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संकट से घिरे यूरोप के नेता फिर ब्रसेल्स में

२३ अक्टूबर २०११

यूरोजोन के वित्तीय संकट का हल खोजने के लिए दुनियाभर का दबाव झेल रहे यूरोपीय संघ के नेता ब्रसेल्स में रविवार को फिर मिले और इस बार बात सिर्फ बतियाने पर नहीं, कुछ करने पर हुई. कई नेताओं ने कहा कि यह फैसले लेने का वक्त है.

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फ्रांस के राष्ट्रपति निकोला सारकोजीतस्वीर: dapd

फ्रांस में 3 नवंबर को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के समूह जी 20 की बैठक होनी है. 27 सदस्यों वाले यूरोपीय संघ पर दबाव है कि उस बैठक से पहले ग्रीस और इटली समेत कई देशों में पांव फैला रहे वित्तीय कर्ज संकट का ठोस हल तलाश करे.

सबकी अपनी राय

ब्रसेल्स में बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे बेल्जियम के प्रधानमंत्री यवेस लेतेर्मे ने कहा, “कल सुबह बाजार खुलने से पहले तक कुछ ठोस हासिल करना बहुत जरूरी है ताकि यूरोजोन की विश्वसनीयता खतरे में न पड़े.” संकट में फंसे ग्रीस के प्रधानमंत्री जॉर्ज पापांद्रेउ भी शामिल हुए. उन्होंने कहा कि यह यूरोपीय बनकर प्रभावशाली फैसले लेने का वक्त है.

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ग्रीस के प्रधानमंत्री जॉर्ज पापांद्रेउतस्वीर: dapd

लेकिन यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल ने आगाह किया कि बुधवार को दूसरे दौर की बैठक से पहले किसी तरह की उम्मीद करना सही नहीं होगा. मैर्केल ने कहा, “हम जिस बारे में बात कर रहे हैं उसकी प्रक्रिया तकनीकी रूप से बहुत जटिल है. इसलिए हमें बहुत सोच समझकर एक एक बात पर विचार करके काम करना होगा. आप आज तो यूरोजोन के नेताओं से किसी फैसले की उम्मीद नहीं कर सकते.”

यूरो जोन के नेताओं पंचसूत्रीय एजेंडे पर बात करनी है. बैठक में यूरोजोन के लिए राहत फंड बनाना, ग्रीस के लिए और ज्यादा राहत, बैंकों का दोबारा पूंजीकरण, विकास को प्रोत्साहन और बजट अनुशासन व आर्थिक तालमेल पर विचार होना है.

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने चेतावनी दी है कि यूरोजोन संकाट का पूरे यूरोप की अर्थव्यवस्था पर खतरनाक असर हो सकता है. ऑस्ट्रिया के चांसलर वेर्नर फेमान ने की चेतावनी वित्तीय बाजारों से जुड़ी थी. उन्होंने कहा, “आप वित्तीय बाजारों को नजरअंदाज नहीं कर सकते. वे अहम हैं. हम ऐसे राजनीतिक फैसले करें जो हमें बाजारों से आजाद कर सकें.”

बाकी बचे संकट

शुक्रवार को ब्रसेल्स में यूरोप के वित्त मंत्रियों की बैठक में रविवार की बैठक का रास्ता तैयार किया गया. और शनिवार को मंत्रियों ने ग्रीस के लिए नए राहत पैकेज को मंजूरी देकर उम्मीद बंधाई. साथ ही बैंकों के लिए कड़े नियमों की भी बात कही गई. लेकिन यूरोजोन के राहत फंड की सीमा बढ़ाए जाने का मुद्दा अभी अधर में ही लटका हुआ है.

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जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केलतस्वीर: dapd

इस फंड का इस्तेमाल स्पेन और इटली जैसी खतरे की जद में पड़ीं अर्थव्यवस्थाओं को संकट आने से पहले ही बचा लेने के लिए होना है. ग्रीस के लिए एक और राहत पैकेज पर भी बात होनी है. ऐसी संभावनाएं हैं कि बैंकों को ग्रीस की होल्डिंग्स की कीमत पर कटौती करने को कहा जाएगा. रविवार को ही यूरोजोन के अधिकारी बैंकों के प्रतिनिधियों से मिल रहे हैं. लेकिन ग्रीस के प्रधानमंत्री की कोशिश है कि यह संकट विस्तृत माना जाए. उन्होंने कहा, “यह सिर्फ ग्रीस का संकट नहीं है. ग्रीस बार बार साबित कर चुका है कि हम अपनी अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए जरूरी फैसले ले रहे हैं. हम एक सम्माननीय देश हैं और जो हम कर रहे हैं उसे सम्मान मिलना ही चाहिए.”

रिपोर्टः डीपीए/एएफपी/वी कुमार

संपादनः एन रंजन

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