोग बेरोजगार हैं. ये 6 लाख 44 हजार युवा लोग ब्रिटेन के बेरोजगारों का पांचवा हिस्सा हैं.

प्रिंस चार्ल्स के ट्रस्ट ने हाल ही में इन बेरोजगारों के बारे में चेतावनी दी थी. "ब्रिटेन के अमीरों और गरीबों के बीच बढ़ते अंतर के कारण युवाओं का एक अंडरक्लास तैयार हो रहा है जिन्हें दुर्भाग्य से लगता है कि उनका कोई भविष्य नहीं. हम इस असमानता को बिलकुल नजरअंदाज नहीं कर सकते."

पैट्रिक रेगन को अंडरक्लास शब्द से आपत्ति है. वे कहते हैं, "मैं जानता हूं कि लोग क्या कहना चाहते हैं. लेकिन यह उन लोगों के लिए बड़ी चुनौती है जो गरीबी में रह रहे हैं. हमें बताया जा रहा है कि जो पहले से गरीबी में रह रहे हैं उनके गरीब ही रहने की आशंका ज्यादा है. मैं एक युवा लड़के के साथ कुछ इंटरव्यू ले रहा हूं. इस लड़के को स्कूल में कह दिया गया कि उसे रद्दी नौकरी मिलेगी या फिर वह जेल जाएगा. लेकिन थोड़ी सी मदद और प्रोत्साहन के बाद हायरसेकंडरी स्कूल में उसे तीन ए नोट मिले. और अब वह एक्सएलपी संस्थान में खेल सिखाता है. तो बदलाव मुमकिन है."

रिपोर्टः डॉयचे वेले/आभा मोंढे

संपादनः महेश झा

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