1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

संयुक्त सैन्य अभ्यास करेंगे भारत चीन

४ सितम्बर २०१२

भारत और चीन चार साल के अंतराल के बाद दोबारा संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू करने जा रहे हैं. भारतीय रक्षा मंत्री एके एंटनी ने चीन के रक्षा मंत्री के साथ बातचीत के बाद यह घोषणा की.

https://p.dw.com/p/163GA

"हमने (संयुक्त सैन्य अभ्यास) को दोबारा शुरू करने का फैसला किया है." एके एंटनी ने भारत दौरे पर आए चीनी रक्षा मंत्री जनरल लियांग ग्वांगलिये के साथ मिलकर यह घोषणा की. चीन और भारत के बीच बातचीत रविवार को शुरू हुई. 2008 में वीजा मुद्दे को लेकर एशिया के दो बड़े ताकतों ने सैन्य अभ्यास को रोकने का फैसला लिया था.

लेकिन अब संबंध सामान्य होते दिख रहे हैं. एंटनी ने कहा, "हमने दक्षिण एशिया और एशिया प्रशांत की स्थिति के बारे में विस्तार से बात की. हमने बहुत खुले तरीके से बात की है, सीमा मुद्दों पर भी." भारत सरकार के एक प्रवक्ता ने यह भी कहा कि दोनों मंत्री अदन की खाड़ी और सोमालियाई तट के आसपास समुद्री डकैतों को रोकने के लिए खास योजनाएं बना रहे हैं.

1962 से लेकर अब तक भारत और चीन के बीच सीमा विवाद का साया लगभग हर कूटनीतिक बैठक पर छाया रहा है. 1962 में अरुणाचल प्रदेश की सीमा को लेकर चीन और भारत के बीच युद्ध भी हुआ था. चीन और भारत सीमा पर चीन की सेना का तैनात होना भारत के लिए चिंता का विषय बन रहा है. साथ ही, बांग्लादेश और श्रीलंका में चीन का बढ़ता प्रभाव भारत के लिए और परेशानी का संकेत इसलिए है क्योंकि अब तक भारत इन देशों में चीन के मुकाबले ज्यादा सक्रिय रहा है. तिब्बत मामले ने भी भारत और चीन के बीच तनाव पैदा किया है. मंगलवार को बैठक के दौरान सुरक्षा बंदोबस्त खास तौर पर तिब्बती प्रदर्शनों को रोकने के मकसद से किए गए. रविवार को तिब्बती संगठनों ने नई दिल्ली के चीनी दूतावास के सामने प्रदर्शन किए.

वहीं चीन के रक्षा मंत्री लियांग का कहना है कि दोनों देशों के नेताओं ने उच्च स्तरीय बैठकों और नौसेना सुरक्षा पर कुछ अहम फैसले लिए हैं. दोनों देशों की नौसेनाएं भी सहयोग करने की योजना बना रही हैं. लियांग का कहना है कि भारत के रक्षा मंत्री से उनकी बातचीत "स्पष्ट और व्यावहारिक" रही. भारत से पहले श्रीलंका का दौरा कर रहे लियांग ने कहा कि वे दूसरे देशों के साथ तालमेल चाहते हैं. "चीन की सेना दोस्ती और सहयोग के संबंध चाहती है और उसका मकसद दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देना है, वह किसी तीसरे देश के खिलाफ नहीं है." हिंदू अखबार से बात कर रहे लियांग ने कहा कि उनकी सेना ने कभी भी पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में अपने सैनिक तैनात नहीं किए हैं.

चीन और भारत के संयुक्त सैन्य अभ्यास पहली बार चीन के कनमिंग में 2007 को आयोजित किए हए. दूसरा अभ्यास 2008 में बेलगाम में हुआ. तीसरा अभ्यास इसलिए रद्द किया गया क्योंकि चीन ने कश्मीर में तैनात एक भारतीय सैन्य अधिकारी को वीजा देने से मना कर दिया.

एमजी/(पीटीआई, रॉयटर्स, एएफपी)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी