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विवादों के बाद जासूसी की समीक्षा

२९ अक्टूबर २०१३

अमेरिकी संसद की इंटेलिजेंस कमेटी की प्रमुख डाएन फाइनश्टाइन ने अमेरिका के सभी खुफिया कार्यक्रमों की समीक्षा करने को कहा है. इस बीच जर्मनी में अमेरिका और यूरोपीय संघ के बीच हुए स्विफ्ट समझौते को रद्द करने की मांग उठी.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

सोमवार को जर्मनी ने एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि अमेरिका आतंकवाद पर नजर रखने वाली जर्मन कानूनी प्रक्रिया से दूर किया जा सकता है. 9/11 के हमलों के बाद अमेरिका ने यूरोपीय संघ से बैंक लेन देन की जानकारी साझा करने का करार किया था. जर्मन अधिकारी ने आरोप लगाया कि अमेरिका इन जानकारियों का इस्तेमाल आतंकवाद के बजाए आर्थिक जासूसी के लिए कर रहा है. उन्होंने यूरोप और अमेरिका के बीच हुए स्विफ्ट करार को रद्द करने की मांग की है. सोमवार को ही ये जानकारी भी सामने आई कि अमेरिका ने हर महीने स्पेन में छह करोड़ फोन टेप किये. अब स्पेन भी अमेरिका से जबाव मांग रहा है.

इस बीच यूरोपीय संघ के अधिकारियों का एक दल अभी वॉशिंगटन में है. उन्हें अमेरिकी अधिकारियों से मुक्त व्यापार संधि के बारे में चर्चा करनी थी, लेकिन माना जा रहा है कि इस चर्चा में यूरोप अब तभी आगे बढ़ेगा जब अमेरिका जासूसी को लेकर बड़े कदम उठाएगा.

जासूसी विवाद के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की विश्वसनीयता पर ही सवाल उठने लगे हैं. हालांकि राष्ट्रपति का कहना है कि उन्हें एनएसए की हरकतों के बारे में कुछ भी पता नहीं था. विवाद सामने आने के बाद सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एनएसए की हरकतों की पहली बार आलोचना की, "खुफिया एजेंसियों की कुछ जिम्मेदारियां हैं, उन्हें वो ही पूरी करनी चाहिए." राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी पर 35 देशों के राष्ट्र प्रमुखों की जासूसी करने का आरोप है. इनमें फ्रांस, मेक्सिकों, स्पेन और जर्मनी भी शामिल हैं जो अमेरिका के करीबी दोस्त हैं. एनएसए के प्रमुख को इस सिलसिले में अमेरिकी संसद के सामने भी पेश होना है. उन्हें अपनी एजेंसी की कार्रवाइयों पर सफाई देनी होगी.

Protest in den USA NSA Überwachung
स्पेन में अमेरिका का विरोधतस्वीर: Getty Images

सोमवार को इसी बात की तसदीक करते हुए सत्ताधारी डैमोक्रेटिक पार्टी की प्रभावशाली सांसद और सीनेट की इंटेलिजेंस कमेटी की प्रमुख डाएन फाइनश्टाइन ने कहा, "अमेरिका के सहयोगियों फ्रांस, स्पेन, मेक्सिको और जर्मनी के नेताओं की एनएसए द्वारा जुटाई गई खुफिया जानकारी, मैं साफ कहती हूं कि मैं पूरी तरह इसका विरोध करती हूं." फाइनश्टाइन ने ये भी कहा कि एनएसए की कार्रवाई से अमेरिका अपने करीबी सहयोगियों से रिश्ते बिगाड़ रहा है. जासूसी कार्यक्रमों में बदलाव की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका को "मित्र राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों के फोन और ईमेल का डाटा" नहीं जुटाना चाहिए. अगर ऐसा करना भी है तो इसके लिए राष्ट्रपति की मंजूरी ली जानी चाहिए.

अमेरिका की नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की प्रवक्ता कैटलिन हेडन ने फाइनश्टाइन के बयान पर प्रतिक्रिया देने से इनकार किया. उन्होंने कहा कि फिलहाल प्रशासन की दो निगरानी शाखाएं खुफिया प्राथमिकताओं की समीक्षा कर रही हैं. दोनों शाखाएं ये देख रही हैं कि अमेरिकी जासूसी कार्यक्रम आखिर कैसे काम करते हैं. मंगलवार को संसद की इंटेलिजेंस कमेटी में सुनवाई होनी है. इसमें सुधारों पर चर्चा की जाएगी.

ओएसजे/एमजे (एपी, डीपीए)

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