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व्यापक एजेंडे के साथ मैर्केल भारत दौरे पर

३० मई २०११

जर्मन विदेश मंत्री गीडो वेस्टरवेले के बाद चांसलर अंगेला मैर्केल भी भारत के दौरे पर जा रही हैं. इस दौरान कार्बन उत्सर्जन कटौती पर बहस तो होगी ही, लेकिन मैर्केल की यात्रा दोनों देशों के बीच साझेदारी के लिए भी अहम होगा.

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Bundeskanzlerin Angela Merkel (CDU) und Indiens Ministerpraesident Manmohan Singh stehen am Samstag (11.12.10) im Bundeskanzleramt in Berlin waehrend der Begegnung mit der Presse nebeneinander. Singh trifft waehrend seines Kurzbesuchs in Deutschand mit Merkel und Bundespraesident Christian Wulff zusammen. Foto: Michael Gottschalk/dapd
मनमोहन सिंह के साथ मैर्केलतस्वीर: dapd

वेस्टरवेले रविवार को भारत के दौरे पर पहुंचे. वह सोमवार को भारतीय विदेश मंत्री एसएम कृष्णा से मिलेंगे. मंगलवार को दोनों देश की सरकारों के बीच शीर्ष स्तरीय आधिकारिक बातचीत में वेस्टरवेले तो मौजूद नहीं होंगे लेकिन वे दोनों सरकारों के बीच औपचारिक बैठक की तैयारी करेंगे.

जलवायु पर होगी बहस

मैर्केल ने कहा है कि भारत को कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन कम करने के लिए कानूनी तौर पर बाध्य सीमाएं लागू करनी होंगी. हालांकि उन्होंने जर्मन मीडिया में कह दिया है कि जलवायु परिवर्तन के सवाल पर भारत दौरे से ज्यादा उम्मीदें नहीं हैं, क्योंकि "इस सिलसिले में बहुत गहराई तक जाना होगा और इस बार यह संभव नहीं हो पाएगा."

German Chancellor Angela Merkel with Indian Prime Minister Manmohan Singh ( R) during her ceremonial welcome at Indian president house in New Delhi, India on 30 October 2007. Chancellor Merkel is in India on her four-day official visit which is expected to be dominated by talks on trade and global warming. EPA/HARISH TYAGI +++(c) dpa - Report+++
तस्वीर: picture-alliance/ dpa

भारतीय संसद ने तय किया है कि वह स्वेच्छा से उत्सर्जन कटौती की सीमा तय कर रहा है. डॉयचे वेले से बातचीत में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आरके जैन ने कहा, "अब तक इस बारे में मतभेद रहा है कि जलवायु परिवर्तन से कैसे निपटा जाए. जर्मनी सतत विकास और अक्षय ऊर्जा के मामले में आगे हैं, लेकिन कई स्तरों पर भारत अब भी विकासशील है. इसलिए मामले को अलग तरह से देखा जा रहा है और साथ ही भारतीय राजनीति को भी."

जैन का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के प्रमुख का चुनाव भी दोनों देशों के बीच चर्चा का मुद्दा बनकर उभरेगा.

मैर्केल को सम्मान

मैर्केल की यह भारत यात्रा इस लिहाज से खास है कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय समझ के लिए जवाहरलाल नेहरू पुरस्कार से नवाजा जा रहा है. मैर्केल की यात्रा का मकसद दोनों देशों के संबंधों को आगे बढ़ाना तो है ही, साथ ही वह अपने देश के व्यापार को बढ़ावा देने और भारत में जर्मनी को लेकर दिलचस्पी बढ़ाने की भी कोशिश करेंगी.

Bundeskanzlerin Angela Merkel, rechts, empfaengt am Sonntag, 23. April 2006, den indischen Ministerpraesidenten Manmohan Singh in den Herrenhaeuser Gaerten in Hannover mit militaerischen Ehren. Merkel und Singh werden am Abend die Hannover Messe offiziell eroeffnen. (AP Photo / Kai-Uwe Knoth) -- German Chancellor Angela Merkel, right, and India's Prime Minister Manmohan Singh, left, walk past a military parade upon Singh's official welcome at the Herrenhaeuser Gardens in Hanover, northern Germany, on Sunday, April 23, 2006. Merkel and Singh will open the Hanover industrial fair later on Sunday evening. (AP Photo/Kai-Uwe Knoth)
तस्वीर: AP

भारत में 2011 को जर्मनी का साल घोषित किया गया है. मैर्केल इस मौके पर होने वाले कार्यक्रमों का उद्घाटन करेंगी. मैर्केल ने कहा कि जर्मनी और भारत के बीच साझीदारी में 'अनंत संभावनाएं' हैं और भारत आर्थिक तौर पर तेजी से बढ़ रहा है. प्रोफेसर जैन मानते हैं कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के पड़ोसी और दक्षिण एशिया के एक बड़े देश होने के नाते भी भारत जर्मनी के लिए खास अहमियत रखता है. भारत के बाद मैर्केल सिंगापुर जाएंगी जहां वह मानवाधिकार हनन और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अपने विचार वहां की सरकार के सामने पेश करेंगी.

रिपोर्टः एजेंसियां/एमजी

संपादनः ए कुमार

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