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भोंपू के बिना भारत की सड़कें अधूरी

२६ मार्च २०१२

जर्मन कंपनी आउडी की गाड़ियां तो अपने तकनीक के लिए जानी ही जाती हैं, लेकिन भारत के लिए इन कारों में एक खास बदलाव किया गया है.

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तस्वीर: AP

भारत की बढ़ती आबादी और बढ़ते विकास के साथ साथ गाड़ियों की संख्या भी बढ़ रही है. भी़ड़ से जूझने और पदयात्रियों से बचने के लिए हर एक गाड़ी चलाने वाले के पास एक खास हथियार होता है, और वह है गाड़ी का हॉर्न. एक दूसरे से बचने के लिए, मुड़ने के लिए, रेड लाइट पर फर्राटे से जाने के लिए हॉर्न बजते हैं, कहीं तो सड़कों पर दूर दूर तक कोई नहीं होता फिर भी हॉर्न बजाए जाते हैं. लगता है कि सड़क के गड्ढों को भी हॉर्न से हटाने की कोशिश की जाती हैं बहरहाल हॉर्न के लिए लोगों की दीवानगी जर्मन कंपनी आउडी को भी समझ में आ गई है.

आउडी के भारत प्रमुख मिशाएल पेर्शके ने भी इस बात को गांठ बांध ली है. कहते हैं, "जाहिर है, भारत में हॉर्न अपने आप एक पैमाना है" और इसके आधार पर भी लोग गाड़ी खरीदते हैं. पेर्शके के मुताबिक अगर भारत की सड़कों में यूरोप के हॉर्न बजने लगे, तो यह हॉर्न कुछ ही दिनों में खराब हो जाएंगे. क्योंकि मुंबई में जिस तरह से लोग अपने गाड़ियों के भोंपू बजाते हैं, उसका मुकाबला यूरोप की शांत सड़कों पर बजने वाले हॉर्न नहीं कर सकते.

इसलिए आउडी सिर्फ भारत के लिए हॉर्न वाली गाड़ियां ला रहा है, आम हॉर्न्स से ज्यादा शक्तिशाली, जो आपकी गाड़ी के सामने आने वाले हर अडंगे को दूर भगा देगा. बस एक बार इसे बजाने की जरूरत है.

वैसे गाड़ी बनाते समय भी हॉर्न को अलग से टेस्ट किया जाता है. पेर्शके बताते कि दो हफ्तों तक हॉर्न्स को लगातार बजाया जाता है और उसके बाद हर हॉर्न अलग तरह की आवाज देता है. फिर उससे तय करते हैं कि कौन सा भोंपू गाड़ी के लिए सबसे अच्छा है. पेर्शके के मुताबिक आउडी गाड़ी खरीदने वाले कई लोग खुद गाड़ी नहीं चलाते. इसे देखते हुए कारों के अंदर की डिजाइन भी बदल दी गई है ताकि पीछे बैठकर भी पूरा नियंत्रण बना रहे.

बहरहाल, भारतीय सड़कों पर हॉर्न ही नहीं, कार निर्माताओं को बारिश के मौसम में पानी से भरी गलियों, गड्ढों और नालियों को भी देखते हुए गाड़ियां बनानी पड़ती है. हर साल भारत में एक लाख 30 हजार लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं. ऐसे में गाड़ियों के निर्माताओं को भारतीय सड़कों के लिए अपनी गाड़ियों में कई बदलाव करने पड़ते हैं.

रिपोर्टः एएफपी/एमजी

संपादनः आभा मोंढे