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मलेशिया में "हलाल बीयर" नहीं पीने की सलाह

३० मई २०११

मलेशिया में मुसलमानों में लोकप्रिय "हलाल बीयर" नहीं पीने की सलाह दी गई है. बीयर कंपनी ने दावा किया था कि बीयर इस्लामी कानून के तहत है. लेकिन उसमें शराब तय मात्रा से ज्यादा पाई गई.

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तस्वीर: AP

मलेशिया में मुसलमानों को एक खास किस्म की बीयर नहीं पीने की सलाह दी गई है. वितरक ने ऐसा दावा किया है कि यह बीयर हलाल है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बीयर में इस्लामी कानून के तहत मान्य सीमा से शराब की मात्रा ज्यादा है. प्रधानमंत्री के विभाग में मंत्री जमील खीर बहारोम ने कहा कि बीयर में केवल 0.01 प्रतिशत शराब होने का कंपनी का दावा सही नहीं है, क्योंकि प्रयोगशाला परीक्षण में 0.5 प्रतिशत शराब पाई गई. उनके मुताबिक मलेशिया का इस्लामी विकास विभाग और प्रदेश इस्लामी मामलों की परिषद बीयर की बिक्री पर रोक लगाएगी.

Halal Bier NO FLASH
तस्वीर: picture alliance/dpa

समाचार एजेंसी बरनामा ने जमील का बयान छापा है, "हम कस्टम विभाग से संपर्क कर इस मामले में और जानकारी मांगेंगे." मलेशिया की कुल 2.8 करोड़ की आबादी में 60 फीसदी मुसलमान हैं. 25 फीसदी चीनी मूल के लोग हैं जो अधिकतर बौद्ध या ईसाई हैं. 8 फीसदी भारतीय मूल के लोग भी रहते हैं जो हिंदू हैं.

लोकप्रिय "हलाल बीयर"

रविवार को एक अखबार में खबर छपी कि मुस्लिमों में हलाल बीयर लोकप्रिय है और इसकी बिक्री का पता हाल ही में जोहर इस्लामिक अफेयर्स डिपार्टमेंट (जेएआईजे) ने लगाया. अखबार ने एक सूत्र के हवाले से कहा कि जेएआईजे ने बीयर के सैंपल लिए और पता लगाया कि शराब को अनेक फलों के फ्लेवर से तैयार किया गया है और इसमें 0.5 प्रतिशत शराब है.

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जेएआईजे ने इसके बाद जाकिम और सीमाशुल्क विभाग से उचित कार्रवाई करने को कहा. अखबार ने जोहर इस्लामिक अफेयर्स डिपार्टमेंट के मुफ्ती तहरीर शम्सुद्दीन के हवाले से कहा है कि राष्ट्रीय फतवा परिषद ने फैसला किया था कि इस्लामी कानून के तहत खाने-पीने की चीजों में शराब की मात्रा 0.01 फीसदी होगी.

रिपोर्टः एजेंसियां/आमिर अंसारी

संपादन: एस गौड़

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