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भारतीय लड़कियों ने जीता गूगल टूर्नामेंट

Priya Esselborn१४ जुलाई २०११

गूगल के विज्ञान मेले में तीन लड़कियों ने बाजी मारी है. जटिल समस्याओं के सरल उपाय इन लड़कियों ने सुझाए हैं. इनमें से दो विजेता भारतीय हैं.

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दो भारतीय लड़कियों ने गूगल के विज्ञान मेले में जीत हासिल की है. इन दोनों ने अपने प्रोजेक्ट से गूगल के कैलिफोर्निया स्थित मुख्यालय में सभी लोगों का दिल जीत लिया. गर्भाशय के कैंसर का बेहतर इलाज और अस्थमा मरीजों के लिए उच्च स्तरीय वायु बनाना प्रोजेक्ट में शामिल है.

विज्ञान मेले के फाइनल में 15 लोग पहुंचे थे. तीन ही लड़कियां शीर्ष तीन स्थानों पर आईं. श्री बोस, नोउमी शाह और लॉरेन होज पहले तीन स्थानों पर आईं. अंतिम दौर में पहुंचने वाली लड़कियों ने जटिल समस्याओं की जांच पड़ताल की और उनके लिए सरल उपाय सुझाए ताकि आम इंसान अपनी जिंदगी में वे उपाय अपना सके.

कम उम्र में कमाल

बोस ने 17-18 वर्षीय वर्ग में जीत हासिल की है. उन्हें 50,000 अमेरिकी डॉलर का ग्रांड प्राइज भी मिला है. यही नहीं, बोस को जिनिवा में स्थित सर्न इंस्टिट्यूट में इंटर्नशिप का भी मौका मिला है. बोस के प्रोजेक्ट्स ने जजों और वहां स्थिति गूगल के कर्मचारियों को खासा प्रभावित किया. बोस ने अपने प्रोजेक्ट में बताया है कि कैसे गर्भाशय के कैंसर का इलाज बेहतर ढंग से किया जा सकता है.

लड़कियों ने जीता इनाम

स्कॉलरशिप के अलावा बोस ने गालापागोस द्वीप में नेशनल जियोग्राफिक चैनल के इक्स्प्लोरर के साथ दौरा जीता है. शाह ने 15 से 16 वर्षीय वर्ग में जीत दर्ज की है. शाह ने अपने प्रोजेक्ट में बताया कि कैसे घर के भीतर वायु को साफ और अच्छे क्वॉलिटी की बनाई जा सकती है. होज को 13 से 14 वर्षीय वर्ग में विजेता चुना गया है. शाह और होज ने 25000 अमेरिकी डॉलर इनाम में जीते.

रिपोर्ट: पीटीआई/आमिर अंसारी

संपादन: ए कुमार

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