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यूक्रेन के हाथों पिटने से बाल बाल बचा जर्मनी

१२ नवम्बर २०११

यूरो कप 2012 का फाइनल जिस स्टेडियम में होना है, वहां शुक्रवार की शाम माहौल फाइनल सरीखा ही रोमांचक हो गया. फुटबॉल की दिग्गज टीम जर्मनी हार के कगार पर नजर आने लगी. यूक्रेन जीत रहा था. पर पासा पलट गया.

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तस्वीर: picture alliance/dpa

यूक्रेन यूरो कप 2012 के आयोजक देशों में है. शुक्रवार को कीव में यूक्रेन और जर्मनी के बीच एक दोस्ताना मैच हुआ जिसमें मुकाबला 3-3 की बराबरी पर छूटा. लेकिन इस बराबरी को हासिल करने के लिए यूक्रेन ने जर्मनी के पसीने छुड़ा दिए. हालांकि यूक्रेन के खिलाड़ी निराश होंगे क्योंकि जीत उनके हाथ आकर छिटक गई.

Fußball Freundschaftsspiel Ukraine gegen Deutschland November 2011
तस्वीर: dapd

आक्रामक यूक्रेन

70 हजार लोगों से पूरी तरह भरे हुए ओलिंपिस्की स्टेडियम में यूक्रेन ने 2-0 की बढ़त ले ली थी. और बाद में यह बढ़त 3-1 की हो गई. आंद्री यारमोलेंको, येवहेन कोनोप्लिआंका और सेरही नाजारेंको के इन तीन गोलों ने यूक्रेन के दर्शकों को खुशी के आसमान पर पहुंचा दिया था. लेकिन आखिरी लम्हों का खेल जर्मनी के नाम रहा और मैच ड्रॉ हो गया.

Fußball Freundschaftsspiel Ukraine gegen Deutschland November 2011
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पहला गोल 28वें मिनट में यारमोलेंको के पांव से निकला. आठ मिनट बाद कोनोप्लिआंका ने बढ़त को दोगुना कर दिया. जर्मनी को जवाब देने में 39 मिनट लगे. टोनी क्रूज के इस गोल के बाद लगा कि जर्मनी भी मैदान में है. लेकिन पहले हाफ के बाद यूक्रेन के खिलाड़ी शान से ब्रेक में गए. क्योंकि उनके पास अब भी 2 गोल की लीड बरकरार थी. सब्सिट्यूट खिलाड़ी नाजारेंको की दूर से लगाई किक गोलची को छकाते हुए नेट के बिल्कुल ऊपरी कोने से गोल में जा घुसी थी. यह यूक्रेन के लिए तीसरा गोल था.

जर्मनी की वापसी

जर्मनी ने वापसी शुरू की 65वें मिनट में जब सिमोन रोल्फ्स ने एक कॉर्नर को गोल में बदला. यूक्रेन की बढ़त कम हो गई थी लेकिन खिलाड़ियों का आत्मविश्वास नहीं. वे जर्मनी के गोल पर ताबड़तोड़ हमले बोल रहे थे. हालांकि तब तक वर्ल्ड कप 2010 के सेमीफाइनल में खेलने वाला जर्मनी खेल पर कब्जा कर चुका था. तीन गोल खा चुके जर्मनी के गोलची रॉन-रॉबर्ट-त्सीलर भी फैसला कर चुके थे कि बस अब और नहीं. लिहाजा उसके बाद यूक्रेन कोई गोल नहीं कर पाया. हां, 77वें मिनट में थोमास म्यूलर ने अपनी टीम के लिए तीसरा गोल दागा और स्कोर को बराबर कर दिया.

Fußball Euro 2012 Qualifikation November 2011
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यहां तक के खेल में यह बात साबित हो चुकी थी कि कोई टीम कम नहीं है. और मैच इसी नतीजे के साथ खत्म हुआ. फिर भी जर्मन कोच योआखिम लोएव ने यूक्रेन की तारीफ में कमी नहीं छोड़ी. उन्होंने कहा, "हमने कुछ गलतियां की जिनके नतीजे हमें गोल खाकर भुगतना पड़े. लेकिन आमतौर पर खेल में हम ही हावी रहे. पर मैं तो इतने हमलों से हैरान था. हमने तीन गोल खा लिए. मैंने किसी टीम को गेंद के लिए इतने जोरदार तरीके से लड़ते नहीं देखा."

यूक्रेन के कोच ओलेह ब्लोखिन अपनी टीम से संतुष्ट नजर आए. उन्होंने कहा, "मैं खेल और नतीजे दोनों से संतुष्ट हूं. सारी मुश्किलों के बावजूद टीम ने मिलकर मुकाबला किया. अपना सब कुछ झोंक देने के लिए मैंने टीम में सबका शुक्रिया अदा किया."

लेकिन इस मैच में विजेता रहे वे 70 हजार लोग जिन्हें बेहद रोमांचक और मनोरंजक खेल देखने को मिला. अब वे 2012 के यूरो कप फाइनल का बेसब्री से इंतजार करेंगे.

रिपोर्टः रॉयटर्स/एपी/वी कुमार

संपादनः एन रंजन

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