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लीबिया में गोलीबारी, 200 मौतों की आशंका

२० फ़रवरी २०११

लीबियाई नेता मुअम्मर अल गद्दाफी के सैनिकों ने सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर एक बार फिर से गोलियां चलाई हैं. बेनगाजी शहर में हुए इस गोलीकांड के बाद एक डॉक्टर के मुताबिक अब तक कम से कम 200 लोगों की मौत हुई है.

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तस्वीर: dapd

रविवार को प्रदर्शन के दौरान टांग में गोली लगने की वजह से घायल हुए एक व्यक्ति ने बताया कि प्रदर्शनकारी पहले मारे गए लोगों को दफनाने के लिए जा रहे थे. जब जनाजा लीबिया के दूसरे सबसे बड़े शहर बेनगाजी के गद्दाफी कंपाउंड से गुजरा तो पहले सुरक्षा बलों ने हवा में गोलियां चलाईं. उसके बाद वे जनाजे में शामिल लोगों पर गोलियां चलाने लगे. अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा कि चार घायल लोगों को उनके पास लाया गया जिनमें से दो की हालत काफी गंभीर है.

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तस्वीर: AP

शनिवार को भी बेनगाजी में भीषण गोलीबारी हुई थी. समाचार एजेंसी एएफपी ने चश्मदीद गवाहों के हवाले से कहा है कि गोली चलाने वालों में विशेष कमांडो, विदेशी लड़ाके और गद्दाफी के समर्थक शामिल हैं. कई हमलावरों ने तो चाकुओं और भारी हथियारों से भी प्रदर्शनकारियों पर हमले किए. शनिवार को भी एक जनाजे पर ही हमला किया गया था.

उधर मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच ने कहा है कि मरने वालों की संख्या 100 के पार पहुंच गई है. संगठन का कहना है कि सरकारी दमन और बर्बर हो सकता है क्योंकि प्रदर्शन राजधानी त्रिपोली के नजदीक पहुंच गए हैं. एएफपी ने कहा है कि त्रिपोली से 200 किलोमीटर दूर मिसराता में भी सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुई हैं. मिसतारा में लोग बेनगाजी के प्रदर्शनकारियों के समर्थन में सड़कों पर निकले लेकिन उन्हें हिंसक दमन का सामना करना पड़ा.

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मोअम्मर गद्दाफीतस्वीर: picture alliance/dpa

मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने लीबियाई नेता गद्दाफी ने अपील की है कि अपने सुरक्षाबलों को फौरन रोकें. खबरें हैं कि सुरक्षाबल मशीनगन और दूसरे भारी हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं.

ह्यूमन राइट्स वॉच के टॉम पोरटियस का कहना है कि लीबिया से सही खबरें नहीं आ पा रही हैं इसलिए तस्वीर साफ नहीं हो सकी है. उन्होंने कहा, "लीबिया से संचार बेहद मुश्किल है, इसलिए हमें जितना पता है वह अधूरी तस्वीर है. कल से वहां मारकाट शुरू हुई है और हम फिक्रमंद हैं कि सभी संचार माध्यमों पर भी पाबंदियां लगा दी गई हैं."

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः महेश झा

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