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भारतीय नौसेना ने 28 समुद्री लुटेरे पकड़े

६ फ़रवरी २०११

भारतीय नौसेना और तटरक्षकों ने समुद्री लुटेरों के खिलाफ बड़े अभियान को अंजाम देते हुए 52 लोगों को हिरासत में लिया. इनमें 28 पर सोमालियाई लुटेरे होने का शक जताया जा रहा है. गोलीबारी के बाद आत्मसमर्पण को मजबूर हुए लुटेरे.

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तस्वीर: AP

दस दिन के भीतर नौसेना का लक्षद्वीप के पास यह दूसरा बड़ा अभियान है. इससे पहले अरब सागर में समुद्री लुटेरे के एक जहाज को डुबो दिया गया था. नेवी प्रवक्ता कैप्टन एम नांबियार ने बताया कि नौसेना शिप आईएनएस तीर और कोस्ट गार्ड शिप आईसीजीएस समर ने समुद्री लुटेरों के जहाज प्रांतलय-11 को छोटी मुठभेड़ के बाद घेर लिया और फिर लुटेरों को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर कर दिया. नौसेना ने 52 लोगों को हिरासत में लिया है जिनमें से 28 पर सोमालियाई लुटेरे होने का संदेह है.

नौसैनिक अधिकारियों का कहना है कि अभियान की शुरुआत शनिवार शाम हुई जब उन्हें पता चला कि कावारत्ती द्वीप से करीब 100 किलोमीटर दूर समुद्री लुटेरे एमवी चियोस पर हमला कर रहे हैं. नौसेना ने तुरंत हरकत में आते हुए आईएनएस तीर और आईसीजीएस समर को रवाना कर दिया जो खास तौर पर उस जल क्षेत्र में समुद्री लुटेरों के खिलाफ अभियान के लिए तैनात हैं.

प्रवक्ता ने कहा, "समुद्री लुटेरों को घेरने के बाद पहले उनसे आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया लेकिन उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी. उन्होंने बच कर भाग निकलने की कोशिश की. जब उनका पीछा किया गया तो गोलीबारी लगातार होती रही. तीर और समर ने भी जवाबी गोलीबारी की जिसके कुछ ही देर बाद समुद्री लुटेरों ने सफेद झंडा उठा दिया और आत्मसमर्पण कर दिया."

समुद्री डकैतों को पूछताछ के लिए मुंबई लाया गया है और अब खुफिया एजेंसी उनसे पूछताछ कर रही हैं. जांच एजेंसी पता लगाना चाहती हैं कि क्या इन लुटेरों के पाकिस्तान में आतंकवादी गुट जैसे लश्कर ए तैयबा से कोई संबंध हैं.

हाल के सालों में समुद्र में लूटपाट और जहाज को अगवा कर लिए जाने की घटनाएं हुई हैं जिसके चलते अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ी है. भारतीय नौसेना और तटरक्षकों ने अरब सागर में अपनी गश्त बढ़ाई है ताकि सोमालियाई लुटेरों के खिलाफ शिकंजा कसा जा सके. भारत ने अदन की खाड़ी में फ्रिगेट और ऐसे पोत तैनात किए हैं जो समुद्री लुटेरों की नौकाओं को ध्वस्त करने में सक्षम हैं. नवंबर 2008 के बाद से भारत ने प्रभावित जलक्षेत्र में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ए कुमार

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