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भारतीय दंपत्ति से छीने गए बच्चे चाचा के हवाले होंगे

२५ जनवरी २०१२

भारतीय दंपत्ति से बच्चों को अलग करने के मामले में भारत और नॉर्वे के बीच समझौता हो गया है. नॉर्वे बच्चों को रिश्तेदारों के हवाले करेगा. समझौते भारतीय दूतावास, नॉर्वे की दो संस्थाओं और बच्चों के माता पिता के बीच हुआ.

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तस्वीर: UNI

समझौते में भारत सरकार, नॉर्वे की म्युनिसिपैलिटी, नॉर्वे का बाल कल्याण विभाग और बच्चों के माता पिता को पार्टी बनाया गया है. समझौते के तहत भारतीय मां बाप (अनुरूप और सागरिका भट्टाचार्य) से छीने गए बच्चों को उनके चाचा के हवाले किया जाएगा. करार के मुताबिक, बच्चों के माता पिता की इच्छा के तहत चाचा अरुणाभास बच्चों की देख रेख करने और प्राथमिक जिम्मेदारी उठाने को तैयार हैं.

अरुणाभास अनुरूप के भाई है. वह कोलकाता में रहते हैं. समझौते के बाद अरुणाभास नॉर्वे जाएंगे. उनकी यात्रा का खर्च सरकार उठाएगी. समझौते हो जाने के बाद नॉर्वे के बाल कल्याण विभाग (बार्नेवार्ने) ने बच्चों को चाचा के हवाले करने की अनुमति दे दी है.

सूत्रों के मुताबिक करार के अनुसार भविष्य में परिवार और बाल कल्याण मंत्रालय के जानकारी मांगने पर परिवार को बच्चों की जानकारी देनी होगी.

नॉर्वे में रह रहे अनुरूप और सागरिका के तीन और एक साल के बच्चों को पिछले हफ्ते बार्नेवार्ने ने माता पिता से अलग कर दिया. दरअसल यह दंपत्ति अपनी परम्पराओं के मुताबिक बच्चों को हाथ से खाना खिलाया करता था और अपने साथ एक ही बिस्तर पर सुलाया करता था. नॉर्वे के कानून में इसकी मनाही है. बच्चों की देख रेख करने वाली समिति को जब इस बात की खबर हुई तो वो अदालत में गई और फिर बच्चों को उनके मां बाप से अलग कर बाल कल्याण गृह में रख दिया गया.

स्थानीय अदालत के आदेश के बाद बार्नेवार्ने ने तीन साल के अभिज्ञान और एक साल की ऐश्वर्या को अपने पास रख लिया. यह बात भारतीय विदेश मंत्रालय तक पहुंची. विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने नॉर्वे के विदेश मंत्री से संपर्क किया. भारत ने शिकायत की कि नॉर्वे बच्चों को जातीय, धार्मिक, भाषाई और सांस्कृतिक माहौल पाने से नहीं रोक सकता है.

रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह

संपादन: महेश झा

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