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समाजिक विकास के नाम पर फिसड्डी भारत

८ जनवरी २०१२

सामाजिक विकास के पैमाने को देखा जाए तो भारत चीन से बहुत ही पीछे है. नोबेल पुरस्कार विजेता भारतीय अर्थशास्त्री डॉक्टर अमर्त्य सेन के मुताबिक सामाजिक क्षेत्र में भारत की स्थिति अपने छोटे और गरीब पड़ोसियों से भी बुरी है.

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तस्वीर: AP

पुणे में इंडियन इकोनोमिक एसोसिएशन के कार्यक्रम में डॉक्टर सेन ने सामाजिक सुधारों के लिए चीन की तारीफ की. भारत और चीन की तुलना करते हुए उन्होंने कहा, "बहुत बड़ा अतंर है. सामाजिक पैमाने पर चीन बेहतरीन प्रदर्शन करने वालों में से एक है."

भारतीय अर्थव्यवस्था और सामाजिक क्षेत्र पर उसके अच्छे असर का आंकलन करते हुए सेन ने कहा, "जो देश इस दिशा में चीन से भी कम प्रयास कर रहे हैं वह भी इस मामले में भारत से बहुत अच्छा काम कर रहे हैं." डॉक्टर सेन भारत के आर्थिक विकास को लेकर बहुत ज्यादा उत्साहित नहीं दिखाई पड़े. उनके मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था आमदनी के मामले में कई देशों की पछाड़ रही है लेकिन जब जीवन स्तर की बात होती है तो भारत बहुत पीछे खड़ा नजर आता है.

Buchcover: Sen - Ökonomie Menschen
जर्मन भाषा में अनुवादित डॉक्टर सेन की किताब

नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री कहते हैं कि दक्षिण एशिया में ही कई देश सामाजिक क्षेत्र में भारत से कहीं आगे हैं. आर्थिक विकास के साथ होने वाले सामाजिक विकास के पैमाने पर भारत दक्षिण एशिया में पीछे से दूसरे नंबर पर है. दक्षिण एशिया में भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, भूटान और बांग्लादेश हैं. भारत दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा और दुनिया में सातवां बडा़ देश है.

आर्थिक तरक्की और जीवन स्तर के विकास का संबंध काफी गहरा है. यह समीकरण कई बातों पर आधारित रहता है. इसका एक प्रमुख आधार यह भी है कि आर्थिक विकास के द्वारा जुटाए गए सार्वजनिक धन का क्या किया गया. इस धन से कैसे आम लोगों का जीवन स्तर सुधारा गया.

हां, वैसे भ्रष्टाचार की बात की जाए तो भारत बीते दो साल से सुर्खियों में है. 2जी, आदर्श सोसाइटी और कॉमनवेल्थ जैसे घोटाले साफ बताते हैं कि भारत में जनता का पैसा कैसे डकारा जाता है.

रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह

संपादन: एम गोपालकृष्णन

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