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मैर्कोलांद की मुलाकात पर टिका ग्रीस का भविष्य

२३ अगस्त २०१२

जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसोआ ओलांद गुरुवार को बर्लिन में मिल रहे हैं. यूरोजोन में ग्रीस के भविष्य को लेकर चल रही बहस के बीच उनसे एकता दिखाने की उम्मीद की जा रही है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

यूरो जोन की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के नेता की हैसियत से उनसे उम्मीद की जा रही है कि वे आपसी मतभेदों के बावजूद तीन साल से चल रहे संकट को दूर करने के लिए निर्णायक कदम उठाएंगे. जर्मन राजधानी में मंगलवार शाम को होने वाली भेंट का समय कोई संयोग नहीं है. एक दिन बाद ही मैर्केल बर्लिन में ग्रीस के प्रधानमंत्री अंटोनिस समारास से मिलेंगी , जिसके बाद समारास ओलांद से मिलने शनिवार को पेरिस जाएंगे.

समारास काफी दबाव में है. दो चुनावों के बाद उनकी सरकार तो बन गई है, लेकिन ग्रीस की अर्थव्यवस्था मंदी से गुजर रही है. लगातार कटौतियों से वह पंगु हो गई है. बुधवार को ग्रीक प्रधानमंत्री यूरो जोन के प्रमुख ज्यां-क्लोद युंकर से मिले हैं. समारास अपने यूरोपीय सहयोगियों को यह समझाने का प्रयास करेंगे कि ग्रीस को कटौतियों को लागू करने के लिए और वक्त मिले.

Merkel und Hollande erinnern an deutsch-französische Versöhnung
तस्वीर: picture-alliance/dpa

यूरोप का पेमास्टर बन गए जर्मनी ने कहा है कि एथेंस को सहायता की दूसरी खेप पाने के लिए बचत और सुधारों की समय सारिणी का पालन करना होगा. इसके विपरीत फ्रांस ज्यादा लचीलापन दिखा रहा है. जर्मनी की विदेशी संबंधों की परिषद से जुड़ीं क्लेयर डेमेस्मे कहती हैं, "लक्ष्य है आश्वासन के बदले लचीलेपन पर बातचीत और दोनों नेता ग्रीक प्रधानमंत्री से मिलने से पहले साझा रुख तय करना चाहते हैं." राजनीति शास्त्री उलरीके जुइरो का कहना है, "बाजार यह जानना चाहता है कि क्या बर्लिन और पेरिस में एक जैसा विजन है."

ग्रीस अपने बजट में 11.5 अरब यूरो के घाटे को भारी कटौतियों के जरिये पूरा करने की कोशिश में जीन जान से लगा है. मंदी के पांचवें साल में उसे कर्ज की अगली किश्त पाने के लिए अंतरराष्ट्रीय दाताओं की तिकड़ी की रिपोर्ट का इंतजार है. यूरोपीय आयोग, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और यूरोपीय बैंक की तिकड़ी की रिपोर्ट सितंबर में आएगी. करीब 32 अरब यूरो की अगली किश्त पाए बिना ग्रीस दिवालिया हो जाएगा और पहले लिए गए कर्ज की किश्तें नहीं चुका पाएगा. विश्लेषकों का मानना है कि ऐसी हालत में उसे यूरो जोन से बाहर निकलना पड़ेगा.

Merkel und Hollande erinnern an deutsch-französische Versöhnung
तस्वीर: Reuters

बर्लिन ने ओलांद और समारास के साथ चांसलर मैर्केल की मुलाकातों के महत्व को कम करने की कोशिश की है और कहा है कि इन बैठकों में कोई महत्वपूर्ण फैसले नहीं होंगे. मैर्केल के प्रवक्ता स्टेफेन जाइबर्ट ने कहा है, "ग्रीस पर हर फैसले का आधार तिकड़ी की रिपोर्ट होगी." इसके विपरीत पेरिस ओलांद और मैर्केल की बैठक को यूरो की साख को नुकसान पहुंचा रहे ग्रीस संकट पर साझा रुख तय करने का अवसर मानता है. दूसरी ओर वह समारास से जानना चाहता है कि ग्रीस ने मदद के बदले सुधारों के आश्वासन पर अब तक क्या किया है.

सोशलिस्ट पार्टी के फ्रांसोआ ओलांद और कंजरवेटिव अंगेला मैर्केल के रिश्ते की राह शुरू से ही पथरीली रही है. मैर्केल यूरो संकट से निबटने के लिए बचत की पक्षधर है जबकि ओलांद सरकारी मदद से विकास को बढ़ावा देने के हिमायती हैं. डेमेस्मे का मानना है कि विकास पर यूरोपीय संधि जैसी मांगों के पूरा होने के बाद अब ओलांद उतना आक्रामक रुख नहीं दिखाएंगे. रोजगार और विकास के नारे पर जीते ओलांद के लिए चुनौती बजट में 33 अरब यूरो की भरपाई करने की है.

ओलांद के विपरीत मैर्केल के लिए चुनावी दिन शुरू हो रहे हैं. जर्मनी में 2013 में संसदीय चुनाव होंगे और आम लोग ग्रीस को और कर्ज देने के पक्ष में नहीं दिखते. जर्मनी में ग्रीस की मदद का मुद्दा हर दिन सुर्खियों में होता है. मैर्केल की सीडीयू पार्टी के संसदीय दल के नेता फोल्कर काउडर ने चेतावनी दी है कि ग्रीस के पास सुधारों को टालने का और समय नहीं है, लेकिन साथ ही उन्होंने कहा है कि यूरोप को ग्रीस को यूरो जोन में रखने की कोशिश करनी चाहिए.

लेकिन जर्मनी के दौरे से पहले जर्मन अखबार को दिए गए इंटरव्यू में समारास ने बचत और सुधारों के लिए और समय मांगा है. लगातार पांच साल की मंदी के बाद प्रधानमंत्री का कहना है, "हम यही चाहते हैं कि हमें अर्थव्यवस्था को तेजी से सुधारने और राजकीय आय बढ़ाने के लिए थोड़ा दम लेने का मौका मिले." उन्होंने साफ किया कि ग्रीस अतिरिक्त धन नहीं चाहता.

एमजे/एनआर (एएफपी)

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