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सूडान में हवाई हमले से तेज हुई जंग

२४ अप्रैल २०१२

सूडान के जंगी जहाजों ने दक्षिणी सूडान के तेल भंडार वाले सीमावर्ती इलाकों पर रात भर बमबारी की है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से दोनों पक्षों को संयम बरतने की मांग के बावजूद इलाके में हिंसा का दौर जारी.

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तस्वीर: Reuters

सूडानी बमवर्षकों ने दक्षिण के पानाक्वाश के साथ ही लालोप और तेश्विव को भी निशाना बनाया. यह वो इलाका है जिस पर दोनों अपनी दावेदारी जताते हैं. यहां पिछले दिनों बहुत तेज जंग हुई है. प्रांत के गवर्नर ताबान डेंग ने बताया कि हवाई हमले में सीमा के 25 किलोमीटर भीतर तक के इलाके पर बमबारी हुई है. इसके पहले सोमवार को राजधानी बेनटियू पर भी हमला किया गया जो मंगलवार सुबह तक जारी रहे. हवाई हमले के बाद प्रभावित इलाकों में जलती दुकानें, बाजार और घर दिख रहे हैं तो कहीं से भारी धुंआ उठ रहा है. लोग चीखते चिल्लाते सुरक्षित ठिकानों की तलाश में भागते हुए नजर आए. हमले में दो बच्चों के मारे जाने की भी बात कही जा रही है.

Südsudan Rubkona Markt Bombardement Angriffe
तस्वीर: AP

डेंग ने बताया, "बहुत से लोग घायल हुए हैं, उन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, इनमें से कुछ किसान हैं और कुछ सैनिक." पिछले महीने सूडान और दक्षिण सूडान के बीच सीमावर्ती इलाकों पर दावेदारी को लेकर जंग शुरू हो गई. दोनों तरफ से बड़ी संख्या में सैनिक बैरकों से निकल कर मोर्चे पर डट गए. इसके साथ ही डेंग ने यह भी बताया कि अगर हवाई हमले की बात छोड़ दें तो मोर्चे पर फिलहाल शांति है. हालांकि दक्षिणी सूडान के मिलिट्री इंटेलिजेंस के उप निदेशक मैक पॉल ने चेतावनी दी है, "हमारे सूत्रों ने जानकारी दी है कि सूडान की सेना बेनटियू पर हमले की तैयारी कर रही है."

Sudan Südsudan Rubkona Markt Bombardement Hass Zorn
तस्वीर: Reuters

बेनटियू सीमा से करीब 60 किलोमीटर दूर है जहां सूडान की सेना तैनात है. बड़ी संख्या में दक्षिणी सूडान के सैनिक और टैंक भी सीमावर्ती इलाकों में रक्षा पंक्ति को मजबूत करने के लिए तैनात कर दिए गए हैं. दक्षिण सूडान का कहना है कि उसने अपने सैनिकों को तेल के कुंओं वाले शहर हेगलिग से बाहर निकालने का काम पूरा कर लिया है. हेगलिग पर खारतूम की सेना ने 10 अप्रैल को कब्जा कर लिया था. हालांकि दक्षिण सूडान ने चेतावनी दी है कि अगर हवाई हमले बंद नहीं हुए तो वह वहां दोबारा घुस आएगा.

सूडान के राष्ट्रपति उमर अल बशीर ने सोमवार को हेगलिग का दौरा किया और कहा कि दक्षिणी सूडान की सरकार के साथ बातचीत का वक्त निकल चुका है. इसके पहले उन्होंने दक्षिणी सूडान को "कीड़ा" बताते हुए कहा था कि इसका मसला जाना जरूरी है. उधर डेंग का कहना है, "हम सूडान की वायु सेना की दया पर जिंदा नहीं रह सकते. अगर कुछ नहीं किया गया तो हम जवाबी हमला करेंगे और हम इस बारे में बेहद गंभीर हैं."

Südsudan China Besuch Präsident Salva Kiir in Peking Hu Jintao
तस्वीर: AP

उधर संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने हवाई हमलों की निंदा की है और नेताओं से जंग खत्म करने को कहा है. बान की मून की प्रवक्ता ने कहा, "उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि सूडान और दक्षिण सूडान के बीच विवादों का हल जंग के रास्ते नहीं हो सकता. उन्होंने राष्ट्रपति बशीर औऱ राष्ट्रपति कीर से बात की है और दोनों को आगे लड़ाई छोड़ कर जितनी जल्दी हो सके बातचीत की मेज पर लौटने के लिए कहा है." अमेरिका और यूरोपीय देशों की तरफ से भी हवाई हमलों की कड़ी निंदा की गई है और जंग का रास्ता छोड़ कर बातचीत की मेज पर आने के लिए कहा गया है.

सूडान के दोनों इलाकों के बीच 1983 से 2005 तक चले गृहयुद्ध के बाद हेगलिग में हुई हिंसा सबसे बड़ी त्रासदी रही है. सूडान के एक कमांडर के मुताबिक यहां दक्षिण सूडान के कम से कम 1000 सैनिक मारे गए हैं.

दक्षिणी सूडान के राष्ट्रपति सालवा कीर फिलहाल चीन की यात्रा पर गए हैं और समझा जाता है कि वो उसकी मदद पाने के लिए कोशिश कर रहे हैं. हालांकि जानकारों का मानना है कि इस बात की संभावना बहुत कम है कि चीन इस मामले में किसी एक का पक्ष लेगा. इसकी बजाय चीन भी दोनों से बातचीत के जरिए ही मामले को हल करने की बात कहेगा. कूटनीतिक रूप से अलग थलग पड़े सूडान के साथ चीन के अच्छे संबंध रहे हैं लेकिन वह दुनिया के सबसे नए देश दक्षिणी सूडान से भी बैर नहीं करना चाहेगा जिसके पास तेल का एक बड़ा भंडार है.

एनआर/एमजे(एएफपी, रॉयटर्स)

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