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सागर विवाद पर चीन और आसियान की बैठक आज

२० जुलाई २०११

दक्षिण पूर्व एशियाई देश उन नए दिशानिर्देशों के मसौदे पर सहमत हो गए हैं जो विवादास्पद दक्षिण चीन सागर से जुड़े पक्षों पर लागू होंगे. तेल और गैस से मालामाल दक्षिण चीन सागर में हाल के दिनों में तनाव बढ़ गया है.

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तस्वीर: dapd

हाल के हफ्तों में वियतनाम और फिलीपींस ने आरोप लगाए कि चीन संवेदनशील इलाकों में घुसपैठ कर रहा है और उनके पोतों को परेशान किया जा रहा है. वहीं चीन का आरोप है कि वियतनाम की नौकाएं गैरकानूनी रूप से उसकी जलसीमा में घुस रही हैं जिससे चीनी मछुवारों को खतरा पैदा हो रहा है.

बाली में दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन आसियान के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद इंडोनेशिया के विदेश मंत्री मारती नातालेगावा ने बताया, "दिशा निर्देशों के मसौदे पर सहमति हो गई है और उसे चीन के सामने पेश किया जाएगा." बुधवार को आसियान और चीन के वरिष्ठ अधिकारी इस मसौदे पर विचार करने के लिए मिल रहे हैं. आसियान देशों के विदेश मंत्री गुरुवार को चीन के विदेश मंत्री यांग चिएची से मिलेंगे.

18th ASEAN Gipfel 2011 Indonesien
तस्वीर: dapd

2002 में आसियान और चीन ने अबाध्यकारी घोषणापत्र पर सहमति जताई जिसके मुताबिक सभी पक्ष अपने मुद्दे यथास्थिति का सम्मान करते हुए और शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने पर राजी हुए. नातालेगावा ने कहा कि अगला कदम विवाद से जुड़े देशों के लिए आचार संहिता तैयार करना है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर मुद्दे को नहीं सुलझाया गया तो इससे प्रशांत एशिया क्षेत्र में और विभाजन होगा.

इससे पहले मंगलवार को इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुशीलो बामबांग युधोयोनो ने आसियान और चीन से आग्रह किया कि वे समझौते के लिए अपनी कोशिशें बढ़ाएं. उन्होंने बाली बैठक के उद्घाटन पर यह बात कही. चीन चाहता है कि विवादों को आमने सामने बैठ कर हल किया जाए और अमेरिका इस बारे में कोई दखल न दे.

आसियान संगठन में ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, मलेशिया, लाओस, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एन रंजन

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