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वांटेड बशीर का चीन में भव्य स्वागत

३० जून २०११

अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत ने सूडान के राष्ट्रपति ओमर अल बशीर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है लेकिन फिलहाल वे चीन के राजकीय दौरे पर हैं. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य चीन ने बशीर का भव्य स्वागत किया.

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तस्वीर: AP

अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत की नजर में भगोड़े अपराधी बशीर का चीनी राष्ट्रपति हू जिंताओं ने लाल कालीन पर शानदार अंदाज में स्वागत किया. हू ने सूडान को चीन को अहम साथी बताया और वित्तीय मदद देने की गारंटी दी. स्वागत समारोह में हू ने कहा, "मिस्टर बशीर, आप एक मेहमान हैं जो बहुत दूर से यात्रा करके आए हैं. हम आपका स्वागत करते हैं." जवाब में बशीर ने चीन और सूडान को 'दोस्त और भाई' कहा.

जनसंहार और युद्ध अपराध के आरोपी सूडानी राष्ट्रपति के इस कदर स्वागत से अमेरिका और मानवाधिकार संगठन नाराज हैं. पश्चिमी देशों की नाराजगी की रत्ती भर भी परवाह न करते हुए चीन ने साफ कर दिया है कि वह भविष्य में भी सूडान के साथ खड़ा रहेगा. चीन सूडान से सबसे ज्यादा तेल आयात करता है. तेल के बदले बीजिंग सूडान को बड़े पैमाने पर हथियार बेचता है.

NO FLASH Omar al-Bashir
तस्वीर: picture-alliance/dpa

बशीर चीन से पहले भी कुछ देशों का दौरा कर चुके हैं लेकिन वहां उनका ठंडा स्वागत हुआ. बशीर के खिलाफ दारफूर नरसंहार मामले में जनसंहार और युद्ध अपराध के आरोप हैं. अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत ने बशीर को वांटेड करार देते हुए उनके खिलाफ वारंट जारी किया है. पश्चिमी सूडान के दारफूर इलाके में 2003 से अब तक 3,00,000 लोग मारे जा चुके हैं.

वारंट का मतलब है कि संयुक्त राष्ट्र से जुड़ा कोई भी देश बशीर को गिरफ्तार कर सकता है और उन्हें अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत के हवाले कर सकता है. अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत के मुकदमे पर परवाह किए बिना चीनी राष्ट्रपति हू ने कहा, "चीन ठोस ढंग से सूडान के प्रति दोस्ताना नीति जारी रखेगा. सूडान की आंतरिक स्थिति या अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों में चाहे कैसा ही बदलाव हो, यह नीति जारी रहेगी." चीन और सूडान के बीच बीते एक दशक में व्यापारिक और तकनीकी आदान प्रदान के संबंध काफी मजबूत हुए हैं.

हू से मुलाकात के बाद चीन के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, "राष्ट्रपति बशीर के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत के मुकदमे को लेकर हमारा विचार संरक्षित है." लेकिन चीन के सामने अब सूडान को लेकर एक समस्या खड़ी हो रही है. नौ जुलाई को अफ्रीकी महाद्वीप का सबसे बड़ा देश सूड़ान दो हिस्सों में बंट जाएगा. तेल भंडार वाले इलाके दक्षिणी सूडान में हैं. फिलहाल इन इलाकों के लिए दोनों पक्षों में संघर्ष चल रहा है. वहां अंतरराष्ट्रीय शांति सेना भेजे जाने की बात की जा रही है. बीजिंग के सामने मुश्किल है वह उत्तरी सूडान के साथ रहे या दक्षिणी सूडान के साथ. दक्षिणी सूडान ईसाई और उत्तरी सूडान मुस्लिम बहुल इलाका है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: एस गौड़

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