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यूरो बचाने के लिए मैर्केल का संघर्ष

२ दिसम्बर २०११

जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने यूरो संकट से निपटने के लिए यूरोपीय संघ के समझौते में बदलाव की वकालत की है और साथ ही कहा है कि इस गंभीर समस्या से निजात पाने में काफी लंबा वक्त लग सकता है.

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तस्वीर: dapd

मैर्केल ने जर्मन संसद बुंडेसटाग में दिए अपने भाषण में यूरो मुद्रा इस्तेमाल करने वाले 17 देशों के बीच मजबूत वित्तीय तालमेल की वकालत की और कहा कि यहां सख्त बजट कार्यक्रम बनाए जाने की जरूरत है. उन्होंने अमेरिका की तर्ज पर ज्यादा मुद्रा छापने या यूरो बांड जारी करने के फौरी उपायों को खारिज कर दिया.

यूरो को जर्मनी की पुरानी मुद्रा डॉयचे मार्क से मजबूत बताते हुए मैर्केल ने कहा कि इसकी रक्षा करने की जरूरत है. उन्होंने कहा, "पूरे क्षेत्र की कर्ज समस्या को दूर करना एक जटिल और लंबा काम है और इसमें कई साल लग सकते हैं. यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) अमेरिका के फेड बैंक या बैंक ऑफ इंग्लैंड से अलग काम कर रहा है."

हालांकि मैर्केल के करीबी सूत्रों के मुताबिक वह चाहती हैं की ईसीबी यूरो जोन के संकटग्रस्त देशों के बांड उस वक्त तक के लिए खरीद ले, जब तक कि यह संकट दूर नहीं हो जाता है. हालांकि यह दूरगामी कदम नहीं हो सकता है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

हफ्ते भर बाद यूरो मुद्रा इस्तेमाल करने वाले देशों की अहम बैठक हो रही है, जिसमें इस बात पर चर्चा होगी कि यूरो को जारी रखना है या नहीं. मैर्केल के भाषण के बाद यह साफ हो गया है कि जर्मनी यूरो के साथ खड़ा है और दूसरे देशों को इतना समय मिल गया है कि वह अपनी रणनीति तय कर पाएं ताकि ईसीबी का काम चलता रहे. मैर्केल के बयानों के बाद यूरोपीय बाजार में उछाल देखने को मिला.

सोमवार को मैर्केल फ्रांस की राजधानी पेरिस जा रही हैं, जहां वे फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोला सारकोजी के साथ मिल कर सख्त बजटीय नीति पर चर्चा करने वाली हैं. सारकोजी इस मुद्दे पर जर्मनी के साथ खड़े दिखते हैं. वह समझौते के हक में हैं लेकिन यूरोपीय कमीशन और यूरोपीय न्यायालय जैसी अहम संस्थाओं को ज्यादा अधिकार दिए जाने के बारे में कुछ नहीं कह रहे हैं.

मैर्केल ने यूरो के बचाव के अपने प्रयासों पर उठ रहे सवाल का भी जवाब दिया. उन्होंने जर्मन संसद में कहा कि यह कहना गलत है कि जर्मनी यूरोप पर काबू रखना चाह रहा है. मैर्केल ने कहा कि वह अगले शुक्रवार को होने वाली बैठक से पहले हर किसी से बात कर रही हैं और करने को तैयार हैं. कई जानकारों का कहना है कि यूरो मुद्रा को बचाने की दिशा में शुक्रवार की बैठक आखिरी कोशिश साबित हो सकती है.

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तस्वीर: picture alliance/dpa

मैर्केल का यह बयान ऐसे वक्त में आया है, जब ग्रीस की जनता अपनी नई सरकार के खिलाफ भी सड़कों पर उतर आई है और स्पेन में बेरोजगारी 15 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है.

मैर्केल के बयान के बाद बाजार ने राहत की सांस ली. यूरोप के ज्यादातर शेयर बाजार ऊपर की ओर उठे, जबकि डॉलर और येन के मुकाबले यूरो की स्थिति भी ठीक हुई.

रिपोर्टः रॉयटर्स, एएफपी/ए जमाल

संपादनः एन रंजन

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